नई दिल्ली/गुरुग्राम: राजस्थान में हुई आरटीआई एक्टिविस्ट की मौत के मामले में अब गुरूग्राम के एक्टिविस्ट भी सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं. दरअसल, हाल ही में राजस्थान के बाड़मेर में पुलिस हिरासत में एक आरटीआई एक्टिविस्ट की संदिग्ध हालत में मौत हो गई थी. जिसके बाद राजस्थान पुलिस ने 10 पुलिसकर्मियों पर मामला दर्ज कर लिया है. लेकिन इसके बावजूद भी आरटीआई एक्टिविस्ट इस पूरे मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं.
अभिव्यक्ति की आजादी की हत्या
आरटीआई एक्टिविस्ट की मानें तो एक एक्टिविस्ट की हत्या अभिव्यक्ति की आजादी की हत्या है. इनका मानना है कि ऐसे में जिस थाने में हत्या की गई है, उसी थाने के अधिकारी जांच में अड़चन पैदा कर सकते हैं. इसलिए गुरूग्राम में सभी आरटीआई एक्टिविस्ट ने उपायुक्त के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है. ताकि सीबीआई जांच कर दोषियों को सजा दिलवाई जा सके.
पुलिस अधीक्षक ने की कार्रवाई
बता दें कि राजस्थान में गहलोत सरकार की राज्य में कानून व्यवस्था दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है. रविवार को राजस्थान के बाड़मेर जिले के पचपदरा थाने में आरटीआई एक्टिविस्ट जगदीश गोलिया की संदिग्ध हालत में मौत हो गई, जिसके बाद पुलिस अधीक्षक ने कार्रवाई करते हुए एसएचओ को सस्पेंड कर दिया. वहीं पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया गया.
थाना स्टाफ लाइन हाजिर
बाड़मेर जिले के पचपदरा थाने में आरटीआई एक्टिविस्ट की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के बाद नाहटा हॉस्पिटल ले जाया गया. जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित किया. घटना की जानकारी मिलते ही बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे और तुरंत प्रभाव से पूरे थाना स्टाफ को लाइन हाजिर कर दिया.