नई दिल्ली/गुरुग्रामः 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस के मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा हरियाणा के मनोज कुमार लाकड़ा को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया. ये पुरस्कार हर साल 47 शिक्षकों को दिया जाता है और हरियाणा से एकमात्र शिक्षक मनोज कुमार लाकड़ा को इस सम्मान से नवाजा गया है. बता दें कि, शिक्षकों को डिजिटली राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सम्मानित किया था.
गुरुग्राम के एक सरकारी स्कूल के शिक्षक मनोज कुमार लाकड़ा ने वो काम किया है जो प्राइवेट स्कूल के शिक्षक भी शायद ना कर पाए. बजघेड़ा स्थित सरकारी स्कूल के हेड मास्टर मनोज कुमार लाकड़ा हिंदी के शिक्षक हैं, लेकिन उन्हें विज्ञान में रुचि थी. ऐसे में उन्होंने कई विद्यालयों को मॉडर्न बनाने का काम किया. उन्होंने ऐसे कई मोबाइल ऐप बनाए हैं जो शिक्षा के क्षेत्र में बेहद महत्व रखते हैं. वहीं इनमें से कुछ ऐप का इस्तेमाल सरकार ने भी अनिवार्य कर दिया है.
मनोज कुमार के मार्गदर्शन में उनके छात्रों द्वारा बनाए गए कुछ ऐपः
मिड डे मील ऐप
मनोज कुमार के छात्रों की टीम द्वारा बनाए गए मिड डे मील ऐप ने शिक्षकों का मिड डे मिल गणना का काम खत्म कर दिया है. इस ऐप को प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में अनिवार्य किया गया है. सरकार ने इसे बेस्ट इनोवेटिव आइडिया करार देते हुए पुरस्कृत भी किया है.
समग्र मूल्यांकन ऐप
मनोज कुमार के छात्रों द्वारा बनाया गया समग्र मूल्यांकन ऐप के जरिए मात्र कुछ ही मिनटों में ही मार्कशीट तैयार हो जाती है. इसके जरिए छात्र अपनी मार्कशीट घर बैठे ही देख सकते हैं और डाउनलोड कर सकते हैं. इस ऐप की भी राज्य सरकार द्वारा काफी सराहना की गई है. वहीं इसके अलावा फन मैनेजमेंट ऐप, ई-लिव ऐप, भारत स्काउट एंड गाइड ऐप बनाकर विद्यार्थियों की प्रतिभा को मनोज कुमार ने मंच दिया है.
मध्य प्रदेश सरकार ने भी की सराहना
मनोज कुमार की टीम ने सोलर प्लेट समर हेलमेट बनाया जो कि राष्ट्रीय विज्ञान प्रदर्शनी में सर्वश्रेष्ठ पांच मॉडल्स में चयनित किया गया और मध्य प्रदेश सरकार ने उसे अपने प्रदेश में लागू करवाने की घोषणा भी की थी. हेलमेट में ये विशेषता थी कि जब बाइक चालक हेलमेट पहनेगा तभी बाइक स्टार्ट होगी.
अनोखे अंदाज में बनाया पीरियॉडिक टेबल
बजघेड़ा स्कूल के छात्रों ने पीरियॉडिक टेबल ऑफ क्यूआर कोड एंड बुक्स और पेड़ पौधों के क्यूआर कोड तैयार किए. इससे बच्चे क्यूआर कोड स्कैन कर किताब को डाउनलोड कर सकते हैं. यही नहीं स्कूल में जितने भी पेड़ लगे हैं. उन पेड़ की विशेषताएं जानने के लिए क्यूआर कोड स्कैन करके बच्चे पेड़ की विशेषताएं पढ़ सकते हैं.
पिता को भी मिल चुका है पुरस्कार
मनोज कुमार के पिता सेवानिवृत्त सूबेदार सूरत सिंह अंतरराष्ट्रीय स्तर के पहलवान रहे हैं. उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में मेडल जीतकर देश, प्रदेश और अपने क्षेत्र का नाम रोशन किया है और उन्हें भी राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया था.