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नागरिक अधिकारों और स्वतंत्रता के बारे में कम सकारात्मक हैं अमेरिकी : सर्वेक्षण - अमेरिका 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकवादी हमले

अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकवादी हमले के 20 साल बाद अमेरिकी अपने अधिकारों और स्वतंत्रता की स्थिति को लेकर सकारात्मक नहीं हैं. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Sep 10, 2021, 10:44 PM IST

वाशिंगटन : अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकवादी हमले के 10 साल बाद अमेरिकी अपने अधिकारों और स्वतंत्रता की स्थिति को लेकर काफी सकारात्मक थे, लेकिन आज 20 साल बाद वे उतने सकारात्मक नहीं हैं.

द एसोसिएटेड प्रेस-एनओआरसी सेंटर फॉर पब्लिक अफेयर्स रिसर्च के सर्वेक्षण में यह बात सामने आई. अमेरिकी इतिहास में हुए सबसे बड़े आतंकी हमले (9/11) के बाद 2013 और 2015 में भी यह सर्वेक्षण किया गया था और उस दौरान पूछे गए कुछ सवाल इस बार के सर्वेक्षण में भी शामिल किए गए थे.

अमेरिकी इस विचार के इर्द-गिर्द अपेक्षाकृत एकजुट थे कि सरकार ने आतंकवादी हमलों के एक दशक बाद कई मूल अधिकारों की रक्षा करते हुए एक अच्छा काम किया, जिसके तहत देश की खुफिया सेवाओं और गृह सुरक्षा विभाग जैसी एजेंसियों में बड़े पैमाने पर बदलाव किया गया.

इन बदलावों के साथ हालांकि सरकार के जरूरत से ज्यादा जानकारी जुटाने को लेकर चिंताएं भी सामने आईं. फिर भी, कुल मिलाकर अमेरिकी इन बदलावों को लेकर सकारात्मक दिखे थे.

पिछले कुछ वर्षों में यह रुख खत्म हो गया है, अब बहुत कम लोग कह रहे हैं कि सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, वोट देने का अधिकार, हथियार रखने का अधिकार और अन्य अधिकारों की रक्षा के लिए अच्छा काम कर रही है.

उदाहरण के लिए, सर्वेक्षण में 45 प्रतिशत अमेरिकी अब कहते हैं कि उन्हें लगता है कि अमेरिकी सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करते हुए अच्छा काम कर रही है, जबकि 32 प्रतिशत का मानना है कि वह खराब काम कर रही है और 23 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिन्होंने कोई राय व्यक्त नहीं की. सरकार के काम को 2011 में अच्छा बताने वालों की संख्या 71 फीसदी थी और 2015 में ऐसा मानने वाले लोग 59 प्रतिशत थे.

काफी अमेरिकी सरकार की सार्वजनिक रूप से उपलब्ध विशेषकर ऑनलाइन उपलब्ध निजी जानकारी की सुरक्षा करने में सरकार की नाकामी से निराश नजर आए.

वहीं,सर्वेक्षण में शामिल लगभग आधे लोगों ने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करते हुए सरकार अब अच्छा काम कर रही है, जबकि 2011 के सर्वेक्षण में ऐसा मानने वालों की संख्या दो तिहाई थी.

सर्वेक्षण में 49 प्रतिशत अमेरिकी का मानना है कि कानून के तहत समान सुरक्षा के अधिकार के संरक्षण में सरकार खराब काम कर रही है जबकि 27 प्रतिशत लोगों को लगता है कि वह अच्छा काम कर रही है. वहीं 2011 के सर्वे में 37 प्रतिशत लोग मानते हैं कि सरकार समान सुरक्षा के अधिकार के संरक्षण के लिहाज से खराब काम कर रही है जबकि 48 प्रतिशत का मानना था कि वह अच्छा काम कर रही है.

पढ़ें :- पाक पर आतंकवादी संगठनों के खिलाफ लड़ाई में सहयोग का दबाव बना रहा है अमेरिका

सर्वेक्षण में पाया गया कि 54 प्रतिशत अमेरिकी मानते हैं कि कई बार आतंकवाद से लड़ने के लिये कुछ अधिकारों और स्वतंत्रता को कम करना सरकार के लिये जरूरी होता है जबकि एक दशक पहले ऐसा मानने वालों की संख्या करीब 64 फीसदी थी. अब 44 प्रतिशत मानते हैं कि ऐसा करना कभी भी जरूरी नहीं है.

अधिकांश डेमोक्रेट कहते हैं कि यह कभी-कभी आवश्यक होता है, जो पिछले एपी-एनओआरसी सर्वेक्षण में बड़े पैमाने पर शामिल थे. लेकिन रिपब्लिकन अब काफी विभाजित नजर आते हैं और 46 प्रतिशत का मानना है कि यह कई बार जरूरी होता है, जबकि 53 प्रतिशत को लगता है कि यह कभी भी जरूरी नहीं. 2011 में 69 प्रतिशत रिपब्लिकन ने कहा था कि यह कभी-कभी जरूरी होता है जबकि 2015 में 62 प्रतिशत ने ऐसा कहा था.

सर्वेक्षण में शामिल 44 प्रतिशत लोगों का मानना है कि प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करते हुए सरकार अच्छा काम कर रही है जबकि 26 प्रतिशत का मानना है कि सरकार इस दिशा में खराब काम कर रही है. वहीं 2011 और 2015 दोनों सर्वेक्षणों में 10 में से छह लोगों ने कहा था कि सरकार अच्छा काम कर रही है.

