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'नो होम नो वोट' के नारों के साथ सड़क पर उतरे नफोमा के सदस्य - Builders

नोएडा फ्लैट बायर्स एसोसिएशन ने घोषणा कर दी है कि वे अपने लाखों बायर्स के साथ आगामी लोकसभा चुनावों में नोटा विकल्प पर बटन दबाएंगे. नेफोमा नाम के इस संगठन के अध्यक्ष अन्नू खान ने कहा कि बिल्डरों की मनमानी के खिलाफ शिकायतों की अनदेखी से निराश होकर उन्होंने ये कदम उठाया है.

बायर्स एसोसिएशन के सदस्य
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Published : Apr 3, 2019, 3:05 AM IST

नई दिल्ली/नोएडा: (नफोमा) नोएडा फ्लैट बायर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने सड़क पर हाथों में तख्ती लेकर चुनाव के प्रति विरोध जताया. तख्तियों पर लिखा था 'नो होम नो वोट'. पूछने पर पता चला कि ये लोग बिल्डरों की मनमानी के खिलाफ दी गई शिकायत की अनदेखी से हताश और नाराज हैं.

नफोमा दबाएगी नोटा

मानकों के हिसाब से नहीं फ्लैट
नोएडा फ्लैट बायर्स एसोसिएशन (नेफोमा) के अध्यक्ष अन्नू खान ने कहा कि वे बिल्डरों की मनमानी से तंग आ गए हैं. लाखों लोगों ने घर का सपना लिए अपने लिए फ्लैट खरीदा लेकिन उन्हें आज तक उनका घर नहीं मिला. अगर मिला भी तो वो मानकों के हिसाब से नहीं था.

हमेशा खोखला आश्वासन मिला
उन्होंने कहा कि बिल्डरों ने सब्जबाग दिखा कर लाखों लोगों से पैसे ले लिए लेकिन तय समय सीमा बीत जाने के बावजूद उन्हें फ्लैट आवंटित नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि बिल्डरों के खिलाफ शिकायत लेकर वे मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, से लेकर जिला प्रशासन तक गए लेकिन हर जगह से उन्हें केवल खोखला आश्वासन मिला.

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया था कि 80,000 लोगों को फ्लैट दिया जाएगा लेकिन ये वादा अब भी अधूरा है.

तीन-तरफा मार झेल रहे बायर्स
नेफोमा अध्यक्ष ने कहा कि वे फ्लैट बायर्स तीन तरफा मार झेल रहे हैं. एक तरफ कमरों का मंहगा किराया, लोन की ईएमआई और तीसरी तरफ बिल्डर्स को दिया गया पैसा. उन्होंने रेरा कानून को लेकर कहा कि ये प्रभावी नहीं है.

अन्नू खान ने कहा कि रेरा कानून की मदद से न तो किसी बिल्डर को जेल में डाला जा सकता है और न ही पैसा वापस करने पर मजबूर किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वे लोग अब हार चुके हैं.

नोटा में मतदान का लिया फैसला
नेफोमा की महासचिव रश्मि ने कहा कि, हमलोगों ने शासन, प्रशासन से लेकर स्थानीय राजनीतिक निकाय तक सब को अपनी समस्या सुनाई लेकिन स्थिति जस की तस है.
उन्होंने कहा कि शिकायतों की अनदेखी से परेशान होकर ही नेफोमा ने अपने लाखों फ्लैट बायर्स और उनके परिवार सहित 2019 के लोकसभा चुनावों में नोटा पर बटन दबाने का फैसला किया है.

नई दिल्ली/नोएडा: (नफोमा) नोएडा फ्लैट बायर्स एसोसिएशन के सदस्यों ने सड़क पर हाथों में तख्ती लेकर चुनाव के प्रति विरोध जताया. तख्तियों पर लिखा था 'नो होम नो वोट'. पूछने पर पता चला कि ये लोग बिल्डरों की मनमानी के खिलाफ दी गई शिकायत की अनदेखी से हताश और नाराज हैं.

नफोमा दबाएगी नोटा

मानकों के हिसाब से नहीं फ्लैट
नोएडा फ्लैट बायर्स एसोसिएशन (नेफोमा) के अध्यक्ष अन्नू खान ने कहा कि वे बिल्डरों की मनमानी से तंग आ गए हैं. लाखों लोगों ने घर का सपना लिए अपने लिए फ्लैट खरीदा लेकिन उन्हें आज तक उनका घर नहीं मिला. अगर मिला भी तो वो मानकों के हिसाब से नहीं था.

