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नोएडा को बसाए हुए हो गए 45 साल, उद्देश्य अभी भी अधूरा : मजदूर नेता - नोएडा में मजदूरों की हालत

नोएडा के अतिरिक्त अन्य औद्योगिक जनपदों में मजदूरों के रहने के लिए आवास की सुविधाएं दी गई हैं, लेकिन नोएडा में आज तक मजदूरों को आवास की कोई सुविधा नहीं मिली है, जिसके चलते वह फुटपाथ से लेकर झुग्गियों और गांव में किराए पर रहने के लिए मजबूर हैं.

'नोएडा बसाने का उद्देश्य अभी भी अधूरा'
'नोएडा बसाने का उद्देश्य अभी भी अधूरा'
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Published : Jan 3, 2022, 4:23 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा : यूपी के औद्योगिक नगरी की स्थापना जिस उद्देश्य से की गई थी, वह 45 साल में आज तक पूरा नहीं हो पाया है. यहां उद्योगों का विस्तार जरूर हुआ, लेकिन मजदूरों का शोषण लगातार किया जा रहा है. यह बातें हिंद मजदूर सभा के महासचिव और मजदूर नेता राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहीं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए राघवेंद्र प्रताप ने बताया कि नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण है. नोएडा को बसाने का उद्देश्य यही था कि यहां उद्योगों का विस्तार हो और मजदूरों का भी विकास हो, लेकिन किसी भी सरकार ने मजदूरों के विकास की ओर ध्यान नहीं दिया. जिसके चलते मजदूर फुटपाथ और झुग्गियों में रहने को मजबूर हैं, जिसका एहसास अब विधानसभा चुनाव में मजदूर अपने वोट से कराएंगे.

'नोएडा बसाने का उद्देश्य अभी भी अधूरा'

ट्रेड यूनियन नेता का कहना है कि अब तक की सरकारों ने नोएडा को लूटने का काम किया है. प्राधिकरण को सरकारों ने प्रॉपर्टी डीलर के रूप में प्रयोग किया है, जो जमीन को खरीदने-बेचने का काम करता है. जिसके द्वारा आज तक मजदूरों के हित में कोई काम नहीं किया गया है. उद्योगों की बात तो मजदूर और सरकार सभी करती हैं, लेकिन मजदूरों का विकास की बात कोई नहीं करता है.

नोएडा के अतिरिक्त अन्य औद्योगिक जनपदों में मजदूरों के रहने के लिए आवास की सुविधाएं दी गई हैं, लेकिन नोएडा में आज तक मजदूरों को आवास की कोई सुविधा नहीं मिली है, जिसके चलते वह फुटपाथ से लेकर झुग्गियों और गांव में किराए पर रहने के लिए मजबूर हैं. मजदूर कंपनियों में काम करके उद्योग को अगर बढ़ाने का काम कर सकते हैं तो सरकार बनाने और बिगाड़ने का भी काम कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- नए साल में नोएडा का गिरा क्राइम ग्राफ, जिले के 16 थानों में 35 मुक़दमे दर्ज


ईटीवी भारत से खास बात करते हुए राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मजदूरों के आवास के संबंध में कई बार प्राधिकरण, श्रम विभाग और प्रदेश के मंत्री से वार्ता की गई, लेकिन किसी के भी द्वारा कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया गया. मजदूरों को चुनाव के दौरान प्रत्याशियों द्वारा आश्वासन तमाम तरह के दिए जाते हैं पर जनप्रतिनिधि बनने के बाद वह उनकी तरफ झांकने भी नहीं आते हैं. मजदूर नेता राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मजदूरों के आवास और चिकित्सा को लेकर इस बार विधानसभा चुनाव में सभी मजदूर एकजुट होंगे जिनकी बस एक ही मांग होगी, आवास नहीं तो वोट नहीं. अगर मजदूरों की मांगें पूरी नहीं पूरी हुई तो मजदूर अपनी एकता और वोट का महत्व जरूर बताएंगे.

नई दिल्ली/नोएडा : यूपी के औद्योगिक नगरी की स्थापना जिस उद्देश्य से की गई थी, वह 45 साल में आज तक पूरा नहीं हो पाया है. यहां उद्योगों का विस्तार जरूर हुआ, लेकिन मजदूरों का शोषण लगातार किया जा रहा है. यह बातें हिंद मजदूर सभा के महासचिव और मजदूर नेता राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहीं.

ईटीवी भारत से बात करते हुए राघवेंद्र प्रताप ने बताया कि नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण है. नोएडा को बसाने का उद्देश्य यही था कि यहां उद्योगों का विस्तार हो और मजदूरों का भी विकास हो, लेकिन किसी भी सरकार ने मजदूरों के विकास की ओर ध्यान नहीं दिया. जिसके चलते मजदूर फुटपाथ और झुग्गियों में रहने को मजबूर हैं, जिसका एहसास अब विधानसभा चुनाव में मजदूर अपने वोट से कराएंगे.

'नोएडा बसाने का उद्देश्य अभी भी अधूरा'

ट्रेड यूनियन नेता का कहना है कि अब तक की सरकारों ने नोएडा को लूटने का काम किया है. प्राधिकरण को सरकारों ने प्रॉपर्टी डीलर के रूप में प्रयोग किया है, जो जमीन को खरीदने-बेचने का काम करता है. जिसके द्वारा आज तक मजदूरों के हित में कोई काम नहीं किया गया है. उद्योगों की बात तो मजदूर और सरकार सभी करती हैं, लेकिन मजदूरों का विकास की बात कोई नहीं करता है.

नोएडा के अतिरिक्त अन्य औद्योगिक जनपदों में मजदूरों के रहने के लिए आवास की सुविधाएं दी गई हैं, लेकिन नोएडा में आज तक मजदूरों को आवास की कोई सुविधा नहीं मिली है, जिसके चलते वह फुटपाथ से लेकर झुग्गियों और गांव में किराए पर रहने के लिए मजबूर हैं. मजदूर कंपनियों में काम करके उद्योग को अगर बढ़ाने का काम कर सकते हैं तो सरकार बनाने और बिगाड़ने का भी काम कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- नए साल में नोएडा का गिरा क्राइम ग्राफ, जिले के 16 थानों में 35 मुक़दमे दर्ज


ईटीवी भारत से खास बात करते हुए राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मजदूरों के आवास के संबंध में कई बार प्राधिकरण, श्रम विभाग और प्रदेश के मंत्री से वार्ता की गई, लेकिन किसी के भी द्वारा कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया गया. मजदूरों को चुनाव के दौरान प्रत्याशियों द्वारा आश्वासन तमाम तरह के दिए जाते हैं पर जनप्रतिनिधि बनने के बाद वह उनकी तरफ झांकने भी नहीं आते हैं. मजदूर नेता राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि मजदूरों के आवास और चिकित्सा को लेकर इस बार विधानसभा चुनाव में सभी मजदूर एकजुट होंगे जिनकी बस एक ही मांग होगी, आवास नहीं तो वोट नहीं. अगर मजदूरों की मांगें पूरी नहीं पूरी हुई तो मजदूर अपनी एकता और वोट का महत्व जरूर बताएंगे.

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