नई दिल्ली/गुरुग्राम: गब्बर के नाम से मशहूर गृह मंत्री अनिल विज से आम नागरिक तो आस लगाए बैठे है कि उन्हें इंसाफ मिलेगा, लेकिन अब गुरुग्राम नगर निगम के पार्षद भी विज से आस लगाकर बैठे हैं कि अब गुरुग्राम नगर निगम का जल्द सुधार होगा. दरसअल, गुरुग्राम नगर निगम के पार्षद कई महीनों से इको ग्रीन कंपनी के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं, लेकिन इको ग्रीन कंपनी के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है.
इको ग्रीन कंपनी के खिलाफ गुरुग्राम के 35 पार्षद
नगर निगम ने गुरुग्राम की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए एक इको ग्रीन नामक कंपनी को ठेका दिया हुआ है जो कि शहर की सफाई व्यवस्था पर ध्यान देती है, लेकिन गुरुग्राम का आम नागरिक सफाई व्यवस्था से खासा परेशान है. अब पार्षद भी इस इको ग्रीन कंपनी से परेशान हैं, लेकिन गुरुग्राम नगर निगम के 35 पार्षद इको ग्रीन को हटाने में नाकाम साबित हो रहे हैं.
इको ग्रीन कंपनी पर सीएम ने लगाया था 25 लाख का जुर्माना
बता दें कि गुरुग्राम नगर निगम सदन की बैठक में सभी पार्षदों की सहमति से इको ग्रीन कंपनी का ठेका रद्द करने की मांग उठाई थी. इतना ही नहीं मुख्यमंत्री ने भी खुद इस कंपनी द्वारा शहर में हो रही गंदगी की लापरवाही को देखते हुए 25 लाख का जुर्माना भी लगाया था, लेकिन उसके बाबजूद भी इको ग्रीन कंपनी ने शहर की सफाई व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया.
'इको ग्रीन कंपनी की है अधिकारियों से मिलीभगत'
वार्ड नंबर-23 के पार्षद अश्वनी शर्मा का कहना है कि शहर में सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है और इको ग्रीन कंपनी को पार्षद कंट्रोल ही नहीं कर पा रहे हैं. जिसके चलते घरों से भी कूड़ा करकट कलेक्ट नहीं हो रहा है. इतना ही नहीं, उन्होंने ये भी कहा कि इस कंपनी से अधिकारियों ने मिलिभगत कर एग्रीमेंट में ऐसा कोई क्लोज डाल दिया है जिससे कि अब वो इस कंपनी को हटा नहीं सकते हैं.
'गब्बर' अनिल विज से है पार्षदों को उम्मीद
दरअसल, हरियाणा में जब से शहरी निकाय मंत्री अनिल विज बने हैं तभी से गुरुग्राम नगर निगम में हड़कंप मचा हुआ है. ऐसे में अब गुरुग्राम नगर निगम के पार्षदों को भी अनिल विज से आस है कि वो गुरुग्राम नगर निगम का जल्द कायाकल्प करेंगे और गुरुग्राम नगर निगम में हो रहे भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगाएंगे.