नई दिल्ली/नोएडा : ग्रेटर नोएडा यमुना विकास प्राधिकरण के क्षेत्र में संपत्ति हस्तांतरण के लिए आपको प्राधिकरण का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा और न ही कोई सुविधा शुल्क देना पड़ेगा. एक जून से संपत्ति हस्तांतरण की मौजूदा व्यवस्था समाप्त करके इसे पूरी तरह से ऑनलाइन किया जाएगा.
आवासीय श्रेणी के लिए यह सुविधा लागू होगी. यमुना प्राधिकरण के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि संपत्ति हस्तांतरण में होने वाले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए यह कदम उठाया गया है.
यमुना प्राधिकरण ने सिटीजन चार्टर लागू किया है. इसके तहत प्राधिकरण की आवंटियों से संबंधित 17 सुविधाओं को ऑनलाइन किया जा रहा है. हर काम की समय सीमा तय होने से आवंटियों को इसका लाभ मिलेगा. प्राधिकरण से प्रतिमाह औसतन 500 संपत्ति हस्तांतरण प्रमाण पत्र जारी होते हैं. सीईओ अरुणवीर सिंह ने इसके लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए हैं.
ऑनलाइन सुविधा के बारे में अरुणवीर सिंह बताते हैं कि ऑनलाइन सुविधा लागू होने से क्रेता-विक्रेता को प्राधिकरण कार्यालय आने की कोई जरूरत नहीं होगी. कहीं से भी ऑनलाइन आवेदन किया जा सकेगा. ऑनलाइन आवेदन करने के साथ ही बैंक में जमा शुल्क का चालान भी ऑनलाइन देना होगा.
सत्यापन के लिए क्रेता-विक्रेता को कार्यालय आने की बजाय आधार ओटीपी के जरिए उनके डिजिटल हस्ताक्षर सत्यापित किए जाएंगे. चालान का सत्यापन भी बार कोड, क्यूआर कोड या होलोग्राम के जरिए होगा. इसके लिए प्राधिकरण बैंकों के साथ बैठक करके व्यवस्था बनाएगा.
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कर्मचारियों को संपत्ति हस्तांतरण पत्र तय समय सीमा में अपलोड करना होगा. जिसे आवेदक डाउन लोड कर सकेंगे. तय समय सीमा में आवेदन का निस्तारण न करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी.
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