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अमेरिकी नीति में परिवर्तन से विदेशी कामगारों के लिए खतरा - विदेशी कामगारों के लिए खतरा

न्यू ऑर्लीन्स में आव्रजन अधिवक्ताओं ने अमेरिकी नीति परिवर्तन को विदेशी कामगारों के लिए खतरा बताया है. 'न्यू ऑर्लीन्स वर्कर्स सेंटर फॉर रेशियल जस्टिस' द्वारा वाशिंगटन में दायर याचिका कामगारों को देश निकाला से बचाने के लिए जारी किए जाने वाले वीजा से संबंधित है, जब वे कार्यस्थल पर अपराध की जानकारी देते हैं.

अमेरिकी नीति परिवर्तन विदेशी कामगारों के लिए खतरा
अमेरिकी नीति परिवर्तन विदेशी कामगारों के लिए खतरा
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Published : Jul 8, 2020, 5:20 PM IST

न्यू ऑर्लीन्स : न्यू ऑर्लीन्स में अधिवक्ताओं ने एक याचिका दायर कर कहा है कि अमेरिकी श्रम मंत्रालय द्वारा पिछले साल सरकारी नियमों में किए गए परिवर्तन से विदेशी कामगार कार्यस्थल पर होने वाले दुर्व्यवहार या मानव तस्करी की जानकारी देने में डरेंगे क्योंकि उन्हें उनके देश लौटा दिए जाने का भय रहेगा.

'न्यू ऑर्लीन्स वर्कर्स सेंटर फॉर रेशियल जस्टिस' द्वारा वाशिंगटन में दायर याचिका कामगारों को देश निकाला से बचाने के लिए जारी किए जाने वाले वीजा से संबंधित है, जब वे कार्यस्थल पर अपराध की जानकारी देते हैं.

याचिका में कहा गया कि पिछले साल, श्रम मंत्रालय के वेतन एवं कार्य के घंटे विभाग (डब्ल्यूएचडी) ने आवेदनों को स्वीकार करने से पहले 'यू' और 'टी' वीजा के रूप में जाने जाने वाले ऐसे वीजा का उल्लेख कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समक्ष करना जरूरी बना दिया.

कोलंबिया जिले के लिए अमेरिकी जिला अदालत में दायर याचिका में कहा गया कि 'आपराधिक कानून प्रवर्तन रेफरल और अनुमोदन पर प्रमाणन की शर्त लगाने से भयभीत कामगारों पर भयंकर प्रभाव पड़ेगा, जो पहले से ही अपने कार्यस्थलों पर होने वाले अपराधों के बारे में खुलेआम बोलने से झिझकते हैं.'

याचिका के मुताबिक, 'इससे पहले, डब्ल्यूएचडी को अंतर्निहित अपराध के संदर्भ की जरूरत होती है बशर्ते यह निर्धारित करने का विवेक हो कि ऐसा कब करना है, और इसके लिए याचिकाकर्ता की सुरक्षा को ध्यान में रखना जरूरी होता था.'

याचिका में कहा गया है कि ये बदलाव लोगों के नोटिस और टिप्पणी के बिना अवैध तरीके से अपनाए गए.

न्यू ऑर्लीन्स : न्यू ऑर्लीन्स में अधिवक्ताओं ने एक याचिका दायर कर कहा है कि अमेरिकी श्रम मंत्रालय द्वारा पिछले साल सरकारी नियमों में किए गए परिवर्तन से विदेशी कामगार कार्यस्थल पर होने वाले दुर्व्यवहार या मानव तस्करी की जानकारी देने में डरेंगे क्योंकि उन्हें उनके देश लौटा दिए जाने का भय रहेगा.

'न्यू ऑर्लीन्स वर्कर्स सेंटर फॉर रेशियल जस्टिस' द्वारा वाशिंगटन में दायर याचिका कामगारों को देश निकाला से बचाने के लिए जारी किए जाने वाले वीजा से संबंधित है, जब वे कार्यस्थल पर अपराध की जानकारी देते हैं.

याचिका में कहा गया कि पिछले साल, श्रम मंत्रालय के वेतन एवं कार्य के घंटे विभाग (डब्ल्यूएचडी) ने आवेदनों को स्वीकार करने से पहले 'यू' और 'टी' वीजा के रूप में जाने जाने वाले ऐसे वीजा का उल्लेख कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समक्ष करना जरूरी बना दिया.

कोलंबिया जिले के लिए अमेरिकी जिला अदालत में दायर याचिका में कहा गया कि 'आपराधिक कानून प्रवर्तन रेफरल और अनुमोदन पर प्रमाणन की शर्त लगाने से भयभीत कामगारों पर भयंकर प्रभाव पड़ेगा, जो पहले से ही अपने कार्यस्थलों पर होने वाले अपराधों के बारे में खुलेआम बोलने से झिझकते हैं.'

याचिका के मुताबिक, 'इससे पहले, डब्ल्यूएचडी को अंतर्निहित अपराध के संदर्भ की जरूरत होती है बशर्ते यह निर्धारित करने का विवेक हो कि ऐसा कब करना है, और इसके लिए याचिकाकर्ता की सुरक्षा को ध्यान में रखना जरूरी होता था.'

याचिका में कहा गया है कि ये बदलाव लोगों के नोटिस और टिप्पणी के बिना अवैध तरीके से अपनाए गए.

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