नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर जिले में फर्जी शिक्षकों के खिलाफ शिक्षा विभाग ने कार्रवाई की है. जिसमें 3 शिक्षकों को फर्जी डिग्री के आधार पर काम करने का दोषी पाया गया और कार्रवाई करते हुए उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है. साथ ही साथ उनके खिलाफ दनकौर और जेवर में मामला भी दर्ज करवाया गया है. पुलिस मामले के जांच में जुटी हुई है.
"3 फर्जी शिक्षकों पर बड़ी कार्रवाई"
जिले में फर्जी कागजातों के आधार पर नौकरी कर रही तीन महिला शिक्षकों को शिक्षा विभाग ने बर्खास्त किया गया है. उनके खिलाफ दनकौर और जेवर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है. तीनों के पास डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा की फर्जी डिग्री थी.
ज्यादातर मामलों में आरोपियों से वेतन के तौर पर हुए भूगतान की वसूली भी की जा रही है. दनकौर ब्लॉक क्षेत्र में नियुक्त दो प्राइमरी शिक्षिकाओं का शैक्षणिक प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया. फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने के आरोप में दोनों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया है.
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"कोर्ट के आदेशों पर हुई कार्रवाई"
ये शिक्षिकाएं क्षेत्र के भट्टा गांव के प्राइमरी स्कूल में नियुक्त आशा कुमारी और चचूला गांव में नियुक्त सुषमा रानी हैं. दोनों शिक्षिकाएं फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर कई वर्षों से नौकरी कर रही थीं. उत्तर प्रदेश शासन ने नियुक्त एसआईटी सभी शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच कर रही है.
एसआईटी की जांच में दोनों के कागजात फर्जी पाए गए हैं. दोनों शिक्षिकाओं ने डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय, आगरा की फर्जी डिग्रियां लगाई थीं. उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश स्तर पर शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच कराई जा रही है. इसमें गौतमबुद्ध नगर जिले की चार शिक्षिकाओं के शैक्षिक प्रमाण पत्र फर्जी मिले हैं.