नई दिल्ली/नोएडाः ग्रेटर नोएडा को स्वच्छ बनाने के लिए सीईओ रितु माहेश्वरी ने बड़ा फैसला लिया है. 50 नए टॉयलेट बनाने के निर्देश दिए हैं. इनके लिए शीघ्र जगह चिह्नित करने को कहा है. साथ ही सीईओ ने पहले से बने शौचालयों को दुरुस्त कराने के निर्देश दिए हैं.
सीईओ रितु माहेश्वरी ने जनस्वास्थ्य विभाग से जुड़े कार्यों की समीक्षा की. प्राधिकरण के प्रभारी जीएम प्रोजेक्ट सलिल यादव ने सीईओ को बताया कि पूर्व में 30 शौचालय स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से 19 शौचालय बन चुके हैं. एक शौचालय का निर्माण कार्य चल रहा है. शेष 10 शौचालयों का निर्माण होना है. सीईओ ने पहले से स्वीकृत 10 शौचालयों का निर्माण शीघ्र शुरू कराने तथा कम से कम 50 नए शौचालयों का निर्माण कराने के निर्देश दिए. पिंक टॉयलेट भी इनमें शामिल हैं.
जनस्वास्थ्य विभाग को एनजीओ व कंसल्टेंट एजेंसी के साथ मिलकर जगह शीघ्र चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं. अधिकांश शौचालय बीओटी (बिल्ट ऑपरेट एंड ट्रांसफर) के आधार पर बनाए जाएंगे. शहर के सभी प्रमुख सार्वजनिक स्थलों, बाजारों व चौराहों आदि पर ये बनाए जाएंगे. सीईओ ने पुराने सभी शौचालयों को भी रिपेयर कराने के निर्देश दिए हैं.
डोर टू डोर कलेक्शन की जद में होंगे सभी गांव व सेक्टरः वहीं, माहेश्वरी ने ग्रेटर नोएडा के हर गांव और सेक्टर को स्वच्छ बनाने के लिए डोर टू डोर कलेक्शन से जोड़ने और हर घर से कूड़ा उठवाने के निर्देश दिए हैं. वर्तमान समय में डोर टू डोर कलेक्शन से कुछ गांव व सेक्टर अछूते रहे गए हैं.
दरअसल, वर्तमान समय में डोर टू डोर कलेक्शन के अंतर्गत ग्रेटर नोएडा को पांच क्लस्टर में बांटकर डोर टू डोर कलेक्शन कराया जा रहा है. एक के अंतर्गत सेक्टर 20, अल्फा वन व टू, बीटा वन व टू, गामा वन व टू, रामपुर जागीर, नवादा गांव है. क्लस्टर दो के अंतर्गत डेल्टा वन, टू व थ्री, ईटा वन व टू, जीटा वन व टू, नॉलेज पार्क फोर, थीटा टू, साकीपुर व जैतपुर गांव हैं.
क्लस्टर तीन में ज्यू वन, टू व थ्री, म्यू, म्यू वन व टू, रायपुर बांगर व घोड़ी बछेड़ा शामिल हैं. क्लस्टर चार में ओमिक्रॉन वन, वन ए, टू व थ्री, पाई वन व टू, बिरौंडा, बिरौंडी व एच्छर गांव शामिल हैं. जबकि, क्लस्टर पांच में सिग्मा वन, टू, थ्री व फोर, स्वर्णनगरी, सेक्टर-36 व 37, पी वन से आठ तक, फाई वन, टू, थ्री व फोर, चाई थ्री व फोर और कयामपुर गांव शामिल हैं.
अब प्राधिकरण डोर टू डोर की सुविधा इससे इतर सभी सेक्टरों और गांवों में शुरू करने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए शीघ्र टेंडर निकाला जाएगा. इसके तहत घरों से कूड़े का कलेक्शन करने के साथ ही प्रोसेसिंग प्लांट ले जाएगा और उसे प्रोसेस भी किया जाएगा. इससे ग्रेटर नोएडा को और स्वच्छ बनाने में मदद मिलेगी.
जलभराव की जगह चिह्नित कर स्थायी समाधान करेंः सीईओ ने परियोजना विभाग को बारिश के दिनों में शहर में होने वाले वाले जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान निकालने के निर्देश दिए हैं. जलभराव वाले सभी जगहों को चिह्नित करने और उसके स्थायी समाधान रिपोर्ट तैयार कराने को कहा है. ताकि शीघ्र काम कराया जा सके.
सीईओ ने यह भी निर्देश दिए कि जब तक स्थायी समाधान नहीं हो जाता तब तक इन जगहों पर पंप लगाकर पानी निकासी का विकल्प हमेशा तैयार रखें. इसके लिए जिन संसाधनों की जरूरत हो, उसका इंतजाम कर लें.