नई दिल्ली/गुरुग्राम: औद्योगिक क्षेत्रों और घनी आबादी वाले क्षेत्रों (जहां ज्यादा संख्या में लोगों का आवागमन होता है) में सघन टेस्टिंग करवाई जाएगी, ताकि कोरोना संक्रमण को और ज्यादा फैलने से रोका जा सके. इस बारे में जिला उपायुक्त अमित खत्री ने आदेश जारी करते हुए उद्योगों में कोविड एसओपी लागू करने की हिदायत जारी की है.
इन हिदायतों में कहा गया है कि सभी औद्योगिक ईकाइयां अपने कार्यस्थलों पर कोविड को लेकर सुरक्षा मानकों का पालन करेंगी. जिसमे परिसर में प्रवेश से पहले हर व्यक्ति की थर्मल और सिप्टोमैटिक स्क्रीनिंग, जिनमें लक्षण दिखाई देंगे, उन्हें सामान्य होने तक कार्यस्थल पर नहीं आने की सलाह दी जाएगी.
हाई कॉन्टैक्ट वाले क्षेत्रों की नियमित तौर पर सैनिटाइजेशन, शिफ्टों में अंतर ताकि स्क्रीनिंग और सैनिटाइजेशन के लिए पर्याप्त समय मिल सके और परिसर में प्रवेश व निकासी की जगहों पर सोशल डिस्टेंसिंग के नॉर्म की पालना करने के लिए कहा गया है.
औद्योगिक इकाई में 10 प्रतिशत स्टाफ की टेस्टिंग अनिवार्य
इसके अलावा, आरोग्य सेतु ऐप का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाए. जिलाधीश ने इन आदेशों में कार्यस्थल पर कामगारों की सघन सैंपलिंग के लिए निर्देश दिए हैं. सिविल सर्जन गुरुग्राम को निर्देश दिए गए हैं कि वो पर्याप्त संख्या में टीमें लगाकर मैनपावर की स्क्रीनिंग और सैंपलिंग करवाएंगे. सैंपलिंग आईसीएमआर की गाइडलाइंस के अनुसार होगी. उद्योग में कार्यरत कामगारों में से किन्ही 10 प्रतिशत की सैंपलिंग करवानी अनिवार्य की गई है और इसके बाद हर महीने पांच प्रतिशत कामगारों के सैंपल लिए जाएंगे.
टेस्ट का खर्च औद्योगिक इकाई उठाएगी
जिला उपायुक्त ने साफ किया है कि टेस्टिंग के दौरान श्रमिकों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा और टेस्ट का खर्च संबंधित औद्योगिक इकाई के प्रबंधन द्वारा वहन किया जाएगा, ताकि मैनपावर पर इसका आर्थिक बोझ ना पड़े. यही नहीं, संबंधित प्रबंधन द्वारा समय समय पर आयूष इम्युनिटी बूस्टर किट का कामगारों मे वितरण करवाया जाएगा.