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ट्रंप ने कहा- हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन कोरोना वायरस से 'बचाव का एक तरीका'

हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन दवा को लेकर ट्रंप ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह बहुत कारगर दवा है और यह आपको नुकसान नहीं पहुंचाती और संभवत: यह अच्छी होगी और मुझ पर इसका कोई खराब असर नहीं पड़ा.'

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प
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Published : May 20, 2020, 12:17 PM IST

Updated : May 20, 2020, 1:49 PM IST

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की हो रही आलोचना पर अपने जवाब में इसे कोरोना वायरस से 'बचाव का एक तरीका' बताया.

ट्रंप ने खुलासा किया था कि वह इस जानलेवा संक्रमण से बचने के लिए यह दवा ले रहे हैं. इसके एक दिन बाद उन्होंने ह्वाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, 'मुझे लगता है कि यह बचाव का एक तरीका है और मैं कुछ और समय तक इसे लेता रहूंगा. यह काफी सुरक्षित लगती है.'

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इस दवा की खराब छवि इसलिए बनाई गई क्योंकि वह इसका प्रचार कर रहे थे.

उन्होंने कहा, 'जाहिर तौर पर मैं बहुत खराब प्रचारक हूं. अगर कोई और इसका प्रचार कर रहा होता तो वे कहते कि यह बहुत अच्छी दवा है.'

ट्रंप ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह बहुत कारगर दवा है. यह आपको नुकसान नहीं पहुंचाती और संभवत: यह अच्छी होगी और मुझ पर इसका कोई खराब असर नहीं पड़ा.'

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि मलेरिया के इलाज में काम आने वाली इस दवा पर दुनियाभर के चिकित्सकों ने अच्छी प्रतिक्रिया दी है.

उन्होंने दावा किया कि इटली, फ्रांस और स्पेन जैसे देशों में इसके बारे में बड़े-बड़े अध्ययन हुए हैं और अमेरिका में चिकित्सक इसे लेकर काफी आशावान हैं. यह दवा किफायती है.

पढ़ें : कोरोना वायरस से बचने के लिए मलेरिया की दवा ले रहा हूं : ट्रंप

उन्होंने कहा, 'एक गलत अध्ययन किया गया, जहां चिकित्सकों ने बहुत बीमार, बहुत ही ज्यादा बीमार लोगों को यह दवा दी, जो पहले ही मरने की कगार पर थे.'

वहीं उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने एक अलग साक्षात्कार में बताया कि वह हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन नहीं ले रहे हैं.

बहरहाल विपक्षी नेताओं ने ऐसी दवा लेने के लिए ट्रंप की आलोचना की है, जिसकी प्रामाणिकता अभी सिद्ध भी नहीं हुई है.

गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की करोड़ों गोलियां खरीदी थीं. भारत ने अमेरिका को इसकी करोड़ों गोलियां भेजी थीं. भारत इस दवा के प्रमुख उत्पादकों में से एक है.

वाशिंगटन : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की हो रही आलोचना पर अपने जवाब में इसे कोरोना वायरस से 'बचाव का एक तरीका' बताया.

ट्रंप ने खुलासा किया था कि वह इस जानलेवा संक्रमण से बचने के लिए यह दवा ले रहे हैं. इसके एक दिन बाद उन्होंने ह्वाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, 'मुझे लगता है कि यह बचाव का एक तरीका है और मैं कुछ और समय तक इसे लेता रहूंगा. यह काफी सुरक्षित लगती है.'

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इस दवा की खराब छवि इसलिए बनाई गई क्योंकि वह इसका प्रचार कर रहे थे.

उन्होंने कहा, 'जाहिर तौर पर मैं बहुत खराब प्रचारक हूं. अगर कोई और इसका प्रचार कर रहा होता तो वे कहते कि यह बहुत अच्छी दवा है.'

ट्रंप ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह बहुत कारगर दवा है. यह आपको नुकसान नहीं पहुंचाती और संभवत: यह अच्छी होगी और मुझ पर इसका कोई खराब असर नहीं पड़ा.'

अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि मलेरिया के इलाज में काम आने वाली इस दवा पर दुनियाभर के चिकित्सकों ने अच्छी प्रतिक्रिया दी है.

उन्होंने दावा किया कि इटली, फ्रांस और स्पेन जैसे देशों में इसके बारे में बड़े-बड़े अध्ययन हुए हैं और अमेरिका में चिकित्सक इसे लेकर काफी आशावान हैं. यह दवा किफायती है.

पढ़ें : कोरोना वायरस से बचने के लिए मलेरिया की दवा ले रहा हूं : ट्रंप

उन्होंने कहा, 'एक गलत अध्ययन किया गया, जहां चिकित्सकों ने बहुत बीमार, बहुत ही ज्यादा बीमार लोगों को यह दवा दी, जो पहले ही मरने की कगार पर थे.'

वहीं उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने एक अलग साक्षात्कार में बताया कि वह हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन नहीं ले रहे हैं.

बहरहाल विपक्षी नेताओं ने ऐसी दवा लेने के लिए ट्रंप की आलोचना की है, जिसकी प्रामाणिकता अभी सिद्ध भी नहीं हुई है.

गौरतलब है कि ट्रंप प्रशासन ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन की करोड़ों गोलियां खरीदी थीं. भारत ने अमेरिका को इसकी करोड़ों गोलियां भेजी थीं. भारत इस दवा के प्रमुख उत्पादकों में से एक है.

Last Updated : May 20, 2020, 1:49 PM IST
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