नई दिल्ली/ नोएडा: ईरान के समुद्र में नोएडा का आयुष रहस्मयी तरीके से लापता हो गया है. आयुष शिपिंग नाम की एक कंपनी में काम करता था. परिजनों का आरोप है कि कंपनी की तरफ से जो रिपोर्ट दी गई है वो झूठी है. भारत सरकार से परिवार एक बार रेस्क्यू करने की मांग कर रहा है.
बता दें कि नोएडा के आयुष चौधरी मर्चेंट नेवी में डिप्लोमा कर सेक्टर-15 में आरएएस कंपनी के कंसल्टेंट प्रांजल के माध्यम से ईरान की शिपिंग कंपनी में नौकरी कर रहे थे. 3 मई को आयुष दुबई के लिए रवाना हुए थे. दुबई की सी ग्रोवेल शिपिंग कंपनी लिमिटेड के कार्गो शिप से आयुष चौधरी अपने दूसरे क्रू मेंबर के साथ ईरान के लिए निकले थे. तभी से आयुष लापता बताए जा रहे हैं. परिवारवालों ने बताया कि आयुष से उनकी आखिरी बात 12 जुलाई को हुई थी.
आयुष की खोजबीन के लिए परिजनों ने विदेश मंत्रालय समेत ईरान, सऊदी अरब अमीरात के दूतावास से भी मदद की गुहार लगाई है.
'शिपिंग कंपनी को लेकर उठाये सवाल'
लापता आयुष की बहन शैली ने शिपिंग कंपनी के द्वारा मौत की रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए. उन्होंने बताया कि कंपनी ने जिन भी चश्मदीदों के हस्ताक्षर कर रिपोर्ट भेजी है वह सभी फर्जी हैं. आरोप है कि हस्ताक्षर एक ही व्यक्ति द्वारा किए गए हैं. हस्ताक्षर भी चश्मदीदों के अलग-अलग हैं. आयुष की बहन शैली ने कहा कि 17 जुलाई की शाम को शिपिंग कंपनी की तरफ से फोन आया कि 15 जुलाई की शाम को आयुष समुद्र में गिर गया है. जिसके बाद से उसका कोई पता नहीं चला. वही कंपनी द्वारा भेजी गई रिपोर्ट में यह घटना 16 जुलाई की बताई गई है.
'परिवार की मांग'
आयुष के परिवार ने भारत सरकार से न्याय की गुहार लगाई है. उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं शिपिंग पोर्ट का एक बार रेस्क्यू दोबारा कराया जाए ताकि कंपनी का झूठ पकड़ा जा सके. परिवार ने गौतमबुद्ध नगर के सांसद डॉ महेश शर्मा से भी न्याय की गुहार लगाई है. सांसद डॉ. महेश शर्मा ने परिजनों की समस्या सुन उसे विदेश मंत्रालय के सामने रखने की बात कही है.