नई दिल्लीः दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने मादक पदार्थ की तस्करी करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया है. गैंग के तीन लोगों को गिरफ्तार कर उनके पास से 10 किलो हेरोइन बरामद की गई है. इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 40 करोड़ रुपये बताई जा रही है. यह हेरोइन म्यांमार से मणिपुर के रास्ते लाकर भारत के विभिन्न हिस्सों में बेची जा रही थी. इस नेटवर्क को बिहार के बेउर जेल में बैठे तीन बदमाश चला रहे थे. पुलिस ने आरोपियों के पास से मोबाइल और सिम कार्ड भी जब्त किए हैं. इनका इस्तेमाल तस्करी के लिए किया जा रहा था.
मणिपुर, यूपी, दिल्ली आदि राज्यों में फैला है गैंग
डीसीपी संजीव यादव के अनुसार, स्पेशल सेल की टीम ड्रग्स तस्करी करने वाले गैंग को लेकर लगातार काम कर रही थी. बीते कुछ समय में ऐसे कई गैंग का उन्होंने पर्दाफाश भी किया है. हाल ही में नॉर्दन रेंज की टीम को पता चला कि मणिपुर, यूपी, दिल्ली आदि राज्यों में एक गैंग फैला हुआ है. वह मणिपुर से हेरोइन लाकर दिल्ली-एनसीआर एवं उत्तर प्रदेश में बेच रहे हैं. इस जानकारी पर एसीपी जसबीर सिंह की देखरेख में इंस्पेक्टर विवेकानंद पाठक और कुलदीप कुमार की टीम ने आगे काम किया. उन्हें पता चला कि बिहार के बेउर जेल में बंद जमीर, फुरकान और कल्लू यह गैंग चला रहे हैं.
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मौजपुर से पकड़ा गया गैंग, 10 किलो हेरोइन बरामद
इनके कुछ सदस्यों की पहचान के लिए टेक्निकल सर्विलेंस की मदद ली गई. हाल ही में स्पेशल सेल को पता चला कि इस गैंग के सदस्य हेरोइन की खेप लेकर दिल्ली आएंगे. इस जानकारी पर पुलिस टीम ने उदय पटेल, कपिल उर्फ विवेक और राम नरेश को मौजपुर के पास से गिरफ्तार किया. इनके पास से कुल 10 किलो हेरोइन बरामद हुई है इसे लेकर एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह जमीर के इशारे पर इसे सप्लाई करने के लिए आए थे. वह बीते 5 साल से हेरोइन तस्करी का काम कर रहे हैं.
बाकी के दो आरोपी 7 व 10 साल से कर रहे थे तस्करी
गिरफ्तार किया गया कपिल कुमार यूपी के बाराबंकी का रहने वाला है. वह 2010 से ड्रग्स की तस्करी कर रहा है. 2012 में बाराबंकी की जीआरपी पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था. जेल से आने के बाद वह अशोक के माध्यम से जमीर और फुरकान के संपर्क में आया. उनके लिए वह ड्रग्स की तस्करी करने लगा. वह उदय पटेल से बीते 3 साल से हेरोइन ले रहा था. इसके बाद वह जमीर, फुरकान और कल्लू के बताए गए लोगों को इसे सप्लाई करता था. तीसरा आरोपी रामनरेश भी यूपी के बाराबंकी का रहने वाला है और वह ड्राइवर का काम करता है. वह कपिल के साथ बीते 7 साल से ड्रग्स की तस्करी कर रहा है. इस काम के लिए उसे कपिल की तरफ से अच्छी रकम दी जाती थी.