नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा प्राधिकरण और निजी संस्थाओं के बीच लंबे समय से चल रहे गतिरोध को लेकर अहम फैसला सुनाया है. कॉमनवेल्थ खेलों के दौरान नोएडा में फाइव स्टार और थ्री स्टार होटलों के निर्माण के लिए 25 भूखंड आवंटन मामले में फैसला सुनाया है.
तीन सदस्य बेंच ने कहा है कि प्राधिकरण 3 महीने के अंदर इन भूखंडों का नीलामी करके उनसे प्राप्त होने वाली राशि में सही याचिकाकर्ताओं की जमा रकम का भुगतान ब्याज के साथ करें. बता दें साल 2010 कॉमनवेल्थ गेम के लिए खोले जाने वाले होटलों के भूखंड पर प्राधिकरण और निजी कंपनियों के बीच लीज डीड का विवाद चल रहा था.
'साल 2010 CWG के वक़्त का विवाद'
2010 कॉमनवेल्थ गेम के लिए खोले जाने वाले होटलों के भूखंड पर प्राधिकरण और निजी कंपनियों के बीच की लीज डीड पर लंबे समय से विवाद चल रहा था. इन भूखंडों पर फाइव स्टार और थ्री स्टार होटलों का निर्माण होना था. सुप्रीम कोर्ट ने 3 महीने के अंदर सरकारी भूमि पर ही नीलामी करने का आदेश दिया है.
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सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार निजी कंपनियों के पास होटल बनाने के लिए जो भूखंड हैं, वह प्राधिकरण के पास चले जाएंगे. बदले में प्राधिकरण ई-नीलामी करेगा और उससे होने वाली आमदनी से कंपनियों को उनके जमा रकम ब्याज के साथ वापस करेगा. भूखंडों का आवंटन 7,500 रुपये प्रति वर्ग मीटर की आरक्षित दर से किया गया था.
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'25 भूखंडों की होगी ई-नीलामी'
नोएडा प्राधिकरण ने साल 2006 में होटल भूखंड आवंटन योजना लॉन्च की थी. इसका मकसद दिल्ली में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में आने वाले खिलाड़ी और अन्य के लिए रिहाइश उपलब्ध कराना था. यह कदम केंद्रीय खेल मंत्रालय के प्रस्ताव पर उठाया गया था. इसमें 5 फाइव स्टार समेत 25 होटलों के निर्माण के लिए प्लॉट को लीज पर दिए जाने का फैसला हुआ था.