नई दिल्ली: ऑनलाइन पढ़ाई में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए भले ही HRD मंत्रालय ने नई गाइडलाइंस जारी कर दी लेकिन अभिभावकों और छात्रों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पेरेंट्स और छात्र नई गाइडलाइन से सहमत नहीं नजर आ रहे हैं. पेरेंट्स का मानना है कि इससे आर्थिक और मानसिक बोझ बढ़ गया है. घर में दो बच्चे पढ़ने वाले हैं तो दो लैपटॉप या दो मोबाइल की आवश्यकता है. बच्चों ने बताया कि लगातार ऑनलाइन क्लासेस पढ़ने से मानसिक तनाव और आंखों में जलन- पानी की समस्या भी बनी हुई है.
ऑनलाइन पढ़ाई और दिक्कतों का अंबार
नोएडा के एक निजी स्कूल के क्लास 7 के छात्र विक्रम सिंह ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से मेंटल स्ट्रेस, आंखों से पानी की समस्या बनी हुई है. ऑनलाइन क्लास के दौरान इंटरमेट की भी समस्या रहती है. ऐसे में पढ़ाई ढंग से नहीं हो पाती है. 4 घंटे की क्लास चलती है ऐसे में पढ़ाई ठीक नहीं हो पा रही. टीचर के इंटरनेट में समस्या होती है तो कभी बच्चों के इंटरनेट समस्या होने की वजह से पढ़ाई डिस्टर्ब है.
मानसिक और आर्थिक बोझ
अभिभावकों ने समस्या बताते हुए कहा कि बच्चे लगातार 4 घंटे पढ़ने की वजह से मानसिक रूप से परेशान हो रहे, 4-4 घंटे लगातार पढ़ने की वजह से सिर में दर्द और आंखों में परेशानी होने की समस्या आ रही है. उम्मीद है नई गाइडलाइंस से बच्चों को कहीं ना कहीं राहत मिलेगी लेकिन ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से मानसिक और आर्थिक बोझ पड़ रहा है.
अभिभावक और छात्र नहीं हैं संतुष्ट
कुल मिलाकर भले ही कोरोनावायरस महामारी में पढ़ाई को लेकर छात्रों की समस्या दूर करने की कोशिश की जा रही है लेकिन छात्र अभिभावक से संतुष्ट नजर नहीं आ रहे हैं. ऑनलाइन क्लास की की वजह से इंटरनेट और ऑडियो की समस्या की वजह से पढ़ाई ठीक से नहीं हो पा रही.