नई दिल्ली/नोएडा: आम पब्लिक को अक्सर देखा जाता है कि वह घटना होने के बाद एफआईआर करने के लिए थानों का चक्कर लगाती रहती है. पब्लिक को थानों का चक्कर ना लगाना पड़े इसके लिए 1 जुलाई 2019 को डायल एफआईआर की सुविधा शुरू की गई थी.
पर यह सुविधा जिले में मात्र 6 महीने भी नहीं चली कि इसी बीच गौतमबुद्ध नगर जिले में कमिश्नरी लागू हुई और कमिश्नरेट लागू होते ही यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई. अब किसी भी घटना में डायल एफआईआर नहीं लिखी जा रही है. पीड़ित को थाने पर ही जाकर मुकदमा लिखवाना पड़ रहा है.
यह थी डायल एफआईआर योजना
पब्लिक के दिमाग में पुलिस को लेकर एक आम शिकायत रहती है कि थाने में जाने पर भी उनकी शिकायत को दर्ज नहीं किया था और थानो का चक्कर काटना पड़ता है. इस शिकायत को दूर करने के लिए नोएडा पुलिस ने 1 जुलाई 2019 को अहम कदम उठाया था. इसमें पीड़ित को एफआईआर दर्ज कराने के लिए थाने के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. स्ट्रीट क्राइम और चोरी जैसी घटनाओं के लिए 100 नंबर पर फोन किया जाएगा तो मौके पर पुलिस पहुंचेगी और आपकी एफआईआर दर्ज करेंगे.
कमिश्नरी लागू होने के बाद योजना बंद
यह योजना तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण द्वारा चलाई गई. इस योजना के चले 6 महीने भी नहीं हुए की जिले में कमिश्नरी 13 जनवरी को लागू हुई. कमिश्नरी लागू होने के बाद मात्र चंद दिनों में ही इस योजना को बंद कर दिया गया. पुलिस सूत्रों की माने तो अब घटना के बाद पीड़ित द्वारा 100 नंबर या 112 नंबर पर फोन किया जाता है तो पीआरबी मौके पर जाती है और पीड़ित की समस्या सुनने के बाद पीड़ित को थाने या संबंधित चौकी पर ले जाकर छोड़ देती है. पर डायल एफआईआर नहीं की जाती है.