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गाजियाबाद: उत्तराखंड आपदा के चलते गंगा जल सप्लाई बंद, छाया पानी का संकट - उत्तराखंड आपदा

उत्तराखंड के चमोली में आई आपदा के बाद गंग नहर में आ रहे पानी में सिल्ट की मात्रा काफी ज्यादा बढ़ गई थी. जिसके चलते गाजियाबाद के प्रताप विहार स्थित गंगाजल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से संबंधित इलाकों में गंगाजल की सप्लाई रोक दी गई.

Water crisis in Ghaziabad due to shutdown of Ganga water supply after Uttarakhand disaster
पानी का संकट
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Published : Feb 16, 2021, 12:57 PM IST

नई दिल्ली: गाजियाबाद और नोएडा के वासियों के लिए फिलहाल गंगाजल की सप्लाई का संकट खड़ा हो गया है. उत्तराखंड के चमोली में आई आपदा के बाद गंग नहर में आ रहे पानी में सिल्ट की मात्रा काफी ज्यादा बढ़ गई थी. जिसके चलते गाजियाबाद के प्रताप विहार स्थित गंगाजल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से संबंधित इलाकों में गंगाजल की सप्लाई रोक दी गई है.

गंगा जल सप्लाई बंद होने से छाया पानी का संकट

इससे प्रभावित होने वाले वसुंधरा, वैशाली,कौशांबी और सूर्य नगर जैसे पॉश इलाकों के अलावा, नोएडा में भी गंगा जल सप्लाई नहीं की जा रही है. अधिकारियों का कहना है कि पानी में सिल्ट यानी बालू और रेत की मात्रा काफी ज्यादा बढ़ गई है. उत्तराखंड आपदा के बाद ऐसा हुआ है। जिसके चलते सभी इलाकों में वाटर सप्लाई बाधित हुई है.




क्या कहते हैं संबंधित इलाकों के लोग

वहीं इस मामले में वसुंधरा और वैशाली में रहने वाले लोगों का कहना है कि गंगा जल सप्लाई रुकने से काफी ज्यादा मुश्किल खड़ी हो गई है. गर्मी बढ़ने से पानी की खपत बढ़ जाती है. हालांकि लोगों को जानकारी है कि सप्लाई रोकने के पीछे क्या मजबूरी थी. अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल संबंधित इलाकों में नगर निगम और प्रशासन की तरफ से वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. ट्यूबवेल से इन इलाकों में पानी दिया जा रहा है.

दिवाली से पहले करीब 1 महीने बंद रहती है सप्लाई

आमतौर पर हर साल दिवाली से पहले उत्तराखंड में गंग नहर की सफाई की जाती है. उस दौरान करीब 1 महीने तक गंगाजल की सप्लाई बंद रहती है. इस दौरान लोगों को ट्यूबवेल का पानी इस्तेमाल करना पड़ता है. हालांकि पानी पीने योग्य नहीं कहा जा सकता है. इसलिए लोगों को पानी की बोतल खरीद कर पानी पीना पड़ता है.

ये भी पढ़ें:-गाजियाबाद: 40 का प्याज 60 के पार, गृहणियां परेशान

लेकिन अचानक आई आपदा के बाद एनसीआर पर संकट गहरा गया है. अधिकारियों का कहना है कि किसी भी वक्त गंगाजल की सप्लाई शुरू की जा सकती है. दो बार बंद करके भी इसे दोबारा सुचारू किया जा चुका है. लेकिन पुख्ता रूप से कब सप्लाई सुचारु होगी, यह कह पाना मुश्किल है.

नई दिल्ली: गाजियाबाद और नोएडा के वासियों के लिए फिलहाल गंगाजल की सप्लाई का संकट खड़ा हो गया है. उत्तराखंड के चमोली में आई आपदा के बाद गंग नहर में आ रहे पानी में सिल्ट की मात्रा काफी ज्यादा बढ़ गई थी. जिसके चलते गाजियाबाद के प्रताप विहार स्थित गंगाजल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से संबंधित इलाकों में गंगाजल की सप्लाई रोक दी गई है.

गंगा जल सप्लाई बंद होने से छाया पानी का संकट

इससे प्रभावित होने वाले वसुंधरा, वैशाली,कौशांबी और सूर्य नगर जैसे पॉश इलाकों के अलावा, नोएडा में भी गंगा जल सप्लाई नहीं की जा रही है. अधिकारियों का कहना है कि पानी में सिल्ट यानी बालू और रेत की मात्रा काफी ज्यादा बढ़ गई है. उत्तराखंड आपदा के बाद ऐसा हुआ है। जिसके चलते सभी इलाकों में वाटर सप्लाई बाधित हुई है.




क्या कहते हैं संबंधित इलाकों के लोग

वहीं इस मामले में वसुंधरा और वैशाली में रहने वाले लोगों का कहना है कि गंगा जल सप्लाई रुकने से काफी ज्यादा मुश्किल खड़ी हो गई है. गर्मी बढ़ने से पानी की खपत बढ़ जाती है. हालांकि लोगों को जानकारी है कि सप्लाई रोकने के पीछे क्या मजबूरी थी. अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल संबंधित इलाकों में नगर निगम और प्रशासन की तरफ से वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. ट्यूबवेल से इन इलाकों में पानी दिया जा रहा है.

दिवाली से पहले करीब 1 महीने बंद रहती है सप्लाई

आमतौर पर हर साल दिवाली से पहले उत्तराखंड में गंग नहर की सफाई की जाती है. उस दौरान करीब 1 महीने तक गंगाजल की सप्लाई बंद रहती है. इस दौरान लोगों को ट्यूबवेल का पानी इस्तेमाल करना पड़ता है. हालांकि पानी पीने योग्य नहीं कहा जा सकता है. इसलिए लोगों को पानी की बोतल खरीद कर पानी पीना पड़ता है.

ये भी पढ़ें:-गाजियाबाद: 40 का प्याज 60 के पार, गृहणियां परेशान

लेकिन अचानक आई आपदा के बाद एनसीआर पर संकट गहरा गया है. अधिकारियों का कहना है कि किसी भी वक्त गंगाजल की सप्लाई शुरू की जा सकती है. दो बार बंद करके भी इसे दोबारा सुचारू किया जा चुका है. लेकिन पुख्ता रूप से कब सप्लाई सुचारु होगी, यह कह पाना मुश्किल है.

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