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ग्रेटर नोएडा: लॉकडाउन की फीस मांगने के खिलाफ करप्शन फ्री इंडिया ने किया प्रदर्शन

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Published : Sep 22, 2020, 6:13 PM IST

करप्शन फ्री इंडिया संगठन के संस्थापक चौ. प्रवीण भारतीय और आलोक नागर ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना के कारण देश और प्रदेश के अधिकतर लोगों की नौकरियां और निजी व्यवसाय बंद हो गए हैं. इसकी वजह से मौजूदा वक्त में लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. वहीं गौतमबुद्ध नगर में स्थित अधिकतर प्राइवेट स्कूल अपने स्टूडेंट्स के अभिभावकों पर फीस जमा कराने का दबाव बना रहे हैं.

Corruption Free India protests against schools demanding lockdown fees in Greater Noida
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नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ फीस की समस्या को लेकर करप्शन फ्री इंडिया संगठन ने मंगलवार को गौतमबुद्ध नगर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. कोरोना काल में बंद रहे सभी प्राइवेट स्कूलों की ऑनलाइन कक्षाओं के नाम पर लूट चल रही है.

'स्कूल अभिभावकों पर फीस जमा कराने का बना रहे दबाव'

इस लूट-खसोट के खिलाफ करप्शन फ्री इंडिया संगठन के कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय सूरजपुर पर प्रदेश अध्यक्ष बलराज हूण के नेतृत्व में प्रदर्शन किया. उसके बाद संगठन के सदस्यों ने सिटी मजिस्ट्रेट रजनीकांत को जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन सौंप दिया.


'अभिभावकों से जबरन ली जा रही फीस'

करप्शन फ्री इंडिया संगठन के संस्थापक चौ. प्रवीण भारतीय और आलोक नागर ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना के कारण देश और प्रदेश के अधिकतर लोगों की नौकरियां और निजी व्यवसाय बंद हो गए हैं. इसकी वजह से मौजूदा वक्त में लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. वहीं गौतमबुद्ध नगर में स्थित अधिकतर प्राइवेट स्कूल अपने स्टूडेंट्स के अभिभावकों पर फीस जमा कराने का दबाव बना रहे हैं.

स्टूडेंट्स के नाम काटने की धमकी दे रहे हैं और ऑनलाइन परीक्षा से बाहर कर स्टूडेंट्स और अभिभावकों का शोषण कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला कौशल्या वर्ल्ड स्कूल से सामने आया है. कौशल्या वर्ल्ड स्कूल ने स्टूडेंट्स को ऑनलाइन परीक्षा से बाहर कर दिया है. इस वाकये के बाद से स्टूडेंट्स के अभिभावकों में काफी रोष है.

'कोरोना काल में बेहतर नहीं है लोगों की आर्थिक स्थिति'

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, यूपी के द्वारा संगठन को भी संबोधित पत्र के जरिए कहा गया था कि इस मामले में स्कूल और अभिभावकों की बैठक की जाए. और इस गंभीर मुद्दे को तत्काल निपटाया जाए. आलोक नागर ने कहा कि इस कोरोना काल में लोगों की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं है.

करप्शन फ्री इंडिया संगठन ने यह सुझाव है कि प्राइवेट स्कूल मालिकों पर सिर्फ और सिर्फ अध्यापकों का खर्च है, बाकी खर्च ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान अभिभावक खुद उठा रहे हैं. जैसे मोबाइल, लैपटॉप और इंटरनेट पर अभिभावक खर्च कर रहे हैं. अगर जिला प्रशासन स्कूलों के खिलाफ नहीं कार्रवाई नहीं करेगा तो इसको लेकर जल्द ही आंदोलन किया जाएगा.

'15 दिन में समाधान नहीं तो होगा आंदोलन'

कोर कमेटी सदस्य संजय भैया ने कहा कि संगठन ने पत्र के जरिए मांग की है कि कमेटी गठित कर यह फैसला किया जाए कि अभिभावकों से पूरी फीस न लेकर सिर्फ अध्यापकों खर्च लायक फीस ही जमा कराई जाए. उन्होंने कहा कि अगर 15 दिन में कमेटी का गठन कराकर समस्या का समाधान नहीं होता है तो संगठन आंदोलन करने को विवश होगा.


