नई दिल्ली/नोएडा: (नफोमा) नोएडा फ्लैट बायर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने सड़क पर हाथों में तख्ती लेकर चुनाव के प्रति विरोध जताया. तख्तियों पर लिखा था 'नो होम नो वोट'. पूछने पर पता चला कि ये लोग बिल्डरों की मनमानी के खिलाफ दी गई शिकायत की अनदेखी से हताश और नाराज हैं.
मानकों के हिसाब से नहीं फ्लैट
नोएडा फ्लैट बायर्स एसोसिएशन (नेफोमा) के अध्यक्ष अन्नू खान ने कहा कि वे बिल्डरों की मनमानी से तंग आ गए हैं. लाखों लोगों ने घर का सपना लिए अपने लिए फ्लैट खरीदा लेकिन उन्हें आज तक उनका घर नहीं मिला. अगर मिला भी तो वो मानकों के हिसाब से नहीं था.
हमेशा खोखला आश्वासन मिला
उन्होंने कहा कि बिल्डरों ने सब्जबाग दिखा कर लाखों लोगों से पैसे ले लिए लेकिन तय समय सीमा बीत जाने के बावजूद उन्हें फ्लैट आवंटित नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि बिल्डरों के खिलाफ शिकायत लेकर वे मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, से लेकर जिला प्रशासन तक गए लेकिन हर जगह से उन्हें केवल खोखला आश्वासन मिला.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया था कि 80,000 लोगों को फ्लैट दिया जाएगा लेकिन ये वादा अब भी अधूरा है.
तीन-तरफा मार झेल रहे बायर्स
नेफोमा अध्यक्ष ने कहा कि वे फ्लैट बायर्स तीन तरफा मार झेल रहे हैं. एक तरफ कमरों का मंहगा किराया, लोन की ईएमआई और तीसरी तरफ बिल्डर्स को दिया गया पैसा. उन्होंने रेरा कानून को लेकर कहा कि ये प्रभावी नहीं है.
अन्नू खान ने कहा कि रेरा कानून की मदद से न तो किसी बिल्डर को जेल में डाला जा सकता है और न ही पैसा वापस करने पर मजबूर किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वे लोग अब हार चुके हैं.
नोटा में मतदान का लिया फैसला
नेफोमा की महासचिव रश्मि ने कहा कि, हमलोगों ने शासन, प्रशासन से लेकर स्थानीय राजनीतिक निकाय तक सब को अपनी समस्या सुनाई लेकिन स्थिति जस की तस है.
उन्होंने कहा कि शिकायतों की अनदेखी से परेशान होकर ही नेफोमा ने अपने लाखों फ्लैट बायर्स और उनके परिवार सहित 2019 के लोकसभा चुनावों में नोटा पर बटन दबाने का फैसला किया है.