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नूंह सिविल सर्जन ने अस्पताल मरम्मत कार्य का किया निरीक्षण, हुए निराश

सिविल सर्जन ने ठेकेदार को आपातकालीन वार्ड का काम पूरा करके इसी महीने हैंडओवर करने के लिए कहा है, ताकि मरीजों को आपातकालीन सेवाओं में बेहतर इलाज मुहैया हो सके. इसके अलावा अल आफिया अस्पताल की दूसरी मंजिल को सितंबर महीने तक पूरा करने के लिए कहा गया है.

nuh Civil surgeon js punia inspected hospital repair work
नूंह
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Published : Aug 25, 2020, 1:30 PM IST

नई दिल्ली/नूंह: सिविल सर्जन डॉ. जेएस पुनिया ने अपने विभाग के अधिकारियों और लोक निर्माण विभाग के सीनियर अधिकारियों के साथ भवन परिसर का दौरा कर निर्माण कार्य का जायजा लिया. सिविल सर्जन डॉक्टर जेएस पुनिया ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को काम में तेजी लाने और पारदर्शिता लाने के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए.

सिविल सर्जन ने अस्पताल मरम्मत कार्य का किया निरीक्षण

धीमी गति से निराश सिविल सर्जन

इस निरीक्षण के दौरान सिवल सर्जन जेएस पुनिया निर्माण की गति से निराश दिखे. उन्होंने कहा कि काम जिस गति से होना चाहिए था, उस गति से नहीं हो पा रहा है. स्वास्थ्य विभाग और आम लोगों को इलाज के दौरान दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि आपातकालीन वार्ड को इसी महीने के आखिर तक पूरी तरह से तैयार कर देने के लिए कहा गया है, ताकि मरीजों को आपातकालीन सेवाओं में बेहतर इलाज मुहैया हो सके. इसके अलावा अल आफिया अस्पताल की दूसरी मंजिल को सितंबर महीने तक पूरा करने के लिए कहा गया है.

तीन करोड़ की लागत से हो रही है मरम्मत

डॉक्टर जेएस पुनिया ने कहा कि लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मरम्मत का कार्य देख रहे हैं. ठेकेदार ने भरोसा दिलाया है कि वह जल्द ही लेबर बढ़ाकर मरम्मत कार्य में तेजी लाने के साथ-साथ पारदर्शिता भी लाने का काम करेंगे. कुल मिलाकर अल आफिया सामान्य अस्पताल भवन के मरम्मत पर तकरीबन 3 करोड रुपए की राशि खर्च की जा रही है.

अस्पताल परिसर का लुक बदलने के लिए यह राशि खर्च की जा रही है. इसमें भवन निर्माण से लेकर कैंपस को कैसे बेहतर बनाया जाए. इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. पिछले कुछ समय में हालात बेहतर भी हुए हैं, लेकिन जितनी बड़ी राशि मरम्मत कार्य के लिए सरकार ने स्वीकृत की है. इतनी तेज गति से तथा अच्छी क्वालिटी के साथ काम दिखाई नहीं पड़ रहा है.

इतने पैसे खर्च करने पर भी नहीं पड़ा फर्क

फिलहाल इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बावजूद भी कोई खास चमक धमक के दिखाई नहीं पड़ रहा है, लेकिन इतना जरूर है कि स्वास्थ्य विभाग जी तोड़ कोशिश में जुटा है, लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग का उसे इतना सहयोग नहीं मिल पा रहा है जितना मिलना चाहिए.

'कई गांवों में भी पीएचसी होंगे शुरू'

सिविल सर्जन डॉक्टर जेएस पुनिया ने पत्रकार वार्ता के दौरान यह भी कहा कि बाई गांव की नवनिर्मिति पीएचसी को जल्द ही टेकओवर कर लिया जाएगा. इसके अलावा बिछोर गांव में बनाई गई नई पीएचसी को टेकओवर कर लिया गया है. जिसमें डिलीवरी हट की शुरुआत भी कर दी गई है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग नूंह के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए उनकी तरफ से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि जिले के लोगों को अस्पतालों में बेहतर इलाज के साथ-साथ बेहतर सुविधाएं, बेहतर माहौल दिया जा सके.

