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नूंह: कोरोना के खिलाफ सामाजिक संस्थाओं ने की लोगों से सहयोग की अपील - नूंह में कोरोना के खिलाफ नही किया जा रहा सहयाेग

नूंह जिला के गांव में एनपीआर के डर के चलते स्वास्थ्य कर्मचारियों के साथ अभद्र व्यवहार किया जा रहा है. जिसकी सामाजिक संस्थाओं ने आलोचना की है. कोरोना के कहर को देखते हुए सामाजिक संस्थाओं ने लोगों से स्वास्थ्य कर्मचारियों का सहयोग करने को कहा है. ताकि कोरोना वायरस को फैलने से रोका जा सके.

Social organizations appeal for support against Corona in nuh
नूंह में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ अभद्रता नूंह सामाजिक संस्थाओं ने की अलोचना
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Published : Apr 9, 2020, 5:54 PM IST

नई दिल्ली/नूंह: देश और दुनिया में कोरोना वायरस के चलते चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग स्थिति को संभालने की कोशिश में लगा हुआ है. वहीं कुछ जगह से हैरान और परेशान कर देने वाली तस्वीरें निकलकर सामने आ रही हैं. कोरोना के संक्रमित मरीज इलाज में लगे डॉक्टर्स को सहयोग नहीं कर रहे हैं. जिसके चलते डॉक्टर्स को इलाज करने में काफी परेशानी हो रही है. वहीं ऐसा ही कुछ नजारा नूंह में देखने को मिल रहा है.

वैश्विक महामारी के दौर में लोगों की सहायता में जुटे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ गांव में अभद्र व्यवहार किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि नूंह जिले के गांव में एनपीआर के डर के चलते लोग स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का सहयोग नहीं कर रहें हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ हो रहे अभद्र व्यवहार की सामाजिक संगठनों ने कड़ी आलोचना की है.

स्वयंसेवी संस्था ग़ालिब मौजी फाउंडेशन, महिला संगठन जागो चलो, मेवात सूचना अधिकार मंच और ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस ने गांव में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ हो रहे व्यवहार की अलोचना की है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ जो व्यवहार सामने आया उससे जिले के लोगों की नकारात्मक छवि बाहर जा रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को जनता के सहयोग से ही फैलने से रोका जा सकता है.



ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के पदाधिकारी डॉक्टर कमरुद्दीन जाकिर ने बताया कि जो लोग हजरत निजामुद्दीन की जमातों में शामिल हुए और जमातों में शामिल लोगों को वाहन से लेने और छोड़ने गए उनको भी आगे आकर अपनी कोरोना की जांच करानी चाहीए. ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके. साथ ही उन्होंने कहा कि निजामुद्दीन दिल्ली से जितने भी जमात के लोग मेवात के गांव में आए हैं. उन सभी लोगों को आगे आकर अपनी जांच करानी चाहिए.

जिला सिविल सर्जन डॉक्टर वीरेंद्र ने बताया कि दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में दर्जनभर देशों से आए लोगों की हवाई अड्डे पर जांच नहीं करना भारी पड़ गया. उन्होंने ने बताया कि दिल्ली में भी इनकी जांच नहीं हो पाई और जमातें मुस्लिम क्षेत्रों में चली गई. उन्होंने बताया कि जमात के लोगों की खिदमत में शामिल हुए लोगों का नैतिक दायित्व बनता है कि वह आगे आकर अपनी और अपने परिवार की जांच कराएं.

उन्होंने बताया कि जिलेभर में जहां भी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और अन्य अधिकारियों के साथ अभद्र व्यवहार किया गया है. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है. साथ ही जिला सिविल सर्जन डॉक्टर वीरेंद्र ने जनता से सहयोग करने की अपील की. ताकि कोरोना वायरस की महामारी से जिले को पूरी तरह से सुरक्षित किया जा सके.

नई दिल्ली/नूंह: देश और दुनिया में कोरोना वायरस के चलते चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग स्थिति को संभालने की कोशिश में लगा हुआ है. वहीं कुछ जगह से हैरान और परेशान कर देने वाली तस्वीरें निकलकर सामने आ रही हैं. कोरोना के संक्रमित मरीज इलाज में लगे डॉक्टर्स को सहयोग नहीं कर रहे हैं. जिसके चलते डॉक्टर्स को इलाज करने में काफी परेशानी हो रही है. वहीं ऐसा ही कुछ नजारा नूंह में देखने को मिल रहा है.

वैश्विक महामारी के दौर में लोगों की सहायता में जुटे स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ गांव में अभद्र व्यवहार किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि नूंह जिले के गांव में एनपीआर के डर के चलते लोग स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों का सहयोग नहीं कर रहें हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ हो रहे अभद्र व्यवहार की सामाजिक संगठनों ने कड़ी आलोचना की है.

स्वयंसेवी संस्था ग़ालिब मौजी फाउंडेशन, महिला संगठन जागो चलो, मेवात सूचना अधिकार मंच और ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस ने गांव में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ हो रहे व्यवहार की अलोचना की है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के साथ जो व्यवहार सामने आया उससे जिले के लोगों की नकारात्मक छवि बाहर जा रही है. उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस को जनता के सहयोग से ही फैलने से रोका जा सकता है.



ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के पदाधिकारी डॉक्टर कमरुद्दीन जाकिर ने बताया कि जो लोग हजरत निजामुद्दीन की जमातों में शामिल हुए और जमातों में शामिल लोगों को वाहन से लेने और छोड़ने गए उनको भी आगे आकर अपनी कोरोना की जांच करानी चाहीए. ताकि बीमारी को फैलने से रोका जा सके. साथ ही उन्होंने कहा कि निजामुद्दीन दिल्ली से जितने भी जमात के लोग मेवात के गांव में आए हैं. उन सभी लोगों को आगे आकर अपनी जांच करानी चाहिए.

जिला सिविल सर्जन डॉक्टर वीरेंद्र ने बताया कि दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में दर्जनभर देशों से आए लोगों की हवाई अड्डे पर जांच नहीं करना भारी पड़ गया. उन्होंने ने बताया कि दिल्ली में भी इनकी जांच नहीं हो पाई और जमातें मुस्लिम क्षेत्रों में चली गई. उन्होंने बताया कि जमात के लोगों की खिदमत में शामिल हुए लोगों का नैतिक दायित्व बनता है कि वह आगे आकर अपनी और अपने परिवार की जांच कराएं.

उन्होंने बताया कि जिलेभर में जहां भी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों और अन्य अधिकारियों के साथ अभद्र व्यवहार किया गया है. उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है. साथ ही जिला सिविल सर्जन डॉक्टर वीरेंद्र ने जनता से सहयोग करने की अपील की. ताकि कोरोना वायरस की महामारी से जिले को पूरी तरह से सुरक्षित किया जा सके.

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