संयुक्त राष्ट्र/जिनेवा : कोविड-19 का डेल्टा स्वरूप ( COVID-19 Delta variant) विश्व में इस वायरस के अन्य स्वरूपों की तुलना में प्रबल होता जा रहा है क्योंकि यह कहीं अधिक तेजी से संचारित होता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथ (WHO chief scientist Soumya Swaminathan) ने शुक्रवार को यह दावा किया.
कोविड-19 का डेल्टा स्वरूप सबसे पहले भारत में सामने आया था.
डब्ल्यूएचओ द्वारा 15 जून को जारी कोविड-19 साप्ताहिक महामारी विज्ञान अपडेट के मुताबिक डेल्टा स्वरूप अब करीब 80 देशों में पाया जा रहा है.
बी.1.617.2 डेल्टा स्वरूप का सबसे पहले भारत में अक्टूबर 2020 में पता चला था.
स्वामीनाथन ने शुक्रवार को जिनेवा में संवाददाता सम्मेलन में एक सवाल के जवाब में कहा कि डेल्टा स्वरूप विश्व में कोविड-19 का सर्वाधिक प्रबल स्वरूप बनता जा रहा है क्योंकि इससे कहीं अधिक तेजी से संक्रमण का प्रसार होता है.
गौरतलब है कि उनकी टिप्पणी से कुछ ही घंटे पहले पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने कहा था कि डेल्टा स्वरूप से संक्रमण में ब्रिटेन में एक सप्ताह में 33,630 की वृद्धि हुई और अभी तक 75,953 लोग इससे संक्रमित हुए हैं. देश में कोविड-19 संक्रमण के 99 प्रतिशत मामले इसी स्वरूप से हैं.
वॉशिंगटन में रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र की निदेशक रोशेल वेलेंस्की ने कहा कि उन्हें लगता है कि डेल्टा स्वरूप अमेरिका में सर्वाधिक लोगों को संक्रमित करने वाले कोरोना वायरस स्वरूप के रूप में उभरेगा.
जिनेवा में स्वामीनाथन ने कहा कि कोविड-19 के अलग-अलग स्वरूपों के खिलाफ विभिन्न टीकों की प्रभाव क्षमता पर कहीं अधिक आंकड़े जुटाने की जरूरत है.
(पीटीआई भाषा)