कोलकाता: बंगाल की दिग्गज गायिका और रवींद्र संगीत कलाकार (Sumitra Sen Passes Away) सुमित्रा सेन का 89 वर्ष की आयु में निधन हो गया है. मंगलवार की सुबह उन्होंने कोलकाता में अंतिम सांस ली. उनके परिवार में उनकी दो बेटियां, इंद्राणी सेन और श्रावणी सेन हैं, दोनों ही गायिका हैं. मृतक गायिका काफी समय से उम्र संबंधी विभिन्न बीमारियों से पीड़ित चल रही थीं.
उनके निधन की खबर उनकी छोटी बेटी श्रावणी सेन ने फेसबुक के जरिए सुबह करीब 4.30 बजे साझा की. सेन पिछले कुछ दिनों से शहर के एक अस्पताल में भर्ती थीं और सोमवार को वह घर लौट आई थीं. आज (मंगलवार) उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने महान गायिका की निधन पर शोक व्यक्त किया है.
सीएम ममता बनर्जी ने जताया शोक
सीएम ममता बनर्जी ने शोक व्यक्त कर कहा 'मैं सुमित्रा सेन के आकस्मिक निधन से बहुत दुखी हूं, जिन्होंने दशकों तक दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया. मेरे उनके साथ करीबी संबंध थे. पश्चिम बंगाल सरकार ने 2012 में उन्हें संगीत महासम्मान से सम्मानित किया था. उनके निधन से संगीत जगत को अपूरणीय क्षति हुई है. सुमित्रा दी की बेटियों इंद्राणी और श्रावणी तथा उनके प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं.
बता दें कि महान गायिका का जन्म 7 मार्च, 1933 को हुआ था. बहुत कम उम्र से ही उन्होंने रवींद्र संगीत की शिक्षा लेनी शुरू कर दी थी और अपनी अलग शैली के लिए बेहद फेमस थीं और काफी पसंद की जाती थीं. सुमित्रा सेन की फेमस संगीत 'मेघ बोलेछे जाबो जाबो', 'सखी भबोना कहारे बोले' के साथ ही 'तोमारी झारनतालार निर्जन' है. दिग्गज गायिका भले ही दुनिया को अलविदा कह चुकी हैं, मगर उनके दशकों तक मनोरंजन करने को श्रोता कभी नहीं भूल सकेंगे और वह अपनी संगीत की माध्यम से हमेशा संगीत प्रेमियों के बीच जिंदा रहेंगी.
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