नई दिल्ली/गाजियाबाद: चर्चित निठारी कांड के 14 वें केस में आरोपी सुरेंद्र कोली को सीबीआई की विशेष अदालत ने शुक्रवार को बरी कर दिया है. सीबीआई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में कोली को बरी किया है. सुरेंद्र कोली पर 6 साल के एक बच्चे के अपहरण, हत्या और साक्ष्य मिटाने का आरोप था.
जानकारी के मुताबिक यह बच्चा अप्रैल 2006 को घर से बाहर खेलते हुए लापता हो गया था. जिसके संबंध में स्थानीय थाने पर गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी. सालों तक चली बहस के बाद सीबीआई कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को सबूतों के अभाव में बरी किया है. निठारी कांड में कोली के खिलाफ कुल 17 मामले हैं. अब तक 12 मामलों में सीबीआई कोर्ट कोली को फासी की सज़ा सुना चुका है. भले ही कोर्ट ने 14 वें मामले में कोली हो बरी कर दिया है, लेकिन अभी कोली को जेल में ही रहना होगा.
बीते वर्ष जनवरी 2021 में निठारी कांड के 12वें मामले मे गाजियाबाद की सीबीआई अदालत ने दोषी सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाई थी. भारत के इतिहास में सुरेंद्र कोली पहला ऐसा व्यक्ति है, जिसको 12 वीं बार फांसी की सजा मुकर्रर की गई है. कोर्ट ने 12वें मामले में सुरेंद्र कोली पर 70 हजार का जुर्माना भी लगाया था.
29 दिसंबर 2006 को नोएडा सेक्टर 31 के कोठी नंबर 5 में 19 नरकंकाल मिले थे. 19 नरकंकाल, जिसमें 1 बालिग, 5 मासूम बच्चे और बाकी सब नाबालिग लड़कियां थीं. उनका अपहरण कर रेप करने के बाद हत्या कर दी गई. फिर शव के साथ रेप किया. इसके बाद सुरेंद्र कोली उनका मांस काटकर खा गया. देश और दुनिया इसे निठारी कांड के नाम से जानती है.