हमेशा खोखला आश्वासन मिला
उन्होंने कहा कि बिल्डरों ने सब्जबाग दिखा कर लाखों लोगों से पैसे ले लिए लेकिन तय समय सीमा बीत जाने के बावजूद उन्हें फ्लैट आवंटित नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि बिल्डरों के खिलाफ शिकायत लेकर वे मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री, से लेकर जिला प्रशासन तक गए लेकिन हर जगह से उन्हें केवल खोखला आश्वासन मिला.

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दावा किया था कि 80,000 लोगों को फ्लैट दिया जाएगा लेकिन ये वादा अब भी अधूरा है.

तीन-तरफा मार झेल रहे बायर्स
नेफोमा अध्यक्ष ने कहा कि वे फ्लैट बायर्स तीन तरफा मार झेल रहे हैं. एक तरफ कमरों का मंहगा किराया, लोन की ईएमआई और तीसरी तरफ बिल्डर्स को दिया गया पैसा. उन्होंने रेरा कानून को लेकर कहा कि ये प्रभावी नहीं है.

अन्नू खान ने कहा कि रेरा कानून की मदद से न तो किसी बिल्डर को जेल में डाला जा सकता है और न ही पैसा वापस करने पर मजबूर किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वे लोग अब हार चुके हैं.

नोटा में मतदान का लिया फैसला
नेफोमा की महासचिव रश्मि ने कहा कि, हमलोगों ने शासन, प्रशासन से लेकर स्थानीय राजनीतिक निकाय तक सब को अपनी समस्या सुनाई लेकिन स्थिति जस की तस है.
उन्होंने कहा कि शिकायतों की अनदेखी से परेशान होकर ही नेफोमा ने अपने लाखों फ्लैट बायर्स और उनके परिवार सहित 2019 के लोकसभा चुनावों में नोटा पर बटन दबाने का फैसला किया है.

Intro:नोएडा/ग्रेटर नोएडा---
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आज के समय में देखा जाए तो सबसे बड़ी समस्या के रूप में निकल कर आती है कि बिल्डरों से परेशान बायर्स जिन्हें आशियाना देने का वादा बिल्डरों ने किया पर पैसे ले लिए और आशियाना नहीं दिया , हजारों की संख्या में परेशान बायर्स मुख्यमंत्री ,प्रधानमंत्री, जिला प्रशासन तमाम मंत्रियों के दरवाजे खटखटा ए पर उनकी समस्या एक जमाने से जस की तस बनी हुई है अब 2019 का लोकसभा चुनाव आने पर बायर्स एसोसिएशन ने यह निर्णय लिया है कि 'नो होम नो वोट' इसकी घोषणा नफोमा के पदाधिकारियों ने किया।


Body:नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बायर्स एक दशक से अपनी समस्याओं को लेकर परेशान हैं उनका कहना है कि वह 3 तरफा मार से झेल रहे हैं एक तरफ कमरे का किराया दूसरी तरफ बैंक की ईएमआई और तीसरी तरफ बिल्डर को दिया गया पैसा , उनका कहना है कि हमें समझ में नहीं आ रहा कि हम क्या करें स्थानीय सांसद और केंद्रीय मंत्री से लेकर जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री तक के दरवाजे खटखटाया पर हर जगह आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला और एक दशक बीत गया , वहीं प्रधानमंत्री को भी कई बार पत्र लिखे गए पर कोई निष्कर्ष नहीं निकला । जिसके चलते इस बार लोकसभा चुनाव में यह निर्णय बायर्स की एसोसिएशन नफोमा द्वारा लिया गया है कि वोट करने जाएंगे पर नोटा पर बटन दबाएंगे, हम किसी भी प्रत्याशी का समर्थन नहीं करेंगे क्योंकि हमारी समस्याएं किसी भी सरकार और नेता द्वारा नहीं सुना जा रहा है।


Conclusion:नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बॉयर्स द्वारा लिए गए इस निर्णय को देखा जाए तो अगर हजारों की संख्या में बॉयर्स ने नोटा का बटन दबाया तो गौतम बुध नगर लोकसभा सीट के त्रिकोणीय लड़ाई का परिणाम कुछ और हो सकता है।

बाईट---अन्नू खान (नेफोमा अध्यक्ष)
बाईट---रश्मि सिंह (नेफोमा महासचिव)
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