नई दिल्ली/ग्रे. नोएडा: गौतमबुद्धनगर के लुक्सर जेल में बंद कैदियों ने ऐसे उत्पाद बनाए हैं कि वो अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले में खूब पसंद किए जा रहे हैं.लुक्सर जेल में बंद कैदियों ने ग्राम लाइट योजना के तहत एलईडी लाइट बनाई है. जेल अधीक्षक का कहना है कि इन उत्पादों को देखकर ऐसा नहीं लगता कि वो किसी जेल में बने हैं.
कैदियों ने बनाईं कई तरह की लाइटें
जेल अधीक्षक विपिन कुमार मिश्र ने बताया कि कैदियों ने ग्राम लाइट योजना के तहत काम करने की इच्छा जताई थी. जिसके बाद उन्हें जेल में ही जरूरी सामान और साधन मुहैया कराए गए. जरुरत पड़ने पर उन्हें इसकी ट्रेनिंग भी दी गई. जिसके बाद इन्होंने एलईडी लाइट और कई तरह के सजावटी लाइट बनाए. ऐसा करके इन्होंने अंधेर कोठरी से भी दुनिया को उजाले का संदेश दिया है. मिश्रा ने कहा कि कैदियों का ये काम मुझे अच्छा लगा क्योंकि उन्होंने मकान से महल तक को रोशन करने वाला उत्पाद बनाया है.
'जेल को सुधार गृह के रूप में देखा जाना चाहिए'
जेल अधीक्षक विपिन कुमार मिश्र का कहना है कि जेल को सुधार गृह के रूप में देखा जाना चाहिए. अगर कोई अपराधी यहां सजा काटने आता है तो जेल प्रशासन की यही मंशा होती है कि यहां से छूटकर जाने के बाद वो दोबारा जेल न आए. इसके लिए कई कार्यक्रम चलाए जाते हैं. कैदियों को उनकी प्रतिभा और योग्यता के हिसाब से प्रशिक्षण दिया जाता है.