नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली-एनसीआर में 15 अक्टूबर से ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान लागू है, लेकिन उसका कुछ खास असर देखने को नहीं मिल रहा है. नोएडा शहर की हवा बेहद चिंताजनक और रेड ज़ोन में पहुंच गया है. नियमों की धज्जियां उड़ने से ज़िले में लगातार वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता जा रहा है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा में बढ़ रहे एयर क्वालिटी इंडेक्स से स्थिति दिनों दिन भयावह होती जा रही है. सीपीसीबी (सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) के जारी आकंड़ों के मुताबिक नोएडा के AQI 364 और ग्रेटर नोएडा का AQI 370 है.
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली से भी ज़्यादा प्रदूषित ग्रेटर नोएडा है. ग्रेटर नोएडा में दो स्टेशन यूपीपीसीबी (उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) ने लगाए हैं, जिसमें नॉलेज पार्क-III में एयर क्वालिटी इंडेक्स 322 और नॉलेज पार्क-V का एयर क्वालिटी इंडेक्स 418 दर्ज़ किया गया है. ग्रेटर नोएडा के एक हिस्से में AQI 400 के पार पहुंच गया है, जो बेहद चिंता का विषय है. UPPCB को इस ओर ध्यान देना होगा और सख्त कदम उठाने होंगे.
नोएडा में दर्ज AQI
नोएडा में UPPCB ने 4 स्टेशन इंस्टॉल किए हैं. जिसमें सेक्टर 62 स्टेशन में 340 AQI, सेक्टर 125 का स्टेशन काम नहीं कर रहा, सेक्टर 1 में 364 AQI और सेक्टर 116 में 388 AQI दर्ज़ किया गया है. ज़िले की सेहत नाज़ुक होती जा रही है, अगर इस ओर जिला प्रशासन ध्यान नहीं देगा तो हवा पूरी तरह से प्रदूषित हो जाएगी और ऐसे में लोगों की समस्याओं को बढ़ाएगी.
रेड जोन में शहर
गौतमबुद्ध नगर जिलाधिकारी सुहास एलवाई ने जानकारी देते हुए बताया कि शहर में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है. ऐसे में सभी विभागों को कार्रवाई के निर्देश दे दिए गए हैं. प्रदूषण के खिलाफ लड़ाई में सभी शहरवासियों का भी साथ चाहिए, जो लोग नियमों की अनदेखी करेंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. 15 अक्टूबर से जिले में GRAP लागू है. हाउसिंग सोसायटी और हाई राइज सोसायटी में डीजल जनरेटर पूरी तरीके से प्रतिबंधित है, ऐसे में उसकी अनदेखी पर कार्रवाई की जाएगी.