नई दिल्ली/नूंह: सिविल सर्जन डॉ. जेएस पुनिया ने अपने विभाग के अधिकारियों और लोक निर्माण विभाग के सीनियर अधिकारियों के साथ भवन परिसर का दौरा कर निर्माण कार्य का जायजा लिया. सिविल सर्जन डॉक्टर जेएस पुनिया ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को काम में तेजी लाने और पारदर्शिता लाने के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिए.

सिविल सर्जन ने अस्पताल मरम्मत कार्य का किया निरीक्षण

धीमी गति से निराश सिविल सर्जन

इस निरीक्षण के दौरान सिवल सर्जन जेएस पुनिया निर्माण की गति से निराश दिखे. उन्होंने कहा कि काम जिस गति से होना चाहिए था, उस गति से नहीं हो पा रहा है. स्वास्थ्य विभाग और आम लोगों को इलाज के दौरान दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पत्रकारों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि आपातकालीन वार्ड को इसी महीने के आखिर तक पूरी तरह से तैयार कर देने के लिए कहा गया है, ताकि मरीजों को आपातकालीन सेवाओं में बेहतर इलाज मुहैया हो सके. इसके अलावा अल आफिया अस्पताल की दूसरी मंजिल को सितंबर महीने तक पूरा करने के लिए कहा गया है.

तीन करोड़ की लागत से हो रही है मरम्मत

डॉक्टर जेएस पुनिया ने कहा कि लोक निर्माण विभाग के अधिकारी मरम्मत का कार्य देख रहे हैं. ठेकेदार ने भरोसा दिलाया है कि वह जल्द ही लेबर बढ़ाकर मरम्मत कार्य में तेजी लाने के साथ-साथ पारदर्शिता भी लाने का काम करेंगे. कुल मिलाकर अल आफिया सामान्य अस्पताल भवन के मरम्मत पर तकरीबन 3 करोड रुपए की राशि खर्च की जा रही है.

अस्पताल परिसर का लुक बदलने के लिए यह राशि खर्च की जा रही है. इसमें भवन निर्माण से लेकर कैंपस को कैसे बेहतर बनाया जाए. इस पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. पिछले कुछ समय में हालात बेहतर भी हुए हैं, लेकिन जितनी बड़ी राशि मरम्मत कार्य के लिए सरकार ने स्वीकृत की है. इतनी तेज गति से तथा अच्छी क्वालिटी के साथ काम दिखाई नहीं पड़ रहा है.

इतने पैसे खर्च करने पर भी नहीं पड़ा फर्क

फिलहाल इतनी बड़ी राशि खर्च करने के बावजूद भी कोई खास चमक धमक के दिखाई नहीं पड़ रहा है, लेकिन इतना जरूर है कि स्वास्थ्य विभाग जी तोड़ कोशिश में जुटा है, लेकिन पीडब्ल्यूडी विभाग का उसे इतना सहयोग नहीं मिल पा रहा है जितना मिलना चाहिए.

'कई गांवों में भी पीएचसी होंगे शुरू'

सिविल सर्जन डॉक्टर जेएस पुनिया ने पत्रकार वार्ता के दौरान यह भी कहा कि बाई गांव की नवनिर्मिति पीएचसी को जल्द ही टेकओवर कर लिया जाएगा. इसके अलावा बिछोर गांव में बनाई गई नई पीएचसी को टेकओवर कर लिया गया है. जिसमें डिलीवरी हट की शुरुआत भी कर दी गई है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग नूंह के इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए उनकी तरफ से हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि जिले के लोगों को अस्पतालों में बेहतर इलाज के साथ-साथ बेहतर सुविधाएं, बेहतर माहौल दिया जा सके.

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