इस दौरान कोर कमेटी सदस्य संजय भैया, जिलाध्यक्ष दिनेश नागर, राकेश नागर, हरेन्द्र कसाना, जितेंद्र भाटी, दीपक भाटी, कपिल एडवोकेट, विशाल नागर, दिनेश भाटी, पवन एडवोकेट, और नफीस मौजूद रहे.

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: प्राइवेट स्कूलों के खिलाफ फीस की समस्या को लेकर करप्शन फ्री इंडिया संगठन ने मंगलवार को गौतमबुद्ध नगर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन किया. कोरोना काल में बंद रहे सभी प्राइवेट स्कूलों की ऑनलाइन कक्षाओं के नाम पर लूट चल रही है.

'स्कूल अभिभावकों पर फीस जमा कराने का बना रहे दबाव'

इस लूट-खसोट के खिलाफ करप्शन फ्री इंडिया संगठन के कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय सूरजपुर पर प्रदेश अध्यक्ष बलराज हूण के नेतृत्व में प्रदर्शन किया. उसके बाद संगठन के सदस्यों ने सिटी मजिस्ट्रेट रजनीकांत को जिलाधिकारी के नाम ज्ञापन सौंप दिया.


'अभिभावकों से जबरन ली जा रही फीस'

करप्शन फ्री इंडिया संगठन के संस्थापक चौ. प्रवीण भारतीय और आलोक नागर ने बताया कि वैश्विक महामारी कोरोना के कारण देश और प्रदेश के अधिकतर लोगों की नौकरियां और निजी व्यवसाय बंद हो गए हैं. इसकी वजह से मौजूदा वक्त में लोग आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. वहीं गौतमबुद्ध नगर में स्थित अधिकतर प्राइवेट स्कूल अपने स्टूडेंट्स के अभिभावकों पर फीस जमा कराने का दबाव बना रहे हैं.

स्टूडेंट्स के नाम काटने की धमकी दे रहे हैं और ऑनलाइन परीक्षा से बाहर कर स्टूडेंट्स और अभिभावकों का शोषण कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला कौशल्या वर्ल्ड स्कूल से सामने आया है. कौशल्या वर्ल्ड स्कूल ने स्टूडेंट्स को ऑनलाइन परीक्षा से बाहर कर दिया है. इस वाकये के बाद से स्टूडेंट्स के अभिभावकों में काफी रोष है.

'कोरोना काल में बेहतर नहीं है लोगों की आर्थिक स्थिति'

राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, यूपी के द्वारा संगठन को भी संबोधित पत्र के जरिए कहा गया था कि इस मामले में स्कूल और अभिभावकों की बैठक की जाए. और इस गंभीर मुद्दे को तत्काल निपटाया जाए. आलोक नागर ने कहा कि इस कोरोना काल में लोगों की आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं है.

करप्शन फ्री इंडिया संगठन ने यह सुझाव है कि प्राइवेट स्कूल मालिकों पर सिर्फ और सिर्फ अध्यापकों का खर्च है, बाकी खर्च ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान अभिभावक खुद उठा रहे हैं. जैसे मोबाइल, लैपटॉप और इंटरनेट पर अभिभावक खर्च कर रहे हैं. अगर जिला प्रशासन स्कूलों के खिलाफ नहीं कार्रवाई नहीं करेगा तो इसको लेकर जल्द ही आंदोलन किया जाएगा.

'15 दिन में समाधान नहीं तो होगा आंदोलन'

कोर कमेटी सदस्य संजय भैया ने कहा कि संगठन ने पत्र के जरिए मांग की है कि कमेटी गठित कर यह फैसला किया जाए कि अभिभावकों से पूरी फीस न लेकर सिर्फ अध्यापकों खर्च लायक फीस ही जमा कराई जाए. उन्होंने कहा कि अगर 15 दिन में कमेटी का गठन कराकर समस्या का समाधान नहीं होता है तो संगठन आंदोलन करने को विवश होगा.


इस दौरान कोर कमेटी सदस्य संजय भैया, जिलाध्यक्ष दिनेश नागर, राकेश नागर, हरेन्द्र कसाना, जितेंद्र भाटी, दीपक भाटी, कपिल एडवोकेट, विशाल नागर, दिनेश भाटी, पवन एडवोकेट, और नफीस मौजूद रहे.

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