नई दिल्ली/गाजियाबाद : गाजियाबाद की रहने वाली सोशल एक्टिविस्ट बरखा वर्षा भी अफगानिस्तान में कुछ साल बिता कर आई हैं. उन्होंने अफगानिस्तान की महिलाओं की स्थिति पर बात करते हुए कहा कि हालात बेहद खराब हैं. उन्होंने कहा कि वहां पर महिलाओं का दर्द और तकलीफ काफी ज्यादा है. उन्होंने यह सब अपनी आंखों से देखा था. पिछले हफ्ते ही बरखा भारत लौट कर आई हैं.
बरखा वर्षा ने बातचीत में बताया कि महिलाएं वहां पहले से ही डरी हुई है कि अब ऑफिस नहीं जा पाएंगी. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में वह कई महिलाओं को जानती हैं, जो उनके टीम के मेंबर की तौर पर काम कर रही है. वहां की महिलाओं से अक्सर वीडियो कॉल पर बातचीत होती है. उन्होंने कहा कि महिलाएं बताती हैं कि बड़ी मुश्किल से उन्हें नौकरियां मिली थी, लेकिन अब सब कुछ छिनता हुआ दिखाई दे रहा है.
बरखा वर्ष ने कहा कि तालिबान के दो चेहरे हैं. ऊपर से दिखाया जा रहा है कि महिलाओं के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन महिलाओं पर अत्याचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि लेडी गवर्नर कहां है, यह भी किसी को नहीं पता. उन्होंने बताया कि बुर्के की दुकान पर महिलाओं की भीड़ लगी रहती है क्योंकि तालिबानी शासन में बुर्का पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. इसलिए सभी महिलाएं बुर्का लेना चाहती हैं.
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बरखा वर्ष ने कहा कि अफगानिस्तान में महिलाओं में काफी ज्यादा दहशत देखने को मिल रही है. कई महिलाएं ऐसी हैं जो वहां से कॉल कर रही हैं कि उनके पास खाने-पीने का सभी सामान खत्म हो चुका है. अब आगे क्या होगा पता नहीं. लोग घरों में कैद होकर रह गए हैं. उन्होंने कहा कि भारतीय लोगों को सबसे बड़ा झटका वहां पर एंबेसी बंद होना है. काफी तादाद में भारतीय लोग वहां फंसे हुए है. उन भारतीय लोगों को निकाला जाना चाहिए.
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