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नोएडा की अदालत ने डिजिटल रेप के मामले में बुजुर्ग को आजीवन कारावास की सजा सुनाई - नोएडा डिजिटल रेप में बुजुर्ग दोषी करार

ग्रेटर नोएडा की जिला एवं सत्र न्यायालय ने डिजिटल रेप के मामले में एक बुजुर्ग को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. घटना 21 जनवरी 2019 की है. डिजिटल रेप में बच्चियों से हाथ या पैर से दरिंदगी की जाती है. Elderly convicted in Noida digital rape case

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Published : Aug 31, 2022, 7:32 AM IST

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडाः गौतम बुद्ध नगर जिला न्यायालय ने नाबालिग से डिजिटल रेप करने वाले आरोपी अकबर अली (65) को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अकबर पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माने की रकम नहीं देने पर छह महीने का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. अपर सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार सिंह ने मामले में आठ गवाह और साक्ष्यों के आधार पर दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलील सुनने के बाद आरोपी को दोषी मानते हुए सजा सुनाई. Elderly convicted in Noida digital rape case

जिला शासकीय अधिवक्ता नीटू विश्नोई ने बताया 21 जनवरी 2019 को अकबर अली ने नाबालिग से डिजिटल रेप किया था. उसने एक बच्ची को टॉफी आदि का लालच देकर दरिंदगी की घटना को अंजाम दिया था. अकबर मूल रुप से पश्चिम बंगाल का रहने वाला है. घटना के दौरान वह नोएडा के सदरपुर में रह रहा था. पीड़िता के परिजनों की शिकायत पर थाना सेक्टर 39 पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की और चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की. मामले की सुनवाई के दौरान कुल आठ गवाह पेश हुए. गवाह एवं साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने अकबर अली को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. डिजिटल रेप के मामले में मिली सजा जिले की पहली घटना है.

ये भी पढ़ेंः भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को 2024 तक मिल सकता है कार्यकाल का विस्तार

क्या है डिजिटल रेपः डिजिटल रेप का मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि यौन उत्पीड़न इंटरनेट के माध्यम से हुआ हो. डिजिटल शब्द डिजिट्स शब्द से बना है. डिजिट शब्द का एक अर्थ अंगुलियां या अंगूठा भी होता है. देश में हुए निर्भया केस के बाद कानून में परिवर्तन किया गया. इसमें बच्चियों से हाथ या पैर से भी की गई दरिंदगी को दुष्कर्म माना गया है. इस प्रकार के दुष्कर्म को डिजिटल रेप कहा गया.

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडाः गौतम बुद्ध नगर जिला न्यायालय ने नाबालिग से डिजिटल रेप करने वाले आरोपी अकबर अली (65) को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अकबर पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माने की रकम नहीं देने पर छह महीने का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी. अपर सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार सिंह ने मामले में आठ गवाह और साक्ष्यों के आधार पर दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलील सुनने के बाद आरोपी को दोषी मानते हुए सजा सुनाई. Elderly convicted in Noida digital rape case

जिला शासकीय अधिवक्ता नीटू विश्नोई ने बताया 21 जनवरी 2019 को अकबर अली ने नाबालिग से डिजिटल रेप किया था. उसने एक बच्ची को टॉफी आदि का लालच देकर दरिंदगी की घटना को अंजाम दिया था. अकबर मूल रुप से पश्चिम बंगाल का रहने वाला है. घटना के दौरान वह नोएडा के सदरपुर में रह रहा था. पीड़िता के परिजनों की शिकायत पर थाना सेक्टर 39 पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज की और चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की. मामले की सुनवाई के दौरान कुल आठ गवाह पेश हुए. गवाह एवं साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट ने अकबर अली को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. डिजिटल रेप के मामले में मिली सजा जिले की पहली घटना है.

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क्या है डिजिटल रेपः डिजिटल रेप का मतलब यह बिल्कुल भी नहीं है कि यौन उत्पीड़न इंटरनेट के माध्यम से हुआ हो. डिजिटल शब्द डिजिट्स शब्द से बना है. डिजिट शब्द का एक अर्थ अंगुलियां या अंगूठा भी होता है. देश में हुए निर्भया केस के बाद कानून में परिवर्तन किया गया. इसमें बच्चियों से हाथ या पैर से भी की गई दरिंदगी को दुष्कर्म माना गया है. इस प्रकार के दुष्कर्म को डिजिटल रेप कहा गया.

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