नई दिल्ली/गाजियाबाद: सावन का महीना शुरू होने के बाद गंगाजल लेने जाने के लिए देश के अलग-अलग राज्यों से शिव भक्त कावड़ियों का जनसैलाब हरिद्वार गंगा घाट पर जाने के लिए पैदल सड़कों पर उमड़ता था. जिसके कारण सड़क पर प्रसाद और कावड़ियों की ड्रेस, चश्मे जैसे सामान बेचने वाले दुकानदारों की चांदी होती थी और उनका रोजगार अच्छा चलता था. लेकिन इस बार कावड़ यात्रा स्थगित होने के बाद छोटा हरिद्वार गंग नहर पर हर साल प्रसाद और कावड़ियों की ड्रेस बेच कर अपना गुजारा करने वाले दुकानदार निराश बैठे हुए हैं. इसी को लेकर ईटीवी भारत ने दुकानदारों से खास बातचीत की.
कावड़ यात्रा स्थगित होने से हुआ नुकसान
ईटीवी भारत को छोटा हरिद्वार गंगा नहर पर 4 साल से प्रसाद और सावन के महीने में कावड़ियों के लिए ड्रेस बेचने का काम करने वाले अशोक गिरी ने बताया कि सावन का महीना शुरू होते ही गंग नहर पर श्रद्धालुओं की भीड़ रहती थी. लेकिन इस बार कावड़ यात्रा स्थगित होने से यहां पर सन्नाटा पसरा हुआ है. उन्होंने बताया कि वह सावन के महीने में कावड़ियों के लिए अपनी दुकान पर ड्रेस भी बेचते थे, लेकिन इस बार कोरोना की वजह से कावड़ यात्रा स्थगित होने से उनका काम बंद हो गया है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि उनके परिवार के सदस्य का कांवड बनाकर बेचने का काम थे, लेकिन इस बार उनके कावड़ भी नहीं बिक पाएंगे.
सावन मेला ना लगने से होगा नुकसान
वहीं 14 साल से छोटा हरिद्वार गंग नहर पर प्रसाद की दुकान लगा रहे सोनू गिरी ने बताया कि सावन का महीना शुरू होते ही गंग नहर पर सावन का मेला लगता था, जिसमें उनको उम्मीद होती थी कि उनकी दुकानदारी अच्छी चलेगी, जिससे वह अपने परिवार का अच्छा गुजारा कर सकेंगे. लेकिन इस बार कावड़ यात्रा स्थगित होने से उनके पास सावन के महीने में बिकने वाला जो भी सामान रखा है, वह बेकार हो जाएगा. इसके साथ ही उनका कहना है कि पूरी दुनिया और देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस फैली हुई है, जिसकी वजह से सबको नुकसान हो रहा है.