नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी से सटे नोएडा और ग्रेटर नोएडा में 6 दिन बाद प्रदूषण कुछ राहत मिली है. हालांकि यह राहत कुछ वक्त के लिए है. प्रदूषण के स्तर में इस बड़े गिरावट के बाद लोगों ने खुलकर सांस ली है. जमीनी स्तर पर हवाओं की गति बढ़ने से यह राहत मिली है.
नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के करीब है और ग्रेटर नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स 322 दर्ज किया गया है. हालांकि अभी राहत पूरी तरीके से राहत नहीं मिली है. शहर अभी भी 'रेड जोन' में है जो चिंता का विषय है.
नोएडा में दर्ज AQI
नोएडा में UPPCB ने 4 स्टेशन ने इंस्टॉल किए हैं, जिसमें सेक्टर 62 स्टेशन का AQI 277, सेक्टर 125 में AQI 292, सेक्टर 1 का AQI 280 और सेक्टर 116 में 315 AQI दर्ज़ किया गया है. ज़िले की सेहत चिंताजनक बनी हुई है. अगर जिला प्रशासन ध्यान नहीं देगा तो हवा पूरी तरह से प्रदूषित हो जाएगी और लोगों की समस्याएं बढ़ेंगी. लगातार बढ़ता AQI जिला प्रशासन के लिए रेड अलर्ट है.
ग्रेटर नोएडा में दर्ज AQI
सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली से भी ज़्यादा प्रदूषित ग्रेटर नोएडा है. ग्रेटर नोएडा में दो स्टेशन यूपीपीसीबी ( उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) ने लगाए हैं, जिसमें नॉलेज पार्क-III में एयर क्वालिटी इंडेक्स 295 और नॉलेज पार्क-V का एयर क्वालिटी इंडेक्स 348 दर्ज़ किया गया है. ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक इकाइयां और कंस्ट्रक्शन साइट ज्यादा संख्या में है. ऐसे में ग्रुप के नियमों का सख्ती से पालन में उसको अथॉरिटीज को सुनिश्चित करना होगा, ताकि लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर प्रभावी रूप से रोकथाम की जा सकें.
हालात होंगे खराब
जानकारों की मानें तो 13 नवंबर से एक बार फिर से प्रदूषण बढ़ने लगेगा, हवाओं की गति कम होने के साथ ही उनके दिशा भी नॉर्थ-वेस्ट की तरफ से हो जाएंगी. ऐसे में प्रदूषण बेहद खराब से गंभीर स्तर में पहुंच सकता है.