नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर स्वास्थ्य विभाग ने टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए कमर कस ली है. सघन टीबी रोगी खोज अभियान 17 फरवरी से शुरू किया जाएगा.
गौतमबुद्ध नगर स्वास्थ्य विभाग ने 90 टीमें गठित की, जो 54,286 घरों में जाकर टीबी रोगियों की तलाश करेंगी. अभियान में 2 लाख से ज़्यादा परिवारों की स्क्रीनिंग का लक्ष्य रखा गया है.
5 सालों के आकंड़े
स्वास्थ्य विभाग टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए टीबी रोगी खोज़ अभियान 17 फरवरी से शुरू कर रहा है. पिछले पांच साल के आकंड़ों पर नज़र डालें तो साल 2016 में 4211 रोगी, साल 2017 में 4283 रोगी, साल 2018 में 5642 रोगी और साल 2019 में 6478 रहे. वहीं निजी अस्पतालों में साल 2016 में 962, साल 2017 में 1210, साल 2018 में 2145 और साल 2019 में 3337 मरीज मिले.
घर-घर चलेगा अभियान
गौतमबुद्ध नगर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर अनुराग भार्गव ने बताया कि टीबी का इलाज नहीं करने से ये बीमारी दूसरों को हो जाती है. प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में टीबी की एक दवा निर्धारित की गई है. स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर टीबी रोगियों की पहचान करेंगी और उन्हें इलाज मुहैया कराया जाएगा. इलाकों को चिन्हित कर परिवारों की सैम्पलिंग की जाएगी.
5 सालों में मौत का आकंड़ा
गौतमबुद्ध नगर में 17 टीबी के जांच केंद्र खोले जाएंगे. शहरी क्षेत्रों में 3 केंद्र रायपुर, सदरपुर, होशियारपुर में खोले जाएंगे. आकंड़ों के मुताबिक पिछले 5 सालों में तकरीबन 30-35 लोगों की मौत हुई है. CMO ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि खांसी, जुखाम, बुखार, भूख न लगना, वजन का गिरना और पसीने की समस्या हो तो नज़दीकी अस्पताल में तुरंत टीबी की जांच कराएं.