नई दिल्ली/नोएडा: दीपावली के पावन पर्व को चंद दिन बाकी हैं. मुख्य मार्केट और बाजारों में भी मिट्टी के दीयों की मार्केट सज गई है. पर्व पर घरों को जगमग करने के लिए मिट्टी के दीये बेचने वाले कुम्हारों की दुकान भी शहर के बाजारों और चौराहों पर सज गई है. माना जा रहा है कि यह दिवाली कुम्हारों के लिए अच्छे दिन का संकेत है. आर्थिक तंगी से जूझ रहे कुम्हारों को मानों इस दिवाली संजीवनी मिल गई है. चीन के विरोध के चलते इस बार चाइनीज आइटम की बिक्री घटी है, तो वही मिट्टी के दीयों को कुछ लोग ज्यादा पसंद कर रहे हैं.
कुम्हारों के 'अच्छे दिन'
नोएडा के सोरखा गांव में कुम्हार का काम करने वाले भूरे सिंह मूल रूप से आगरा के हैं. पिछले 5-7 साल से कुम्हार का काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि इस बार की दीपावली में आम पब्लिक का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा और दीयों की बिक्री में बढ़ोतरी भी हुई है. वह अपने परिवार का भार अकेले ही उठाते हैं और पिछले कई सालों से दीये बनाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि बिक्री अच्छी होने की वजह से दाल रोटी की समस्या नहीं है और उनकी दीपावली भी जगमग होगी.
'चीन के विरोध का फायदा'
लगातार चीन के विरोध के चलते लोगों की पहली पसंद मिट्टी के दीये हो गए हैं. माना जा रहा है कि कुम्हारों को लॉकडाउन के बाद से नुकसान की भरपाई इस दीपावली में होने की उम्मीद है. दीयों की मांग अचानक बढ़ने से कुम्हारों के चेहरों पर खुशी देखी जा सकती है.