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अब आपके मूड के हिसाब से होगी घर की लाइटिंग, जानिए कैसे - gautam budh nagar noida

जर्मन कंपनी के पदाधिकारी बीजू जॉन ने बताया कि LED लाइट से सबसे बड़ा फायदा एनर्जी की बचत हो रही है. दूसरा ह्यूमन सेंट्रिंग लाइट्स सिस्टम डेवेलप किया गया है, ऐसे में उगते सूर्य और अस्त होने तक कई तरह की लाइट्स क्रिएट होती हैं.

तीन दिवसीय LED एक्सपो का आयोजन
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Published : Nov 15, 2019, 1:46 PM IST

Updated : Nov 15, 2019, 3:26 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर के इंडियन एक्सपो मार्ट के इनोवेशन जोन को देखने सैकड़ों लोग देखने पहुंच रहे हैं. तीन दिवसीय LED एक्सपो में एक खास तरफ की शॉप है, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. बता दें इस शॉप की खासियत ये है कि यहां की लाइट्स इंसान के मूड के हिसाब से रोशनी देती है.

तीन दिवसीय LED एक्सपो का आयोजन

एनर्जी की होती है बचत
जर्मन कंपनी के पदाधिकारी बीजू जॉन ने बताया कि LED लाइट से सबसे बड़ा फायदा एनर्जी की बचत हो रही है. दूसरा ह्यूमन सेंट्रिंग लाइट्स सिस्टम डेवेलप किया गया है, ऐसे में उगते सूर्य और अस्त होने तक कई तरह की लाइट्स क्रिएट होती हैं और ऐसे में रोशनी की इंटेंसिटी के मुताबिक बॉडी में कई तरह के हार्मोन्स बनते हैं, जो बॉडी के लिए बहुत जरूरी होते हैं.

जर्मन कंपनी ESYLUX ने रौशनी को बंद कमरे में रीक्रिएट किया है ताकि इंसान की बॉडी को एक अच्छी नींद मिल सके. रौशनी के हिसाब से बॉडी में 2 तरह से हार्मोन्स बनते हैं जो शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं.

ऑफिस में ज्यादातर एक तरीके की लाइट होती है और बॉडी में एक ही तरीके का हार्मोन बनता है, जो शरीर के लिए अच्छा नहीं है. इसलिए जर्मन कंपनी ने इसको ध्यान में रखकर लाइट्स बनाई है.
इन लाइट्स की खासियत ये है कि आप भारत में बैठे हुए किसी भी देश का लुत्फ उठा सकते हैं. जर्मन की सिम्बी टेक्नोलॉजी की मदद से ऐसा किया जा सकता. कंपनी के पदाधिकारियों ने बताया कि ये पर्यावरण को भी नुकसान कम पहुंचती है.

नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर के इंडियन एक्सपो मार्ट के इनोवेशन जोन को देखने सैकड़ों लोग देखने पहुंच रहे हैं. तीन दिवसीय LED एक्सपो में एक खास तरफ की शॉप है, जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. बता दें इस शॉप की खासियत ये है कि यहां की लाइट्स इंसान के मूड के हिसाब से रोशनी देती है.

तीन दिवसीय LED एक्सपो का आयोजन

एनर्जी की होती है बचत
जर्मन कंपनी के पदाधिकारी बीजू जॉन ने बताया कि LED लाइट से सबसे बड़ा फायदा एनर्जी की बचत हो रही है. दूसरा ह्यूमन सेंट्रिंग लाइट्स सिस्टम डेवेलप किया गया है, ऐसे में उगते सूर्य और अस्त होने तक कई तरह की लाइट्स क्रिएट होती हैं और ऐसे में रोशनी की इंटेंसिटी के मुताबिक बॉडी में कई तरह के हार्मोन्स बनते हैं, जो बॉडी के लिए बहुत जरूरी होते हैं.

जर्मन कंपनी ESYLUX ने रौशनी को बंद कमरे में रीक्रिएट किया है ताकि इंसान की बॉडी को एक अच्छी नींद मिल सके. रौशनी के हिसाब से बॉडी में 2 तरह से हार्मोन्स बनते हैं जो शरीर के लिए बेहद जरूरी हैं.

ऑफिस में ज्यादातर एक तरीके की लाइट होती है और बॉडी में एक ही तरीके का हार्मोन बनता है, जो शरीर के लिए अच्छा नहीं है. इसलिए जर्मन कंपनी ने इसको ध्यान में रखकर लाइट्स बनाई है.
इन लाइट्स की खासियत ये है कि आप भारत में बैठे हुए किसी भी देश का लुत्फ उठा सकते हैं. जर्मन की सिम्बी टेक्नोलॉजी की मदद से ऐसा किया जा सकता. कंपनी के पदाधिकारियों ने बताया कि ये पर्यावरण को भी नुकसान कम पहुंचती है.

Intro:गौतमबुद्ध नगर के इंडियन एक्सपो मार्ट के इनोवेशन जोन को देखने सैकड़ों लोग देखने पहुंच रहे हैं। तीन दिवसीय LED एक्सपो में एक खास तरफ की शॉप है जो लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। बता दें इस शॉप की खासियत ये है कि यहां की लाइट्स इंसान के मूड के हिसाब से रोशनी देती है। चौंक गए न आप देखिए स्पेशल रिपोर्ट।


Body:जर्मन कंपनी के पदाधिकारी बीजू जॉन ने बताया कि LED लाइट से सबसे बड़ा फायदा एनर्जी की बचत हो रही है। दूसरा ह्यूमन सेंट्रिंग लाइट्स सिस्टम डेवेलप किया गया है, ऐसे में उगते सूर्य और अस्त होने तक कई तरह की लाइट्स क्रिएट होती हैं और ऐसे में रोशनी की इंटेंसिटी के मुताबिक बॉडी में कई तरह के हार्मोन्स बनते हैं जो बॉडी के लिए बहुत जरूरी होते हैं। ऐसे में जर्मन कंपनी ESYLUX ने रोशनी को बंद कमरे में रीक्रिएट किया है ताकि इंसान की बॉडी को एक अच्छी नींद मिल सके। ऐसे में रोशनी के हिसाब से बॉडी में दो तरह से हार्मोन्स बनते हैं जो शरीर के लिए बेहद जरूरी है।

ऑफिस में ज़्यादातर एक तरीके की लाइट होती है और बॉडी में एक ही तरीके का हार्मोन बनता है जो शरीर के लिए अच्छा नहीं है इसलिए जर्मन कंपनी ने इसको ध्यान में रखकर लाइट्स बनाई हैं।


Conclusion:लाइट्स की खासियत ये है कि आप भारत मे बैठे हुए किसी नही देश का लुत्फ उठा सकते हैं। जर्मन की सिम्बी टेक्नोलॉजी की मदद से ऐसा किया जा सकता है। कंपनी के पदाधिकारियों ने बताया कि ये पर्यावरण को भी नुकसान कम पहुंचती है।
Last Updated : Nov 15, 2019, 3:26 PM IST
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