नई दिल्ली/गुरुग्राम: साइबर सिटी की लाइफलाइन कही जाने वाली गुरुग्राम मेट्रोपोलिटन सिटी बस लिमिटेड को लॉकडाउन के दौरान काफी नुकसान झेलना पड़ा है. 2 साल पहले ही गुरुग्राम में इस बस सेवा की शुरुआत हुई थी, लेकिन 25 मार्च को लगे लॉकडाउन ने पब्लिक सेक्टर की इस बस सेवा को काफी नुकसान पहुंचाया. लॉकडाउन खुलने के बाद भी सिटी बस सेवा को कोई खास फायदा नहीं हुआ है.
85 हजार की राइडरशिप पहुंची 15 हजार पर
लॉकडाउन से पहले गुरुग्राम मेट्रोपोलिटन सिटी बस लिमिटेड में 85 हजार लोग प्रतिदिन सफर करते थे, लेकिन उसके बाद लॉकडाउन लगा और बस सेवा बिल्कुल बंद हो गई. वहीं अनलॉक शुरू होने के बाद से राइडरशिप अभी तक सिर्फ 15 हजार तक पहुंच पाई है. इसका एकमात्र कारण कोरोना संक्रमण है. वहीं कोरोना से पहले एक बस में 36 सवारियां सफर करती थी. वहीं अब सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करवाने के लिए बस में सिर्फ 18 यात्रियों के सफर की अनुमति है.
पहले चलती थी 154 बसें, अब मात्र 68
लॉकडाउन से पहले गुरुग्राम मेट्रोपोलिटन सिटी बस लिमिटेड की 154 बसें शहरभर में दौड़ती थी. वहीं अब सिर्फ 68 बसें ही अपनी सेवाएं दे रही हैं. दरअसल, कोरोना के कारण अब लोग ज्यादातर अपने साधन का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं गुरुग्राम की एमएनसी कंपनियों में अभी भी वर्क फ्रॉम होम जारी है. ऐसे में सड़क पर सवारियां भी काफी कम है.
लॉकडाउन में GMCBL को करोड़ों का नुकसान!
अगर हम राजस्व की बात करें, तो लॉकडाउन से पहले गुरुग्राम मेट्रोपोलिटन सिटी बस लिमिटेड को प्रति किलोमीटर 34 रुपये की कमाई होती थी. जो अब प्रति किलोमीटर सिर्फ 12 रुपये रह गई है. ऐसे में ये माना जा रहा है कि लॉकडाउन पीरियड में गुरुग्राम मेट्रोपोलिटन सिटी बस लिमिटेड को 8 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है.
यात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए किए जा रहे प्रयास
गुरुग्राम मेट्रोपोलिटन सिटी बस लिमिटेड यात्रियों की संख्या बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. जैसे कोरोना को देखते हुए बसों में फ्री हैंड सैनिटाइजर उपलब्ध करवाया है. बस में घुसते ही पहले यात्रियों को सैनिटाइज किया जा रहा है. उसके बाद ही अंदर आने की अनुमति दी जा रही है. साथ ही साथ बिना मास्क वाले व्यक्ति को बस में आने की अनुमति नहीं दी जा रही.