नई दिल्ली/गाजियाबाद: पति की लंबी आयु के लिए होने वाला करवा चौथ का व्रत प्रतिज्ञा का भी व्रत है. इस करवा चौथ हम आपको गाजियाबाद की एक पत्नी की ऐसी प्रतिज्ञा भरी दास्तान बताएंगे, जिसे जानकर आप शायद यही कहेंगे कि यह सावित्री से कम नहीं है. दुर्भाग्य ने जब पति को लाचारी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया, तो पत्नी ने भाग्य रुपी फर्ज अपने कर्म से निभाया और आज पूरे परिवार का जिम्मा बखूबी उठा रही है.
गाजियाबाद के पटेल नगर इलाके में रोड किनारे एक मैकेनिक शॉप है, जिसपर पूनम बाइक रिपेयरिंग का काम करती हैं. पूनम को जो भी देखता है उनके बारे में जानने को इच्छुक हो जाता है. इस करवा चौथ हम आपको पूनम के बारे में बताते हैं. सतयुग की सावित्री यमराज के मुख से पति को वापस ले आई थी. कलयुग की पूनम भी सावित्री से कम नहीं हैं.
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साल 2009 में पति राजेश ऑटोमोबिल सेक्टर में काम करते थे. उनकी नौकरी इसलिए चली गई, क्योंकि उन्हें एक बीमारी हो गई थी. इस बीमारी में उनका आधा शरीर काफी हद तक काम करना बंद कर दिया था. सीधे हाथ ने पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया. ऐसे में अपनी बेटी और पति की जिम्मेदारी निभाने के लिए पूनम ने मैकेनिक शॉप खोली. पति राजेश उन्हें काम बताते गए और आज पूनम हर तरह की बाइक ठीक कर लेती हैं. वह अब पूरे घर का जिम्मा बखूबी उठा रही हैं. करवा चौथ के मौके पर पूनम की सिर्फ यहीं कामना है कि पति जल्द से जल्त ठीक हो जाएं.
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वहीं पति राजेश की आंखों में अपनी लाचारी और पूनम को काम करते देखकर आंसू आ जाते हैं. उनका कहना है कि उनकी पत्नी उनके लिए काफी भाग्यशाली हैं और पत्नी के भाग्य से ही उनका जीवन बचा है.
आमतौर पर रोड किनारे आपने कम ही महिलाओं को बतौर मैकेनिक वाहन रिपेयरिंग का काम करते देखा होगा. इसलिए जब सीधी-साधी घरेलू महिला पूनम को लोग बतौर मैकेनिक काम करते हुए देखते हैं तो उनके बारे में जानने की जिज्ञासा लेकर शॉप पर भी आते हैं और उनके बारे में जो भी जानता है वह पूनम के जज्बे को सलाम करता है.
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