ETV Bharat / international

अमेरिकी विभागों व निगमों में हैकिंग के लिए संभवत: रूस जिम्मेदार - राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा

अमेरिका की शीर्ष सुरक्षा एजेंसियों ने संयुक्त बयान जारी कर पुष्टि की है कि अमेरिका सरकार के विभागों एवं निगमों में हैकिंग के लिए संभवत: रूस जिम्मेदार है. सुरक्षा एजेंसियों ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि ये हैकिंग 'खुफिया सूचना एकत्रित' करने की मंशा से की गई है.

america
america
author img

By

Published : Jan 6, 2021, 5:27 PM IST

वॉशिंगटन : अमेरिका की शीर्ष सुरक्षा एजेंसियों ने संयुक्त बयान जारी कर पुष्टि की है कि अमेरिका सरकार के विभागों एवं निगमों में हैकिंग के लिए संभवत: रूस जिम्मेदार है. सुरक्षा एजेंसियों ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि ये हैकिंग 'खुफिया सूचना एकत्रित' करने की मंशा से की गई है.

रक्षा ठिकानों की भी जासूसी
बयान में कहा गया है कि साक्ष्य अमेरिका सरकार के संचालनों को नुकसान पहुंचाने या बाधित करने के बजाय खुफियागीरी के प्रयासों की तरफ इशारा करते हैं. एफबीआई तथा अन्य जांच एजेंसियों पर आधारित साइबर कार्य समूह की ओर से मंगलवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि 'यह एक गंभीर मामला है जिसे सुधारने लिए निरंतर और समर्पित प्रयास की आवश्यकता होगी. हैकिंग का यह मामला देश में अब तक की सबसे खराब साइबर जासूसी का मामला है जहां हैकर्स पिछले सात महीने से सरकारी एजेंसियों, रक्षा ठेकेदारों और दूर संचार कंपनियों के क्रिया-कलापों पर निगाह रख रहे थे.

यह भी पढ़ें-हांगकांग में खतरे में लोकतंत्र, 50 से अधिक समर्थक गिरफ्तार

राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी एजेंटों को डेटा एकत्र करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया जो कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यधिक हानिकारक हो सकता है. हालांकि उल्लंघनों की गुंजाइश और वास्तव में जो जानकारी मांगी गई थी वह अज्ञात है. मालवेयर की खोज करने वाली साइबर सिटी फर्म के एक वरिष्ठ अधिकारी फायरई ने पिछले महीने कहा था कि अविश्वसनीय रूप से दर्जनों लक्ष्यों को राज्य समर्थित हैकरों द्वारा घुसपैठ की गई. माइक्रोसॉफ्ट जो कहता है कि उसने 40 से अधिक सरकारी और निजी लक्ष्यों की पहचान की है जो कि अमेरिका में सबसे अधिक हैं.

वॉशिंगटन : अमेरिका की शीर्ष सुरक्षा एजेंसियों ने संयुक्त बयान जारी कर पुष्टि की है कि अमेरिका सरकार के विभागों एवं निगमों में हैकिंग के लिए संभवत: रूस जिम्मेदार है. सुरक्षा एजेंसियों ने एक संयुक्त बयान में कहा है कि ऐसा प्रतीत होता है कि ये हैकिंग 'खुफिया सूचना एकत्रित' करने की मंशा से की गई है.

रक्षा ठिकानों की भी जासूसी
बयान में कहा गया है कि साक्ष्य अमेरिका सरकार के संचालनों को नुकसान पहुंचाने या बाधित करने के बजाय खुफियागीरी के प्रयासों की तरफ इशारा करते हैं. एफबीआई तथा अन्य जांच एजेंसियों पर आधारित साइबर कार्य समूह की ओर से मंगलवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि 'यह एक गंभीर मामला है जिसे सुधारने लिए निरंतर और समर्पित प्रयास की आवश्यकता होगी. हैकिंग का यह मामला देश में अब तक की सबसे खराब साइबर जासूसी का मामला है जहां हैकर्स पिछले सात महीने से सरकारी एजेंसियों, रक्षा ठेकेदारों और दूर संचार कंपनियों के क्रिया-कलापों पर निगाह रख रहे थे.

यह भी पढ़ें-हांगकांग में खतरे में लोकतंत्र, 50 से अधिक समर्थक गिरफ्तार

राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा
विशेषज्ञों का कहना है कि विदेशी एजेंटों को डेटा एकत्र करने के लिए पर्याप्त समय दिया गया जो कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यधिक हानिकारक हो सकता है. हालांकि उल्लंघनों की गुंजाइश और वास्तव में जो जानकारी मांगी गई थी वह अज्ञात है. मालवेयर की खोज करने वाली साइबर सिटी फर्म के एक वरिष्ठ अधिकारी फायरई ने पिछले महीने कहा था कि अविश्वसनीय रूप से दर्जनों लक्ष्यों को राज्य समर्थित हैकरों द्वारा घुसपैठ की गई. माइक्रोसॉफ्ट जो कहता है कि उसने 40 से अधिक सरकारी और निजी लक्ष्यों की पहचान की है जो कि अमेरिका में सबसे अधिक हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.