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नोएडा में 48वें IHGF दिल्ली मेले का उद्घाटन, केंद्रीय कपड़ा सचिव रवि कपूर रहे मौजूद - 48th IHGF Delhi Fair Inaugurated

48वें आईएचजीएफ दिल्ली मेले का ग्रेटर नोएडा के अत्याधुनिक इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में उद्घाटन किया गया है. केंद्रीय कपड़ा सचिव रवि कपूर ने बुधवार को उद्घाटन किया.

48th IHGF Delhi Fair Inaugurated at noida
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Published : Oct 17, 2019, 10:30 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा के अत्याधुनिक इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में 48वें आईएचजीएफ दिल्ली मेले का उद्घाटन किया गया. इसका उद्घाटन केंद्रीय कपड़ा सचिव रवि कपूर ने बुधवार को किया. मेले का उद्घाटन करते हुए रवि कपूर ने समूचे उद्योग के विकास के लिए अपना विजन साझा किया है. उन्होंने कहा कि देश में शिल्प की विरासत और स्किल्स को देखते हुए हैंडीक्राफ्ट निर्यात को वर्तमान 26,590 करोड़ रुपये से एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की भरपूर संभावनाएं हैं.

48वें आईएचजीएफ दिल्ली मेले का उद्घाटन

110 देशों के खरीददार हुए शामिल
रवि कपूर ने कहा कि इससे छोटे दस्तकार से लेकर बड़े स्तर के निर्यातकों तक हर कोई लाभान्वित हो सकता है. इस मेले में 110 देशों से बड़ी संख्या में विदेशी खरीद समूह, खरीददार इस मेले में शामिल हुए. केंद्रीय कपड़ा सचिव रवि कपूर ने हैंडीक्राफ्ट पार्क खोलने, पर्यटन और क्राफ्ट को साथ लाकर उत्पादों और सोवेनियर्स से आगे बढ़कर पर्यटकों को एक बेहतरीन अनुभव उपलब्ध कराने पर भी बल दिया.


ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण और दीर्घकालिक विकास को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से इस बार शो में रिफ्यूज, रिड्यूस, रियूज और रिसाइकल पर ध्यान केंद्रित किया गया है. उन्होंने कहा कि मेले की साज सज्जा और आकर्षण को बढ़ाने के लिए प्लास्टिक, मेटल, वूड, फैब्रिक आदि की रद्दी का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके अलावा प्लास्टिक का इस्तेमाल घटाने की दिशा में परिषद आगंतुकों और प्रदर्शकों को पानी की प्लास्टिक बोतलों की जगह मेटल की बोतल दे रहे हैं.

'देश से निर्यात में दिल्ली मेले ने निभाई अहम भूमिका'
राकेश कुमार ने कहा कि आईएचजीएफ दिल्ली मेले ने देश से निर्यात को बढ़ाने में एक बेहद अहम भूमिका निभाई है. 1993-94 में जो निर्यात 2363 करोड़ का था, वह 2018-19 में बढ़कर 26,590 करोड़ पर जा पहुंचा है.
शो के दौरान विभिन्न विषयों पर नॉलेज सेमिनार्स के साथ साथ फैशन शो आयोजित किए जाएंगे और प्रदर्शकों की फैशन जूलरी, एक्सेसरीज और यूटिलिटी आइटम्स के साथ मॉडल रैंप वॉक करेंगी. जिससे प्रदर्शकों और विदेशी खरीदारों के इस पांच दिवसीय भव्य आयोजन में और भी ग्लैमर जुड़ेगा. ईपीसीएच दुनिया के विभिन्न देशों में भारतीय हस्तशिल्पों के निर्यात को बढ़ावा देने वाली और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्पों और सेवाओं के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत की छवि को विदेशों में पेश करने वाली एक नोडल एजेंसी है.

