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सुनिए महिलाओं की ज़ुबानी, कैसे लगेगी घिनौने अपराधों पर लगाम... - महिला सशक्तिकरण

आम आदमी पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता तरुणिमा श्रीवास्तव और फिल्म निर्देशक अनीता शर्मा से ईटीवी भारत से बातचीत की.

women reaction on security issues
सुरक्षा को लेकर महिलाओं से बातचीत
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Published : Dec 7, 2019, 8:57 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: उन्नाव की बेटी ने इन्साफ की लड़ाई लड़ते हुए शुक्रवार देर रात सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया. देश में लगातार बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाएं महिलाओं में असुरक्षा का भाव उत्पन करने का मुख्य कारण बनती जा रहीं हैं. इसे लेकर ईटीवी भारत ने समाज की कुछ उन महलाओं से बातचीत की जोकि हमेशा से महिलाओं की आवाज बनकर आगे आती रही हैं.

सुरक्षा को लेकर महिलाओं से बातचीत

आम आदमी पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता तरुणिमा श्रीवास्तव और फिल्म निर्देशक अनीता शर्मा से ईटीवी भारत से बातचीत की.

'यूपी में जंगलराज'
आम आदमी पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता तरुणिमा श्रीवास्तव ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में जंगलराज चल रहा है. योगी सरकार राज्य चलाने और महिलाओं को सुरक्षा देने में विफल साबित हुई है, जिस तरह से अपराधियों को संरक्षण मिल रहा है. ये राज्य इस तरह से नहीं चलना चाहिए. उन्नाव रपे केस को लेकर मन बहुत दुखी है, जिस लड़की को न्याय मिलना चाहिए था उसे जिंदा जला दिया गया. उन्होंने कहा की उन्नाव रेप केस के सभी आरोपियों को जल्द फांसी की सजा सुनाई जाए, जिससे अपराधियों में डर पैदा हो और महिलाएं सुरक्षित मह्सूस करें.

'कानून व्यवस्था में परिवर्तन'
फिल्म निर्देशक अनीता शर्मा ने कहा कि बड़े दुःख कि बात है इंसाफ की लड़ाई लड़ते-लड़ते आज एक और बेटी ने हमारा साथ छोड़ दिया. बहुत जरूरी है की हमारी कानून व्यवस्था में भी परिवर्तन हो जिससे महिलाएं सुरक्षित महसूस करें. उन्नाव की बेटी के साथ दरिंदगी करने वालों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए जिससे कि इस तरह के कुकर्म करने का अगर विचार भी आए तो उसको अंजाम देने से पहले कई बार सोचें.

पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें महिलाओं के साथ इससे भी अधिक बर्बरता की गई है और हर बार घटना के बाद एक ठोस कदम उठाने की बात कही जाती है. लेकिन घटना के कुछ दिन बीत जाने के बाद ही सारी बातें सिर्फ और सिर्फ किताबी बनकर रह जाती हैं, ना तो इस ओर कोई ठोस कदम उठाया जाता है ना ही अपराधियों को उनके द्वारा किए गए अपराध की सजा मिल पाती है.

यही वजह है कि बेशक हम 21वीं सदी में रहने के दावे करते हैं और महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं लेकिन आज भी हमारे समाज में बच्चियां, युक्तियां और महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. जिसका जीता जागता उदाहरण हाल ही में उन्नाव और हैदराबाद समेत कई शहरों में देखने को मिला है.

नई दिल्ली/गाजियाबाद: उन्नाव की बेटी ने इन्साफ की लड़ाई लड़ते हुए शुक्रवार देर रात सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया. देश में लगातार बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाएं महिलाओं में असुरक्षा का भाव उत्पन करने का मुख्य कारण बनती जा रहीं हैं. इसे लेकर ईटीवी भारत ने समाज की कुछ उन महलाओं से बातचीत की जोकि हमेशा से महिलाओं की आवाज बनकर आगे आती रही हैं.

सुरक्षा को लेकर महिलाओं से बातचीत

आम आदमी पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता तरुणिमा श्रीवास्तव और फिल्म निर्देशक अनीता शर्मा से ईटीवी भारत से बातचीत की.

'यूपी में जंगलराज'
आम आदमी पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता तरुणिमा श्रीवास्तव ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में जंगलराज चल रहा है. योगी सरकार राज्य चलाने और महिलाओं को सुरक्षा देने में विफल साबित हुई है, जिस तरह से अपराधियों को संरक्षण मिल रहा है. ये राज्य इस तरह से नहीं चलना चाहिए. उन्नाव रपे केस को लेकर मन बहुत दुखी है, जिस लड़की को न्याय मिलना चाहिए था उसे जिंदा जला दिया गया. उन्होंने कहा की उन्नाव रेप केस के सभी आरोपियों को जल्द फांसी की सजा सुनाई जाए, जिससे अपराधियों में डर पैदा हो और महिलाएं सुरक्षित मह्सूस करें.

