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अमेरिकी नागरिकता विधेयक, 2021 संसद में पेश, भारतीय आईटी पेशेवरों को होगा फायदा - आईटी पेशेवरों को होगा फायदा

अमेरिका में बाइडेन प्रशासन ने संसद में महत्वाकांक्षी आव्रजन विधेयक पेश किया है, जिससे एच-1बी वीजा धारकों के आश्रितों को भी काम करने की अनुमति मिलेगी. अमेरिका में प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम करने वाले हजारों भारतीयों को भी इसका फायदा होगा.

अमेरिकी नागरिकता विधेयक
अमेरिकी नागरिकता विधेयक
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Published : Feb 19, 2021, 5:54 PM IST

वाशिंगटन : अमेरिका में बाइडेन प्रशासन ने संसद में महत्वाकांक्षी आव्रजन विधेयक पेश किया है, जिससे लाखों भारतीय आईटी पेशेवरों को लाभ होगा. विधेयक में रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए किसी देश के प्रवासियों की संख्या सीमित करने पर पूर्व में लगायी गयी रोक को भी खत्म करने का प्रावधान है.

'अमेरिका नागरिकता विधेयक 2021' कानून बनने के बाद एच-1बी वीजा धारकों के आश्रितों को भी काम करने की अनुमति मिलेगी. अमेरिका में प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम करने वाले हजारों भारतीयों को भी इसका फायदा होगा.

संसद के दोनों सदनों- प्रतिनिधि सभा और सीनेट में विधेयक के पारित हो जाने और राष्ट्रपति जो बाइडेन के हस्ताक्षर के बाद कानून बनने से बिना दस्तावेज के रह रहे और वैध तरीके से देश में आए लाखों लोगों को नागरिकता मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा.

इस कानून के बनने से लाखों भारतीय आईटी पेशेवरों और उनके परिवारों को फायदा होगा.

इस विधेयक के पारित हो जाने से ग्रीन कार्ड के लिए 10 साल से अधिक समय से इंतजार कर रहे लोगों को भी तत्काल वैध तरीके से देश में स्थायी निवास की अनुमति मिल जाएगी क्योंकि उन्हें वीजा की शर्त से छूट मिल जाएगी.

विधेयक को तैयार करने वाले सीनेटर बॉब मेनेंडेज और प्रतिनिधि सभा की सदस्य लिंडा सांचेज ने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिकी नागरिकता कानून 2021 में आव्रजन सुधार का प्रावधान किया गया है.

इस महत्वपूर्ण कदम के तहत ग्रीन कार्ड के लिए 10 साल से ज्यादा समय से इंतजार कर रहे पेशेवरों को वैध रूप से स्थायी तौर पर रहने की मंजूरी भी मिल जाएगी. इस कानून के बनने से सबसे ज्यादा फायदा भारतीयों को होगा.

बाइडेन ने 20 जनवरी को शपथ लेने के बाद इस विधेयक को संसद के लिए भेज दिया था. इसके तहत रोजगार आधारित लंबित वीजा को मंजूरी दी जाएगी. प्रत्येक देश पर वीजा के लिए लगायी गयी सीमा भी खत्म की जाएगी और प्रतीक्षा समय को घटाया जाएगा.

पढ़ें - परमाणु समझौते पर ईरान और अन्य देशों के साथ बातचीत को तैयार है अमेरिका

विधेयक में अमेरिकी विश्वविद्यालयों से 'एसटीईएम' विषय के डिग्री धारकों के अमेरिका में रहने का रास्ता भी आसान बनाने का प्रावधान किया गया है.

उल्लेखनीय है कि एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) विषयों में डिग्री के लिए अमेरिकी विश्वविद्यालयों में सबसे ज्यादा छात्र भारत के ही हैं.

दोनों सदनों में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी का बहुमत है. हालांकि, ऊपरी सदन में विधेयक को पारित कराने के लिए पार्टी को 10 रिपब्लिकन सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी.

डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व और व्हाइट हाउस ने उम्मीद जतायी है कि उन्हें अमेरिका में रह रहे लाखों गैर नागरिकों के हित के लिए आवश्यक समर्थन मिलेगा.

वाशिंगटन : अमेरिका में बाइडेन प्रशासन ने संसद में महत्वाकांक्षी आव्रजन विधेयक पेश किया है, जिससे लाखों भारतीय आईटी पेशेवरों को लाभ होगा. विधेयक में रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए किसी देश के प्रवासियों की संख्या सीमित करने पर पूर्व में लगायी गयी रोक को भी खत्म करने का प्रावधान है.

'अमेरिका नागरिकता विधेयक 2021' कानून बनने के बाद एच-1बी वीजा धारकों के आश्रितों को भी काम करने की अनुमति मिलेगी. अमेरिका में प्रौद्योगिकी क्षेत्र में काम करने वाले हजारों भारतीयों को भी इसका फायदा होगा.

संसद के दोनों सदनों- प्रतिनिधि सभा और सीनेट में विधेयक के पारित हो जाने और राष्ट्रपति जो बाइडेन के हस्ताक्षर के बाद कानून बनने से बिना दस्तावेज के रह रहे और वैध तरीके से देश में आए लाखों लोगों को नागरिकता मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा.

इस कानून के बनने से लाखों भारतीय आईटी पेशेवरों और उनके परिवारों को फायदा होगा.

इस विधेयक के पारित हो जाने से ग्रीन कार्ड के लिए 10 साल से अधिक समय से इंतजार कर रहे लोगों को भी तत्काल वैध तरीके से देश में स्थायी निवास की अनुमति मिल जाएगी क्योंकि उन्हें वीजा की शर्त से छूट मिल जाएगी.

विधेयक को तैयार करने वाले सीनेटर बॉब मेनेंडेज और प्रतिनिधि सभा की सदस्य लिंडा सांचेज ने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिकी नागरिकता कानून 2021 में आव्रजन सुधार का प्रावधान किया गया है.

इस महत्वपूर्ण कदम के तहत ग्रीन कार्ड के लिए 10 साल से ज्यादा समय से इंतजार कर रहे पेशेवरों को वैध रूप से स्थायी तौर पर रहने की मंजूरी भी मिल जाएगी. इस कानून के बनने से सबसे ज्यादा फायदा भारतीयों को होगा.

बाइडेन ने 20 जनवरी को शपथ लेने के बाद इस विधेयक को संसद के लिए भेज दिया था. इसके तहत रोजगार आधारित लंबित वीजा को मंजूरी दी जाएगी. प्रत्येक देश पर वीजा के लिए लगायी गयी सीमा भी खत्म की जाएगी और प्रतीक्षा समय को घटाया जाएगा.

पढ़ें - परमाणु समझौते पर ईरान और अन्य देशों के साथ बातचीत को तैयार है अमेरिका

विधेयक में अमेरिकी विश्वविद्यालयों से 'एसटीईएम' विषय के डिग्री धारकों के अमेरिका में रहने का रास्ता भी आसान बनाने का प्रावधान किया गया है.

उल्लेखनीय है कि एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) विषयों में डिग्री के लिए अमेरिकी विश्वविद्यालयों में सबसे ज्यादा छात्र भारत के ही हैं.

दोनों सदनों में सत्तारूढ़ डेमोक्रेटिक पार्टी का बहुमत है. हालांकि, ऊपरी सदन में विधेयक को पारित कराने के लिए पार्टी को 10 रिपब्लिकन सदस्यों के समर्थन की जरूरत होगी.

डेमोक्रेटिक पार्टी के नेतृत्व और व्हाइट हाउस ने उम्मीद जतायी है कि उन्हें अमेरिका में रह रहे लाखों गैर नागरिकों के हित के लिए आवश्यक समर्थन मिलेगा.

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