नई दिल्ली/नोएडा: गौतमबुद्ध नगर में अब दूसरे जिलों के कोरोना संदिग्ध मरीजों की जांच नहीं की जाएगी. नोएडा से सटे दिल्ली, गाजियाबाद के लोग अब नोएडा में कोरोना जांच नहीं करा सकेंगे. जिले में कोरोना का संक्रमण बढ़ता जा रहा है.
बॉर्डर से सटे गाजियाबाद और दिल्ली के लोग यहां इलाज के लिए पहुंचते हैं. इससे जिले में सैंपलिंग दर और वायरस के फैलने का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने दूसरे जिलों के संदिग्धों की जांच करने से हाथ खड़े कर दिए हैं.
'अन्य जिलों के संदिग्धों की नहीं होगी सैंपलिंग'
सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी ने बताया कि मरीज के पास आईडी (पहचान पत्र) होना जरूरी है. संदिग्ध मरीजों की सैंपलिंग अब जिले में नहीं की जाएगी और उनका इलाज भी जिले में नहीं होगा. किसी इमरजेंसी के वक्त मरीज का इलाज किया जाएगा, लेकिन उसकी आईडी से गाजियाबाद या संबंधित जिले पर डाटा एंट्री की जाएगी. ताकि उसकी गिनती संबंधित जिले में हो सके. CMO ने आश्वासन देते हुए बताया कि मरीज की जान नहीं जाएगी, इसकी जिम्मेदारी स्वास्थ विभाग की है और वह उसे निभाएगा.
दूसरी जगह के लोगों की बढ़ेगी परेशानी
क्रॉस नोटिफाइड मरीजों को लेकर प्रदेश और जिला प्रशासन के आंकड़ों में अंतर देखने को मिलता है. ऐसे में असमंजस की स्थिति बनी रहती है. राज्य सर्विलांस कार्यालय और जिला सर्विलांस कार्यालय की रिपोर्ट में लगातार अंतर देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने दूसरे जिलों के मरीजों की कोरोना जांच से किनारा करना शुरू कर दिया है.
जानकारी के मुताबिक दूसरे जिले और राज्यों के 1 हजार से अधिक लोगों की जांच पहले हुई है, जिसमें अब तक 60 से ज्यादा लोग संक्रमित मिले हैं. इनमें से ज्यादातर मरीजों का इलाज नहीं हुआ है. लेकिन अब जांच बंद होने के बाद दूसरे जगहों के लोगों की परेशानी बढ़ेगी.