नई दिल्ली/गुरुग्राम: साइबर सिटी गुरुग्राम में अबतक जितने भी कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं, उनमें से करीब 80 प्रतिशत एसिम्प्टोमैटिक हैं. सीधी भाषा में कहें तो ऐसे मरीज जिनमें जिनमें कोरोना के लक्षण दिखाई नहीं देते या दिखाई भी देते हैं तो बहुत हल्के होते हैं. इस बात की जानकारी गुरुग्राम उपायुक्त अमित खत्री ने दी. साथ ही अमित खत्री ने बताया कि ऐसे मरीजों को घबराने की जरूरत नहीं है. वे अपने घरों में रहकर आराम से ठीक हो सकते हैं.
स्वास्थ्य की टीम मरीजों के घर का दौरा करेंगी
उन्होंने बताया कि लक्षण या हल्के लक्षण वाले मरीज अपने घर पर ही अलग से रहें, जिसे होम आइसोलेशन कहा जाता है. होम आइसोलेशन के मामलों में स्वास्थ्य की टीम मरीजों के घर का दौरा करेंगी और संक्रमित मरीज की घर बैठे जांच की जाएगी. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम की ओर से होम आइसोलेशन संबंधी सभी जानकारी दी जाएगी. होम आइसोलेशन में रखे गए मरीजों से स्वास्थ्य विभाग की टीम कॉल के जरिए फीडबैक लेगी. 17 दिनों तक उनको रोजाना कॉल किया जाएगा और उनकी निगरानी की जाएगी.
होम आइसोलेशन के बाद टेस्ट करवाने की कोई जरूरत नहीं
खत्री ने बताया कि यदि होम आइसोलेशन के 17 दिनों के बाद मरीज के आखिरी 10 दिनों में बुखार या अन्य लक्षण नहीं हैं तो होम आइसोलेशन को समाप्त किया जा सकता है. होम आइसोलेशन खत्म होने के बाद मरीज को टेस्ट करवाने की कोई जरूरत नहीं है. साथ ही बचाव के बारे में जानकारी देते हुए खत्री ने बताया कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए घर से बाहर निकलते ही मास्क पहने और सोशल डिस्टेंसिंग का अवश्य पालन करें.
उन्होंने बताया कि बहुत जरूरी काम होने पर ही घर से बाहर निकलें. केंद्र सरकार की गाइडलाइंस के अनुसार 10 साल से कम उम्र के बच्चे तथा 65 साल से अधिक आयु के लोग, गर्भवती महिलाएं तथा अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित व्यक्ति बिल्कुल बाहर ना निकलें. केवल मेडिकल इमरजेंसी के लिए ही बाहर आएं. इसके अलावा, व्यक्ति मुंह, आंख, नाक को ना छूए और लगातार हाथ धोता रहे.