नई दिल्ली/नोएडा: राजधानी से सटे ग्रेटर नोएडा के लगभग 50 सेक्टरों के निवासियों की इस साल की दिवाली काली होने वाली है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण डे इन सेक्टरों के निवासियों को 20 साल पहले खरीदे गए भूखंडों के लिए अतिरिक्त पैसे का भुगतान करने का फरमान जारी किया है.
प्राधिकरण के फरमान से यहां निवास करने वाले तकरीबन 25 हजार लोगों की मुसीबतें बढ़ गई है. बता दें हाईकोर्ट ने साल 2011 के आदेश के अनुपालन में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने तकरीबन किसानों को 64.7% अतिरिक्त मुआवजा देने की बात कही. जिसके अनुपालन में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी आवंटियों से पैसे वसूल कर रही है.
'अथॉरिटी का काला कानून'
स्वर्ण नगरी के निवासी रिटायर्ड प्रिंसिपल राम सिंह बताते हैं कि उन्हें रिटायर हुए 9 साल हो गए हैं. 21 साल पहले प्लॉट खरीदा था. जीवनभर की पूंजी इसमें लगा दी है. मेरा मकान अंडर कंस्ट्रक्शन है ऐसे में अब मकान बनाऊं या अथॉरिटी को 6 लाख रुपये दूं. बेटा बीमार है, बैंक को किस्त जाती है और पेंशन से घर चल रहा है. जरूरत पड़ी तो अथॉरिटी के सामने आत्मदाह करूंगा लेकिन अवैध वसूली नहीं दूंगा.
अथॉरिटी के फरमान का होगा विरोध
अथॉरिटी नोटिस भेज कर सेक्टरवासियों की दीवाली को 'काली दीवाली' करने का काम किया है. स्वर्ण नगरी के अध्यक्ष राजेश भाटी ने कहा कि जरूरत पड़ी तो सेक्टरवासी सड़कों पर उतर कर इस फरमान का विरोध करेंगे.
वकील प्रमोद ने कहा कि अथॉरिटी के भेजे नोटिस का लीगल तरीके से जवाब भेजेंगे. वकील प्रमोद ने कहा कि यह जमीन यूपीएसआईडीसी की थी. जिससे ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने खरीदा था. ऐसे में किसानों को 64 प्रतिशत का मुआवजा नहीं दिया गया तो सेक्टरवासियों से वसूली क्यों की जा रही है.
विरोध के साथ बनाएंगे संघर्ष समिति
सेक्टरवासियों में इसमें फरमान के बाद से रोष है. उनका कहना है कि जरूरत पड़ी तो वह ग्रे. नोएडा अथॉरिटी का घेराव भी करेंगे. स्वर्ण नगरी सेक्टर वासियों ने कहा कि इस को लेकर संघर्ष समिति बनाई जाएगी और नए फरमान का पुरजोर तरीके से विरोध किया जाएगा.