नई दिल्ली/गाजियाबाद: कोरोना संकट के बीच मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा ईद-उल-फितर का त्योहार आ रहा है. जिसको इस बार वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते किए गए लाॅकडाउन के कारण सादगी से मनाने की अपील की जा रही है. सरकार के लाॅकडाउन के फैसले और कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए मुस्लिम युवा दिल खोलकर सरकार की अपील का पालन कर रहे हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने युवाओं से खास बातचीत की.
ईद गरीबों की मदद करके मनाएंगे
युवा इस ईद पर गरीब मजदूरों की मदद करके देश से कोरोना वायरस के खत्म हो जाने के बाद दिल खोलकर ईद मनाने की बात कर रहे हैं. मोदीनगर निवासी टीम खादिम (सेवादार) के सदस्य आसिफ ने बताया कि वो इस बार ईद गरीबों की मदद करके मनाएंगे. अपने मोहल्ले में रहने वाले गरीब मजदूर लोगों को राशन सामग्री देकर उनकी मदद करेंगे.
ईद पर नहीं करेंगे खरीददारी
ईटीवी भारत को मुरादनगर निवासी हुसैन अहमद ने बताया कि जब पूरे देश से कोरोना महामारी खत्म हो जाएगी, वो जब ईद मनाएंगे. इसीलिए सभी युवाओं ने ये सोचा है कि हम इस ईद पर ना ही नए कपड़े बनवाएंगे और ना ही ईद की शापिंग करेंगे. टीम खादिम के सदस्य अनस ने बताया कि वो इस बार जिन लोगों के पास ईद का सामान नहीं है. उन लोगों को ईद का समान पहुंचाकर सादगी से अपनी ईद मनाएंगे.
लाॅकडाउन का करेंगे पालन
वहीं साजिद ने बताया कि वो ईद पर गरीबों की मदद करेंगे और उनके घर राशन पहुंचाने का काम करेंगे और वो इस बार ईद की शॉपिंग बिल्कुल भी नहीं करेंगे. टीम खादिम के दूसरे सदस्य गुफरान ने बताया कि वो इस बार ईद लाॅकडाउन के नियमों का पालन करते हुए मनाएंगे. युवाओं का कहना है कि वो इस बार ईद का त्योहार सादगी और गरीब लोगों की मदद करके मनाएंगे. साथ ही कुछ लोगों का कहना है कि जब संपूर्ण भारत से कोरोना महामारी खत्म हो जाएगी. वो तब अपनी ईद मनाएंगे.