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Autistic Kamishetty Venkat: जानिए कौन है ये ऑटिज्म यंग बॉय, जिसने अपने शानदार परफॉर्मेंस से जीता पीएम मोदी का दिल - who is Autistic Venkat

कुछ दिन पहले ही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वारंगल गए थे. इस दौरान उनकी मुलाकात ऑटिज्म यंग बॉय वेंकट से हुई. वेंकट की कला को देख पीएम काफी खुश हुए और उसे टैलेंट ऑफ पावरहाउस बताया. आइए जानते हैं कि ऑटिज्म यंग बॉय वेंकट के बारे में...

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Published : Jul 14, 2023, 5:56 PM IST

कडप्पा: आज कल हर कोई किसी न किसी शारीरिक समस्याओं से जुझ रहा है. इसके बावजूद कई लोग ऐसे है, जो कोई भी काम बड़े ही आसानी से कर जाते है. कडप्पा का एक ऐसा लड़का, जिसका कहना है कि वह ऐसा नहीं है. ऑटिज्म से पीड़ित होने के बावजूद वह मल्टी टैलेंटेड है. उसे कई पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने वारंगल में ऑटिस्टिक सिंगर कामिसेट्टी वेंकट से मुलाकात की. प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि वेंकट टैलेंट का पावरहाउस है, जिसने अपनी विकलांगता को सिंगिंग करियर पर असर नहीं पड़ने दिया.

कडप्पा जिले के जम्मालमाडुगु के वेंकट जन्म से ही ऑटिज्म से पीड़ित हैं. उसके पेरेंट्स विशालाक्षी और राधाकृष्णैया ने बताया कि बच्चे का जन्म 2 किलो वजन के साथ हुआ था. उन्होंने कहा कि कई महीनों से कोई विकास नहीं हुआ. वे दिन में 18 घंटे रोते रहे. वह उसकी अनेक स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे. हालांकि, परिणाम की कमी के कारण, कई लोग यह कहते थे कि वे ऐसे बच्चे को क्यों पैदा किया.

मां विशालाक्षी यह कहकर अपने बेटे को संभालने की कोशिश करने लगीं कि कोई कुछ भी कहे, कोई फर्क नहीं पड़ता. उन्होंने कहा कि इस दुनिया में मां से बेहतर कोई योद्धा नहीं है. तभी तो इस मां के प्यार के आगे ऑटिज्म भी फीका पड़ गया. बाद में, इस योद्धा ने उसे प्रत्येक अक्षर का उच्चारण अपने होठों से करना सिखाया.

मां विशालाक्षी कहती हैं कि 7 साल बीत गए, इन प्रयासों का एहसास ही नहीं हुआ. वे उससे जुड़ने के लिए जम्मालमाडुगु के सभी स्कूलों में गई. लेकिन उनके बेटे के ऑटिज्म के कारण उन स्कूलों में एडमिशन नहीं मिला. उसे अपने दोस्त के माध्यम से प्रोड्डुतुर के एक स्कूल के बारे में पता चला. वह वहां जाकर मैनेजमेंट से मिली. वहां के पेरेंट्स ने उन्हें वेंकट में आ रहे बदलाव के बारे में बताया और मदद करने को कहा.

स्कूल में छात्रों की बातें, शिक्षकों की सीख और घर पर गाने. इन सब चीजों ने दो साल बाद वेंकट ने स्पष्ट रूप से बात की. वह लगभग 500 गाने सिर्फ धुन सुनकर गा लेता हैं. होठों से इशारे भी करे तो याद रहता है. इसलिए उनके माता-पिता ने बाहरी दुनिया को उसकी इस कला के बारे में बताने के लिए उसका परफॉर्मेंस कराना शुरू कर दिया. वह अब तक 500 शो कर चुका है.

माता-पिता ने वेंकट को अल-अलग फील्ड में श्रेष्ठ बनाने के लिए प्रयास किये, जिसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के हाथों उन्हें पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. वह हाल ही में वारंगल दौरे पर आए प्रधानमंत्री मोदी से मिले और उनके सामने परफॉर्मेंस दिए, जिसे देख वहां मौजूद सभी लोगों ने तालियां बजाकर वेंकट की तारीफ की.

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कडप्पा जिले के जम्मालमाडुगु के वेंकट जन्म से ही ऑटिज्म से पीड़ित हैं. उसके पेरेंट्स विशालाक्षी और राधाकृष्णैया ने बताया कि बच्चे का जन्म 2 किलो वजन के साथ हुआ था. उन्होंने कहा कि कई महीनों से कोई विकास नहीं हुआ. वे दिन में 18 घंटे रोते रहे. वह उसकी अनेक स्वास्थ्य समस्याओं को लेकर अस्पतालों के चक्कर लगाते रहे. हालांकि, परिणाम की कमी के कारण, कई लोग यह कहते थे कि वे ऐसे बच्चे को क्यों पैदा किया.

मां विशालाक्षी यह कहकर अपने बेटे को संभालने की कोशिश करने लगीं कि कोई कुछ भी कहे, कोई फर्क नहीं पड़ता. उन्होंने कहा कि इस दुनिया में मां से बेहतर कोई योद्धा नहीं है. तभी तो इस मां के प्यार के आगे ऑटिज्म भी फीका पड़ गया. बाद में, इस योद्धा ने उसे प्रत्येक अक्षर का उच्चारण अपने होठों से करना सिखाया.

मां विशालाक्षी कहती हैं कि 7 साल बीत गए, इन प्रयासों का एहसास ही नहीं हुआ. वे उससे जुड़ने के लिए जम्मालमाडुगु के सभी स्कूलों में गई. लेकिन उनके बेटे के ऑटिज्म के कारण उन स्कूलों में एडमिशन नहीं मिला. उसे अपने दोस्त के माध्यम से प्रोड्डुतुर के एक स्कूल के बारे में पता चला. वह वहां जाकर मैनेजमेंट से मिली. वहां के पेरेंट्स ने उन्हें वेंकट में आ रहे बदलाव के बारे में बताया और मदद करने को कहा.

स्कूल में छात्रों की बातें, शिक्षकों की सीख और घर पर गाने. इन सब चीजों ने दो साल बाद वेंकट ने स्पष्ट रूप से बात की. वह लगभग 500 गाने सिर्फ धुन सुनकर गा लेता हैं. होठों से इशारे भी करे तो याद रहता है. इसलिए उनके माता-पिता ने बाहरी दुनिया को उसकी इस कला के बारे में बताने के लिए उसका परफॉर्मेंस कराना शुरू कर दिया. वह अब तक 500 शो कर चुका है.

माता-पिता ने वेंकट को अल-अलग फील्ड में श्रेष्ठ बनाने के लिए प्रयास किये, जिसके बाद तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के हाथों उन्हें पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. वह हाल ही में वारंगल दौरे पर आए प्रधानमंत्री मोदी से मिले और उनके सामने परफॉर्मेंस दिए, जिसे देख वहां मौजूद सभी लोगों ने तालियां बजाकर वेंकट की तारीफ की.

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