नई दिल्ली/गाजियाबाद : बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाव के लिए गाजियाबाद में गुरुवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया गया. इस अभियान के तहत 19 वर्ष तक के बच्चों और किशोर-किशोरियों को पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाई गई. कृमि मुक्ति के लिए दवा सेवन कराने से बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद में कार्यक्रम को स्वास्थ विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और स्वच्छ भारत मिशन के समन्वय से चलाया जा रहा है. गाजियाबाद के विभिन्न सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों आंगनबाड़ी केंद्रों पर एक से 19 साल के बच्चों और युवक-युवतियों को एल्बेंडाजोल की दवाई खिलाई गई. जिले में तकरीबन 20 लाख बच्चों और युवक-युवतियों को यह दवा दो चरणों में खिलाई जानी है. गुरुवार को प्रथम चरण में 7,45,652 (तकरीबन 35 प्रतिशत) कोई दवा खिलाई गई.
जिले के लगभग 1300 आंगनवाड़ी केंद्रों और 2015 सरकारी-गैर सरकारी स्कूलों के माध्यम से बच्चों को दवाई खिलाई गई. इसके साथ ही बच्चों युवक-युवतियों और लोगों को कृमि संक्रमण से होने वाली बीमारियों के उपचार बचाओ के बारे में बताया गया.
क्या है कृमि
पेट में कीड़े होने से बच्चे कुपोषण का शिकार हो जाते हैं और शरीर में खून की कमी हो जाती है. बच्चों में नाखून से बाहर की गंदगी उनके पेट में जाती है. इसके अलावा खुले में शौच के कारण भी कृमि का संक्रमण होता है.
लक्षण
बेचैनी, सिरदर्द, कुपोषण, चक्कर आना, वजन में कमी, भूख न लगना, खून की कमी व पेट में दर्द, उल्टी-दस्त आदि कृमि संक्रमण के लक्षण हैं.
कृमि से बचाव के उपाय
नाखून साफ व छोटे रखें, हमेशा साफ पानी पिएं, आस-पास सफाई रखें, खाने को हमेशा ढककर रखें, साफ पानी से फल व सब्जियां धोएं, खुले में शौच न करें, हमेशा शौचालय का प्रयोग करें, हाथ साबुन और साफ पानी से धोएं विशेषकर खाने से पहले और शौच जाने के बाद, जूते पहनकर रहें. दवा कृमि से मुक्ति की क्षमता रखती है. स्वास्थ्य और पोषण में सुधार होता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है और एनीमिया नियंत्रण में रहता है. इसके साथ ही सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार होता है.