नई दिल्ली/नोएडा: ग्रेटर नोएडा के अत्याधुनिक इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में 48वें आईएचजीएफ दिल्ली मेले का उद्घाटन किया गया. इसका उद्घाटन केंद्रीय कपड़ा सचिव रवि कपूर ने बुधवार को किया. मेले का उद्घाटन करते हुए रवि कपूर ने समूचे उद्योग के विकास के लिए अपना विजन साझा किया है. उन्होंने कहा कि देश में शिल्प की विरासत और स्किल्स को देखते हुए हैंडीक्राफ्ट निर्यात को वर्तमान 26,590 करोड़ रुपये से एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की भरपूर संभावनाएं हैं.

48वें आईएचजीएफ दिल्ली मेले का उद्घाटन

110 देशों के खरीददार हुए शामिल
रवि कपूर ने कहा कि इससे छोटे दस्तकार से लेकर बड़े स्तर के निर्यातकों तक हर कोई लाभान्वित हो सकता है. इस मेले में 110 देशों से बड़ी संख्या में विदेशी खरीद समूह, खरीददार इस मेले में शामिल हुए. केंद्रीय कपड़ा सचिव रवि कपूर ने हैंडीक्राफ्ट पार्क खोलने, पर्यटन और क्राफ्ट को साथ लाकर उत्पादों और सोवेनियर्स से आगे बढ़कर पर्यटकों को एक बेहतरीन अनुभव उपलब्ध कराने पर भी बल दिया.


ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण और दीर्घकालिक विकास को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से इस बार शो में रिफ्यूज, रिड्यूस, रियूज और रिसाइकल पर ध्यान केंद्रित किया गया है. उन्होंने कहा कि मेले की साज सज्जा और आकर्षण को बढ़ाने के लिए प्लास्टिक, मेटल, वूड, फैब्रिक आदि की रद्दी का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके अलावा प्लास्टिक का इस्तेमाल घटाने की दिशा में परिषद आगंतुकों और प्रदर्शकों को पानी की प्लास्टिक बोतलों की जगह मेटल की बोतल दे रहे हैं.

'देश से निर्यात में दिल्ली मेले ने निभाई अहम भूमिका'
राकेश कुमार ने कहा कि आईएचजीएफ दिल्ली मेले ने देश से निर्यात को बढ़ाने में एक बेहद अहम भूमिका निभाई है. 1993-94 में जो निर्यात 2363 करोड़ का था, वह 2018-19 में बढ़कर 26,590 करोड़ पर जा पहुंचा है.
शो के दौरान विभिन्न विषयों पर नॉलेज सेमिनार्स के साथ साथ फैशन शो आयोजित किए जाएंगे और प्रदर्शकों की फैशन जूलरी, एक्सेसरीज और यूटिलिटी आइटम्स के साथ मॉडल रैंप वॉक करेंगी. जिससे प्रदर्शकों और विदेशी खरीदारों के इस पांच दिवसीय भव्य आयोजन में और भी ग्लैमर जुड़ेगा. ईपीसीएच दुनिया के विभिन्न देशों में भारतीय हस्तशिल्पों के निर्यात को बढ़ावा देने वाली और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्पों और सेवाओं के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत की छवि को विदेशों में पेश करने वाली एक नोडल एजेंसी है.

