नई दिल्ली/नोएडा: सोमवार को बादलपुर थाना क्षेत्र में एक कैब चालक का शव कैब से बरामद हुआ था. जिसमें पुलिस ने जांच करते हुए पाया कि पूरा मामला बुलंदशहर जिले से जुड़ा हुआ है. वहीं इस मामले में एक वॉइस रिकॉर्डिंग वायरल हो रही थी. जिसमें कहा गया कि कैब चालक की हत्या धार्मिक नारा न लगाने के चलते हुई थी. डीसीपी सेंट्रल जोन ने इस वायरल वॉइस रिकॉर्डिंग का खंडन किया है.
'कैब चालक की हत्या धर्म से जुड़ी हुई नहीं'
डीसीपी ने बताया कि कैब चालक की हत्या धार्मिक नारा नहीं लगाने के चलते नहीं हुई है, बल्कि जो शब्द वायरल हो रहा है. वो गैस फिलिंग स्टेशन के कर्मचारी से बोला गया है. वहीं इस मामले में पुलिस ने पूरा मामला बुलंदशहर की घटना बताकर स्थानांतरित कर दिया है. मामले की जांच अब बुलंदशहर जिले की पुलिस करेगी.
ऑडियो को लेकर की जांच
दरअसल ग्रेटर नोएडा के थाना बादलपुर में कैब चालक का शव मिला था. मामले में मीडिया सेल की ओर से जारी जानकारी में कहा गया है कि कैब चालक प्रकरण में ऐसा ऑडियो सामने आया था. जिसमें धार्मिक नारे लगाने की बात को प्रचारित करने का प्रयास किया गया था. जिसमें पुलिस की ओर से जांच की गई, तो ये जानकारी मिली कि एक सीएनजी फिलिंग स्टेशन पर कर्मचारी को धार्मिक नारे लगाने को कहा गया है और उसका वीडियो मौजूद है.
सीसीटीवी फुटेज से हुई पुष्टि
उसके साथ-साथ उस समय का सीसीटीवी फुटेज भी मौजूद है. जब गाडी वहां पर गई थी. शुरुआत में ऐसा लग रहा था कि ये शायद किसी वैंडर को कहा गया है. लेकिन जब गहनता से जांच की गई और सीसीटीवी फुटेज देखे गए. जिससे ये सीएनजी फिलिंग का कर्मचारी निकल कर आया और सीएनजी भरने वाले कर्मचारी को धार्मिक नारा बोलने को कहा गया था. जिसकी पुष्टि वीडियो और गाड़ी के आने की सीसीटीवी फुटेज से हो रही है.
वहीं इस मामले सीएनजी फिलिंग स्टेशन के कर्मचारी ने जानकारी दी है कि कार सवार लोगों ने उसे धार्मिक नारा लगाने के लिए कहा था. जिसपर मैं चुप रहा.
डीसीपी सेंट्रल जोन हरिश्चंद्र ने बताया कि ये शुद्ध आपराधिक मामला है. जिसमें जांच की जा रही है. चूंकि घटना क्रम जनपद बुलंदशहर से सम्बन्धित है. इसलिए केस बुलंदशहर पुलिस को स्थानांतरित किया जा रहा है. ये घटना क्रम किसी प्रकार से धार्मिक उंमाद से जुड़ा नहीं है.