नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्धनगर जिले के 81 गांव के किसान नोएडा प्राधिकरण के बाहर करीब चार महीनों से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. जब इससे बात न बनी तो बीते आठ दिन से आमरण अनशन पर बैठ गए. जिससे अबतक दो दर्जन से ज्यादा किसानों की तबीयत बिगड़ गई, जिससे कुछ महिलाओं समेत एक दर्जन से ज्यादा किसान ठीक होकर वापस धरना स्थल पर लौट आये जबकि किसान संगठन के मुखिया सुखबीर खलीफा सहित एक दर्जन से ज्यादा किसान जिला अस्पताल में भर्ती हैं. जिनका उपचार किया जा रहा है.
नोएडा प्राधिकरण पर 81 गांव के किसानों द्वारा पिछले कई महीने से किए जा रहा धरना प्रदर्शन और अब आमरण अनशन को राजनीतिक पार्टियों द्वारा समर्थन दिया जा रहा है. कुछ दिन पहले जहां आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह द्वारा समर्थन दिए जाने की बात कही गई थी. वहीं अब समाजवादी पार्टी के भी कुछ नेता खुलकर सामने आए हैं और धरना स्थल से लेकर अस्पताल तक किसानों को आश्वासन और समर्थन देने की बात कह रहे हैं.
बीते करीब चार महीने से नोएडा के 81 गांव की महिलाओं समेत सैकड़ों किसान प्राधिकरण के बाहर अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इन चार महीनों में किसानों की प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ कई बार बातचीत हुई और जब कोई निष्कर्ष नहीं निकला तो उस बीच गुस्साए किसानों के साथ पुलिस के साथ हाथापाई भी हुई, लेकिन इतना लंबा समय बीत जाने के बाद भी अब तक नतीजा कोई नहीं निकला.
वहीं किसानों का कहना है कि हम अंतिम दम तक अपनी लड़ाई लड़ते रहेंगे. जब तक जान है तब तक हम अपने हक को लेकर रहेंगे. प्राधिकरण को एक ना एक दिन हमारी मांगों को जरूर मानना पड़ेगा.
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बीते आठ दिन पहले कुछ किसान नोएडा प्राधिकरण के बाहर धरना स्थल पर आमरण अनशन पर बैठ गए, जिनकी तबीयत खराब होने लगी और फिर किसानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. अब तक महिलाओं समेत दो दर्जन से ज्यादा किसानों की तबीयत खराब हो चुकी है, जिसमें से करीब एक दर्जन से ज्यादा किसान ठीक होकर वापस धरना स्थल पर लौट आये हैं. जबकि संगठन अध्यक्ष सुखबीर खलीफा सहित 15 किसान जिला अस्पताल में अभी भी भर्ती हैं, जिनका इलाज किया जा रहा है. वहीं किसानों का कहना है कि हम सिर्फ बीमार हुए हैं लेकिन हम अपना अनशन और धरना नहीं तोड़ेंगे.