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टीबी मुक्त होगा गौतमबुद्ध नगर! 17 फरवरी से शुरू किया जाएगा अभियान

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए गौतमबुद्ध नगर स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है. सघन टीबी रोगी खोज अभियान के तहत 54,286 घरों में जाकर टीबी रोगियों की तलाश की जाएगी.

Gautam Budh Nagar health department
गौतमबुद्ध नगर
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Published : Feb 10, 2020, 11:02 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर स्वास्थ्य विभाग ने टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए कमर कस ली है. सघन टीबी रोगी खोज अभियान 17 फरवरी से शुरू किया जाएगा.

गौतमबुद्ध नगर स्वास्थ्य विभाग ने 90 टीमें गठित की, जो 54,286 घरों में जाकर टीबी रोगियों की तलाश करेंगी. अभियान में 2 लाख से ज़्यादा परिवारों की स्क्रीनिंग का लक्ष्य रखा गया है.

17 फरवरी से शुरू किया जाएगा अभियान

5 सालों के आकंड़े

स्वास्थ्य विभाग टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए टीबी रोगी खोज़ अभियान 17 फरवरी से शुरू कर रहा है. पिछले पांच साल के आकंड़ों पर नज़र डालें तो साल 2016 में 4211 रोगी, साल 2017 में 4283 रोगी, साल 2018 में 5642 रोगी और साल 2019 में 6478 रहे. वहीं निजी अस्पतालों में साल 2016 में 962, साल 2017 में 1210, साल 2018 में 2145 और साल 2019 में 3337 मरीज मिले.

घर-घर चलेगा अभियान

गौतमबुद्ध नगर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर अनुराग भार्गव ने बताया कि टीबी का इलाज नहीं करने से ये बीमारी दूसरों को हो जाती है. प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में टीबी की एक दवा निर्धारित की गई है. स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर टीबी रोगियों की पहचान करेंगी और उन्हें इलाज मुहैया कराया जाएगा. इलाकों को चिन्हित कर परिवारों की सैम्पलिंग की जाएगी.

5 सालों में मौत का आकंड़ा

गौतमबुद्ध नगर में 17 टीबी के जांच केंद्र खोले जाएंगे. शहरी क्षेत्रों में 3 केंद्र रायपुर, सदरपुर, होशियारपुर में खोले जाएंगे. आकंड़ों के मुताबिक पिछले 5 सालों में तकरीबन 30-35 लोगों की मौत हुई है. CMO ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि खांसी, जुखाम, बुखार, भूख न लगना, वजन का गिरना और पसीने की समस्या हो तो नज़दीकी अस्पताल में तुरंत टीबी की जांच कराएं.

नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर स्वास्थ्य विभाग ने टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए कमर कस ली है. सघन टीबी रोगी खोज अभियान 17 फरवरी से शुरू किया जाएगा.

गौतमबुद्ध नगर स्वास्थ्य विभाग ने 90 टीमें गठित की, जो 54,286 घरों में जाकर टीबी रोगियों की तलाश करेंगी. अभियान में 2 लाख से ज़्यादा परिवारों की स्क्रीनिंग का लक्ष्य रखा गया है.

17 फरवरी से शुरू किया जाएगा अभियान

5 सालों के आकंड़े

स्वास्थ्य विभाग टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए टीबी रोगी खोज़ अभियान 17 फरवरी से शुरू कर रहा है. पिछले पांच साल के आकंड़ों पर नज़र डालें तो साल 2016 में 4211 रोगी, साल 2017 में 4283 रोगी, साल 2018 में 5642 रोगी और साल 2019 में 6478 रहे. वहीं निजी अस्पतालों में साल 2016 में 962, साल 2017 में 1210, साल 2018 में 2145 और साल 2019 में 3337 मरीज मिले.

घर-घर चलेगा अभियान

गौतमबुद्ध नगर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर अनुराग भार्गव ने बताया कि टीबी का इलाज नहीं करने से ये बीमारी दूसरों को हो जाती है. प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में टीबी की एक दवा निर्धारित की गई है. स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर टीबी रोगियों की पहचान करेंगी और उन्हें इलाज मुहैया कराया जाएगा. इलाकों को चिन्हित कर परिवारों की सैम्पलिंग की जाएगी.

5 सालों में मौत का आकंड़ा

गौतमबुद्ध नगर में 17 टीबी के जांच केंद्र खोले जाएंगे. शहरी क्षेत्रों में 3 केंद्र रायपुर, सदरपुर, होशियारपुर में खोले जाएंगे. आकंड़ों के मुताबिक पिछले 5 सालों में तकरीबन 30-35 लोगों की मौत हुई है. CMO ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि खांसी, जुखाम, बुखार, भूख न लगना, वजन का गिरना और पसीने की समस्या हो तो नज़दीकी अस्पताल में तुरंत टीबी की जांच कराएं.

Intro:गौतमबुद्ध नगर स्वास्थ्य विभाग ने टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए कमर कस ली, सघन टीबी रोगी खोज अभियान 17 फरवरी से शुरू किया जाएगा। गौतमबुद्ध नगर स्वास्थ्य विभाग ने 90 टीमें गठित की गई, जो 54,286 घरों में जाकर टीबी रोगियों की तलाश करेंगी। अभियान में 2 लाख से ज़्यादा परिवारों की स्क्रीनिंग का लक्ष्य रखा गया है।


Body:"5 सालों के आकंड़े"
स्वास्थ्य विभाग ने टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए टीबी रोगी खोज़ अभियान 17 फरवरी से शुरू किया जा रहा। पिछले पांच साल के आकंड़ों पर नज़र डाले तो साल 2016 में 4211 रोगी, साल 2017 में 4283 रोगी, साल 2018 में 5642 रोगी और साल 2019 में 6478 रहे। वहीं निजी अस्पतालों में साल 2016 में 962, साल 2017 में 1210, साल 2018 में 2145 और साल 2019 में 3337 मरीज मिले।

"घर-घर चलेगा अभियान"
गौतमबुद्ध नगर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर अनुराग भार्गव ने बताया कि टीबी का इलाज नहीं करने से ये बीमारी दूसरों को हो जाती है, एक टीबी का मरीज़ 15-20 लोगों को हो जाती है। प्राइवेट और सरकारी अस्पतालों में टीबी की एक दवा निर्धारित की गई, स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर घर जाकर टीबी रोगियों की।पहचान करेगी और उन्हें इलाज़ मुहैया कराया जाएगा। इलाकों को चिन्हित कर परिवारों की सैम्पलिंग की जाएगी।


Conclusion:"पांच सालों में मौत का आकंड़ा"
गौतमबुद्ध नगर में 17 टीबी के जांच केंद्र खोले जाएंगे, शहरी क्षेत्रों में 3 केंद्र रायपुर, सदरपुर, होशियारपुर में खोले जाएंगे। आकंड़ों के मुताबिक पिछले 5 सालों में तकरीबन 30-35 लोगों की मौत हुई है। CMO ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि खांसी, जुखाम, बुखार, भूख न लगना, वजन का गिरना और पसीने की समस्या हो तो नज़दीकी अस्पताल में तुरंत टीबी की जांच कराएं।
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