नई दिल्ली/गुरुग्राम: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को कम करने और पर्यावरण को साफ सूथरा बनाने के लिए दो दिवसीय रीजनल कांफ्रेंस ऑफ एनवायरमेंट का आयोजन किया गया. जिसका शनिवार को समापन हो गया. लीला होटल में की गई इस कांफ्रेंस के दूसरे दिन कई बड़े अधिकारियों ने भाग लिया और इस बात पर मंथन किया कि आखिरकार दिल्ली-एनसीआर से किस तरह से प्रदूषण जैसी समस्या को खत्म किया जा सकता है.
'आम जनता का सहयोग जरूरी'
एनजीटी की घग्गर मॉनीटरिंग कमेटी के सदस्य बाबूराम ने हरियाणा सरकार की इस पहल का स्वागत किया और कहा कि पर्यावरण प्रदूषण आज के समय का अहम विषय है. जिसपर सभी हितधारकों को चर्चा करते हुए इसके प्रदूषण स्तर में कमी लाने के उपाय करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में आम जनता का सहयोग जरूरी है.
'प्राथमिक्ताओं में आया बदलाव'
इसके अलावा गुरुग्राम और दिल्ली-एनसीआर में किस तरह से कमियों को दूर किया जा सकता है. इसपर वी. उमाशंकर ने कहा कि पहले हमारी जरूरत रोटी, कपड़ा और मकान की थी, उसके बाद शहरों की प्राथमिकताओं में बिजली, पानी, सड़क शामिल हुए और अब पर्यावरण, ट्रैफिक और मोबिलिटी हो गई है.
इन विषयों से जुड़ी समस्याओं को हल करने पर हम सभी को विचार करने की जरूरत है. पहले कचरा प्रबंधन को शहरी स्थानीय निकाय और सरकार का ही दायित्व माना जाता था, लेकिन अब ये हर व्यक्ति की समस्या बन गया है, क्योंकि इससे क्वालिटी ऑफ लाइफ पर फर्क पड़ता है.
उन्होंने कहा कि पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए नए प्रयोग और नए उपाय करने होंगे, उनमें सफल प्रयोगों का इस्तेमाल किया जा सकता है. प्लास्टिक कचरे को कम करने और अन्य प्रकार की छटनी करने के उपायों पर भी मंथन जरूरी है. दो दिवसीय इस कांफ्रेस में कई मुद्दों पर मंथन हुआ. वहीं अब इस कांफ्रेंस के बाद भी हालातों में कुछ सुधार आता है ये देखने वाली बात होगी.