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किसान आज नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर करेंगे महापंचायत, तय होगी रणनीति

नोएडा के चिल्ला बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन भानु के किसान आज सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून के विरोध में महापंचायत का आह्वान किया है. किसानों का कहना है कि सरकार वार्ता करके सिर्फ बरगलाने का काम कर रही है.

farmers mahapanchayat at chilla border noida
पंचायत के बाद तय की जाएगी आगे की रणनीति
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Published : Dec 9, 2020, 5:30 PM IST

नई दिल्ली/नोएडाः जनपद नोएडा के सेक्टर 14-A स्थित जिला बॉर्डर पर धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन भानु ने आज महापंचायत का आह्वान किया है. इस पंचायत में जो निर्णय लिया जाएगा, उसी के आधार पर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी. किसानों का कहना है कि किसी भी हाल में सरकार द्वारा बनाए गए कानून को नहीं माना जाएगा.

पंचायत के बाद तय की जाएगी आगे की रणनीति

किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा की जा रही वार्ता से अब कोई निष्कर्ष नहीं निकलने वाला है, हम अब किसी भी हाल में दिल्ली जरूर जाएंगे. सरकार सिर्फ किसानों के आंदोलन को गलत रूप देना चाहती है, जो हम होने नहीं देंगे. आज की पंचायत में जो किसान नहीं आ पाएंगे, उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संदेश दिया जाएगा. सरकार हमारी मांगे नहीं मानेगी, तो आने वाले समय में किसानों का आंदोलन एक जन आंदोलन का रूप ले लेगा.

भारतीय किसान यूनियन भानु के राष्ट्रीय प्रवक्ता सतीश चौधरी ने बताया कि सरकार को हर हाल में किसानों की बातों को मानना पड़ेगा. किसान अपने हक की लड़ाई पूरी तरीके से लड़ेंगे और उसे लेकर रहेंगे. सरकार हमारी आवाज को दबा नहीं पाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार को कृषि कानून में संशोधन की जगह उसे वापस लेना पड़ेगा.

सतीश चौधरी ने कहा कि जो किसान जहां बैठे हैं, वहीं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महापंचायत में शामिल होगा और आगे की रणनीति बनाई जाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि सरकार हमारी बातें नहीं मान रही, तो हमें मजबूरी में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है.

नई दिल्ली/नोएडाः जनपद नोएडा के सेक्टर 14-A स्थित जिला बॉर्डर पर धरने पर बैठे भारतीय किसान यूनियन भानु ने आज महापंचायत का आह्वान किया है. इस पंचायत में जो निर्णय लिया जाएगा, उसी के आधार पर आगे की रणनीति तैयार की जाएगी. किसानों का कहना है कि किसी भी हाल में सरकार द्वारा बनाए गए कानून को नहीं माना जाएगा.

पंचायत के बाद तय की जाएगी आगे की रणनीति

किसानों का कहना है कि सरकार द्वारा की जा रही वार्ता से अब कोई निष्कर्ष नहीं निकलने वाला है, हम अब किसी भी हाल में दिल्ली जरूर जाएंगे. सरकार सिर्फ किसानों के आंदोलन को गलत रूप देना चाहती है, जो हम होने नहीं देंगे. आज की पंचायत में जो किसान नहीं आ पाएंगे, उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संदेश दिया जाएगा. सरकार हमारी मांगे नहीं मानेगी, तो आने वाले समय में किसानों का आंदोलन एक जन आंदोलन का रूप ले लेगा.

भारतीय किसान यूनियन भानु के राष्ट्रीय प्रवक्ता सतीश चौधरी ने बताया कि सरकार को हर हाल में किसानों की बातों को मानना पड़ेगा. किसान अपने हक की लड़ाई पूरी तरीके से लड़ेंगे और उसे लेकर रहेंगे. सरकार हमारी आवाज को दबा नहीं पाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार को कृषि कानून में संशोधन की जगह उसे वापस लेना पड़ेगा.

सतीश चौधरी ने कहा कि जो किसान जहां बैठे हैं, वहीं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महापंचायत में शामिल होगा और आगे की रणनीति बनाई जाएगी. उन्होंने यह भी बताया कि सरकार हमारी बातें नहीं मान रही, तो हमें मजबूरी में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा है.

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