Intro:ग्रेटर नोएडा - ग्रेटर नोएडा के अत्याधुनिक इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में 48वें आईएचजीएफ- दिल्ली मेले का उद्घाटन केंद्रीय कपड़ा सचिव रवि कपूर ने बुधवार को किया। मेले का उद्घाटन करते हुए रवि कपूर ने समूचे उद्योग के विकास के लिए अपना विजन साझा करते हुए कहा कि देश में शिल्प की विरासत और स्किल्स को देखते हुए हैंडीक्राफ्ट निर्यात वर्तमान 26,590 करोड़ रुपये से एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की भरपूर संभावनाएं हैं। इससे छोटे दस्तकार से लेकर बड़े स्तर के निर्यातकों तक हर कोई लाभान्वित हो सकता है।इस मेले में 110 देशों से बड़ी संख्या में विदेशी खरीद समूह, खरीदार इस मेले में 3200 प्रदर्शकों द्वारा प्रदर्शित होम, लाइफ स्टाइल, फैशन, फर्नीचर और टेक्सटाइल उत्पादों की अपनी जरूरतों को पूरा करने भारत आए हैं। भारतीय हस्तशिल्पों का यह भव्य शो 20 अक्टूबर तक आयोजित चलेगा।
Body: मेले का उद्घाटन के बाद केंद्रीय कपड़ा सचिव रवि कपूर का अवलोकन करते हुए, हैंडीक्राफ्ट पार्क खोलने, पर्यटन और क्राफ्ट को साथ लाकर उत्पादों और सोवेनियर्स से आगे बढ़कर पर्यटकों को एक बेहतरीन अनुभव उपलब्ध कराने पर भी बल दिया। मेले के बाबत उन्होंने कहा कि महिला उद्यमियों और पहली पीढ़ी के उद्यमियों को जोड़कर तथा मेले को दस्तकार केन्द्रित बनाकर इसमें आने वाले एग्जीबिटर्स की संख्या में कई गुना वृद्धि की जा सकती है। पूरी हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्री को सस्टेनेबल मॉडल पर लाकर उत्पादन प्रक्रिया को जीरो वेस्ट उत्पादन प्रक्रिया में बदला जा सकता है। ईपीसीएच अध्यक्ष रवि के पासी ने कहा कि इस मेले ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से मान्यता मिलना, मेले में सुविधाएं कई गुना बढ़ना विशेष उपलब्धियां हैं। इसमें शामिल होने वाले देशों की संख्या 90 से बढ़कर 110 हो गई है। प्रदर्शकों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है।
ईपीसीएच के महानिदेशक राकेश कुमार ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण और दीर्घकालिक विकास को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से इस बार शो में रिफ्यूज, रिड्यूस, रियूज और रिसाइकल पर ध्यान केंद्रित किया गया है। उन्होंने कहा कि मेले की साज सज्जा और आकर्षण को बढ़ाने के लिए प्लास्टिक, मेटल, वूड, फैब्रिक आदि की रद्दी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा, प्लास्टिक का इस्तेमाल घटाने की दिशा में परिषद आगंतुकों और प्रदर्शकों को पानी की प्लास्टिक बोतलों की जगह मेटल के बोतल दे रही है। इसी तरह इस योजना में तीन मेगावाट की रूफ टॉप सौर ऊर्जा के साथ साथ कई अन्य पहल इस मेले में की गई है ताकि कार्बन उत्सर्जन को कम से कम किया जा सके। श्री कुमार ने कहा कि अपनी स्थापना के बाद से ईपीसीएच ने बीते 30 सालों में एक लंबा सफर तय किया है। शुरुआती 35 सदस्यों से बढ़कर अब इसके साथ देश के प्रत्येक कोने से 11000 से भी अधिक रजिस्टर्ड निर्यातक सदस्य हैं।

बाइट -- राकेश कुमार (ईपीसीएच के महानिदेशक)


Conclusion:राकेश कुमार ने कहा कि आईएचजीएफ- दिल्ली मेले ने देश से निर्यात को बढ़ाने में एक बेहद अहम भूमिका निभाई है। 1993-94 में जो निर्यात 2363 करोड़ का था, वह 2018-19 में बढ़कर 26,590 करोड़ पर जा पहुंचा है। शो के दौरान विभिन्न विषयों पर नॉलेज सेमिनार्स के साथ साथ फैशन शो आयोजित किए जाएंगे और प्रदर्शकों की फैशन जूलरी, एक्सेसरीज और यूटिलिटी आइटम्स के साथ मॉडल रैंप वॉक करेंगी जिससे प्रदर्शकों और विदेशी खरीदारों के इस पांच दिवसीय भव्य आयोजन में और भी ग्लैमर जुड़ेगा। ईपीसीएच दुनिया के विभिन्न देशों में भारतीय हस्तशिल्पों के निर्यात को बढ़ावा देने वाली और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्पों और सेवाओं के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत की छवि को विदेशों में पेश करने वाली एक नोडल एजेंसी है।
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