नई दिल्ली: देशभर में कोरोना की मार से उद्यमी उभर नहीं पा रहे हैं. उत्तर प्रदेश का शो विंडो और आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले नोएडा का हाल भी कमोवेश ऐसा ही है. जहां एक ओर पैसे की किल्लत से उद्योग और बड़ी-बड़ी कंपनियां जूझ रही हैं. वहीं उद्यमियों के पास कर्मचारियों के भविष्य निधि फंड में पैसा जमा करने तक की रकम नहीं है. नौकरी जा रही, तनख्वाह नहीं मिल रही है. ऐसे में कर्मचारियों को अपना घर का खर्च चलाने के लिए भविष्य निधि फंड का इस्तेमाल करना पड़ रहा है.
लॉकडाउन में PF खाते से निकले 442 करोड़
क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त-II सुशांत कण्डवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि साल 2020 में 1 जनवरी से 31 मार्च के बीच तकरीबन 70 हज़ार लोगों ने लगभग 218 करोड़ की PF जमा राशि निकाली. वहीं अगर लॉकडाउन पीरियड की बात करें तो यह आंकड़े और भी चौंकाने वाले हैं.
बात करें तो 1 अप्रैल से 31 अगस्त तक तकरीबन 1 लाख 60 हजार से ज़्यादा लोगों ने 442 करोड़ से ज़्यादा की PF राशि निकाली है. ऐसे में आंकड़ों से साफ तौर पर स्पष्ट हो रहा है कि जहां पैसे की किल्लत के चलते उद्योग पर ताले लटक गए. वहीं कर्मचारियों को जिंदगी भर की जमा पीएफ फंड का इस्तेमाल अपने रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में करना पड़ रहा है.
2,500 कंपनियों के खाते में नहीं जमा हुए PF
गौतमबुद्ध नगर के भविष्य निधि कार्यालय से मिले आंकड़े चौंकाने वाले हैं. यूपी के शो विंडो में तकरीबन 7 हजार ऐसी कंपनियां हैं, जिसमें लाखों कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट में पैसा जमा करती है. मिली जानकारी के मुताबिक कोरोना काल के दौरान ऐसी कई कंपनियां हैं, जिन्होंने पैसे की किल्लत के चलते अपने कर्मचारियों पीएफ अकाउंट में पैसा जमा नहीं किया है. पिछले एक महीने की बात करें तो 2,500 ऐसी कंपनियां है. जिन्होंने कर्मचारियों के पीएफ में पैसा जमा नहीं कराया है.