'कानून व्यवस्था में परिवर्तन'
फिल्म निर्देशक अनीता शर्मा ने कहा कि बड़े दुःख कि बात है इंसाफ की लड़ाई लड़ते-लड़ते आज एक और बेटी ने हमारा साथ छोड़ दिया. बहुत जरूरी है की हमारी कानून व्यवस्था में भी परिवर्तन हो जिससे महिलाएं सुरक्षित महसूस करें. उन्नाव की बेटी के साथ दरिंदगी करने वालों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए जिससे कि इस तरह के कुकर्म करने का अगर विचार भी आए तो उसको अंजाम देने से पहले कई बार सोचें.

पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें महिलाओं के साथ इससे भी अधिक बर्बरता की गई है और हर बार घटना के बाद एक ठोस कदम उठाने की बात कही जाती है. लेकिन घटना के कुछ दिन बीत जाने के बाद ही सारी बातें सिर्फ और सिर्फ किताबी बनकर रह जाती हैं, ना तो इस ओर कोई ठोस कदम उठाया जाता है ना ही अपराधियों को उनके द्वारा किए गए अपराध की सजा मिल पाती है.

यही वजह है कि बेशक हम 21वीं सदी में रहने के दावे करते हैं और महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं लेकिन आज भी हमारे समाज में बच्चियां, युक्तियां और महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. जिसका जीता जागता उदाहरण हाल ही में उन्नाव और हैदराबाद समेत कई शहरों में देखने को मिला है.

Intro:
उन्नाव की बेटी ने इन्साफ की लड़ाई लड़ते हुए शुक्रवार देर रात सफदरजंग अस्पातल में दम तोड़ दिया. देश में लगातार बढ़ रही दुष्कर्म की घटनाएं महिलाओं में असुरक्षा का भाव उत्पन करने का मुख्या कारण बनती जा रहे है. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने समाज की कुछ उन महलाओं से बातचीत की जोकि हमेशा से महिलाओं की आवाज़ बनकर आगे आती रही है. ईटीवी भारत ने
आम आदमी पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता तरुणिमा श्रीवास्तव और फिल्म निर्देशक अनीता शर्मा से बातचीत की.
Body:
आम आदमी पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता तरुणिमा श्रीवास्तव ने कहा आज उत्तर प्रदेश में जंगलराज चल रहा है, योगी सर्कार राज्य चलाने एवं महिलाओं को सुरक्षा देने में विफल साबित हुई है, जिस तरह से अपराधियों को संरक्षण मिल रहा है ये राज्य इस तरह से नहीं चलना चाहिए. उन्नाव रपे केस को लेकर मन बहुत दुखी है जिस लड़की को न्याय मिलना चाहिए था उसे ज़िंदा जला दिया गया. उन्होंने कहा की उन्नाव रेप केस के सभी आरोपियों को जल्द फ़ासी की सजा सुनाई जाए जिससे अपराधियों में डर पैदा हो और महिलाएं सुरक्षित मह्सूस करें.

फिल्म निर्देशक अनीता शर्मा ने कहा कि बड़े दुःख कि बात है इन्साफ की लड़ाई लड़ते लड़ते आज एक और बेटी ने हमारा साथ छोड़ दिया. बहुत ज़रूरी है की हमारी कानून व्यवस्था में भी परिवर्तन हो जिससे महिलाऐं सुरक्षित महसूस करें. उन्नाव की बेटी के साथ दरिंदगी करने वालों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए जिससे कि इस तरह के कुकर्म करने का अगर विचार भी आये तो उसको अंजाम देने से पहले कई बार सोचे.
Conclusion:
पहले भी ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं हैं जिनमें महिलाओं के साथ इससे भी अधिक बर्बरता की गई है और हर बार घटना के बाद एक ठोस कदम उठाने की बात कही जाती है. लेकिन घटना के कुछ दिन बीत जाने के बाद ही सारी बातें सिर्फ और सिर्फ किताबी बनकर रह जाती हैं, ना तो इस ओर कोई ठोस कदम उठाया जाता है ना ही अपराधियों को उनके द्वारा किए गए अपराध की सजा मिल पाती है. यही कारण है कि बेशक हम 21वीं सदी में रहने के दावे करते हैं और महिला सशक्तिकरण की बात करते हैं लेकिन आज भी हमारे समाज में बच्चियां, युक्तियां और महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं. जिसका जीता जागता उदाहरण हाल ही में उन्नाव और हैदराबाद सहित कई शहरों में देखने को मिला है.
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