(एपी)

वाशिंगटन : अमेरिका में 11 सितंबर 2001 को हुए आतंकवादी हमले के 10 साल बाद अमेरिकी अपने अधिकारों और स्वतंत्रता की स्थिति को लेकर काफी सकारात्मक थे, लेकिन आज 20 साल बाद वे उतने सकारात्मक नहीं हैं.

द एसोसिएटेड प्रेस-एनओआरसी सेंटर फॉर पब्लिक अफेयर्स रिसर्च के सर्वेक्षण में यह बात सामने आई. अमेरिकी इतिहास में हुए सबसे बड़े आतंकी हमले (9/11) के बाद 2013 और 2015 में भी यह सर्वेक्षण किया गया था और उस दौरान पूछे गए कुछ सवाल इस बार के सर्वेक्षण में भी शामिल किए गए थे.

अमेरिकी इस विचार के इर्द-गिर्द अपेक्षाकृत एकजुट थे कि सरकार ने आतंकवादी हमलों के एक दशक बाद कई मूल अधिकारों की रक्षा करते हुए एक अच्छा काम किया, जिसके तहत देश की खुफिया सेवाओं और गृह सुरक्षा विभाग जैसी एजेंसियों में बड़े पैमाने पर बदलाव किया गया.

इन बदलावों के साथ हालांकि सरकार के जरूरत से ज्यादा जानकारी जुटाने को लेकर चिंताएं भी सामने आईं. फिर भी, कुल मिलाकर अमेरिकी इन बदलावों को लेकर सकारात्मक दिखे थे.

पिछले कुछ वर्षों में यह रुख खत्म हो गया है, अब बहुत कम लोग कह रहे हैं कि सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, वोट देने का अधिकार, हथियार रखने का अधिकार और अन्य अधिकारों की रक्षा के लिए अच्छा काम कर रही है.

उदाहरण के लिए, सर्वेक्षण में 45 प्रतिशत अमेरिकी अब कहते हैं कि उन्हें लगता है कि अमेरिकी सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करते हुए अच्छा काम कर रही है, जबकि 32 प्रतिशत का मानना है कि वह खराब काम कर रही है और 23 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जिन्होंने कोई राय व्यक्त नहीं की. सरकार के काम को 2011 में अच्छा बताने वालों की संख्या 71 फीसदी थी और 2015 में ऐसा मानने वाले लोग 59 प्रतिशत थे.

काफी अमेरिकी सरकार की सार्वजनिक रूप से उपलब्ध विशेषकर ऑनलाइन उपलब्ध निजी जानकारी की सुरक्षा करने में सरकार की नाकामी से निराश नजर आए.

वहीं,सर्वेक्षण में शामिल लगभग आधे लोगों ने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करते हुए सरकार अब अच्छा काम कर रही है, जबकि 2011 के सर्वेक्षण में ऐसा मानने वालों की संख्या दो तिहाई थी.

सर्वेक्षण में 49 प्रतिशत अमेरिकी का मानना है कि कानून के तहत समान सुरक्षा के अधिकार के संरक्षण में सरकार खराब काम कर रही है जबकि 27 प्रतिशत लोगों को लगता है कि वह अच्छा काम कर रही है. वहीं 2011 के सर्वे में 37 प्रतिशत लोग मानते हैं कि सरकार समान सुरक्षा के अधिकार के संरक्षण के लिहाज से खराब काम कर रही है जबकि 48 प्रतिशत का मानना था कि वह अच्छा काम कर रही है.

पढ़ें :- पाक पर आतंकवादी संगठनों के खिलाफ लड़ाई में सहयोग का दबाव बना रहा है अमेरिका

सर्वेक्षण में पाया गया कि 54 प्रतिशत अमेरिकी मानते हैं कि कई बार आतंकवाद से लड़ने के लिये कुछ अधिकारों और स्वतंत्रता को कम करना सरकार के लिये जरूरी होता है जबकि एक दशक पहले ऐसा मानने वालों की संख्या करीब 64 फीसदी थी. अब 44 प्रतिशत मानते हैं कि ऐसा करना कभी भी जरूरी नहीं है.

अधिकांश डेमोक्रेट कहते हैं कि यह कभी-कभी आवश्यक होता है, जो पिछले एपी-एनओआरसी सर्वेक्षण में बड़े पैमाने पर शामिल थे. लेकिन रिपब्लिकन अब काफी विभाजित नजर आते हैं और 46 प्रतिशत का मानना है कि यह कई बार जरूरी होता है, जबकि 53 प्रतिशत को लगता है कि यह कभी भी जरूरी नहीं. 2011 में 69 प्रतिशत रिपब्लिकन ने कहा था कि यह कभी-कभी जरूरी होता है जबकि 2015 में 62 प्रतिशत ने ऐसा कहा था.

सर्वेक्षण में शामिल 44 प्रतिशत लोगों का मानना है कि प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा करते हुए सरकार अच्छा काम कर रही है जबकि 26 प्रतिशत का मानना है कि सरकार इस दिशा में खराब काम कर रही है. वहीं 2011 और 2015 दोनों सर्वेक्षणों में 10 में से छह लोगों ने कहा था कि सरकार अच्छा काम कर रही है.

(एपी)

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